By अंकित सिंह | Aug 29, 2019
जिसे देख कर आपने खेलना शुरू किया हो, उसे आपने अपना आदर्श या भगवान माना हो और उसी के खिलाफ आप खेलते हुए पहली बाजी मार लो। यह एक ऐसा सपना है जो हर खिलाड़ी सोते-जागते देखता है। लेकिन कहते हैं ना सपना तभी देखो जब पूरा करने की माद्दा रखते हो और यही कर दिखाया है भारत के युवा टेनिस स्टार सुमित नागल ने। ग्रैंडस्लैम में अपने पदार्पण की स्वप्निल शुरुआत करते हुए सुमित नागल ने वह जज्बा और जुझारूपन दिखाया जिसकी महज हम कल्पना कर सकते हैं। नागल ने अपने आदर्श दिग्गज रोजर फेडरर के खिलाफ खेलते हुए पहले सेट में बाजी मार ली। भले ही नागल मुकाबला ना जीत पाए पर उन्होंने सवा सौ करोड़ भारतीयों और विश्व के समस्त खेल प्रेमियों का दिल जरूर जीत लिया। जिस खिलाड़ी से भिड़ने से पहले बड़े-बड़े महारथी भी ईश्वर वंदना में जुट जाते हैं, उसके खिलाफ खेलते हुए सुमित ने अपने उस अदम्य साहस का परिचय दिया जो लाखों युवाओं को प्रेरित करती रहेंगी।
इसे भी पढ़ें: सुमित नागल ने सेट और दिल जीता, रोजर फेडरर ने मैच
भारत में बहुचर्चित US ओपन के इस मैच में झज्जर के 22 वर्षीय सुमित नागल ने अपनी प्रतिभा की झलक दिखाते हुए यह मुकाबला 4-6, 6-1, 6-2, 6-4 से गंवाया। फेडरर पहले सेट में संघर्ष करते दिखे जिसका फायदा सुमित नागल ने उठाया। फेडरर ने पहले सेट में 19 सहज गलतियां कीं जबकि नागल ने इस बीच केवल नौ ऐसी गलतियां कीं। नागल पिछले 20 वर्षों में ग्रैंडस्लैम के पुरुष एकल मुख्य ड्रा में एक सेट जीतने वाले केवल चौथे भारतीय हैं। इसकी विशेषता यह रही कि यह सेट उन्होंने फेडरर के खिलाफ जीता जिनके नाम पर 20 ग्रैंडस्लैम खिताब दर्ज हैं। पिछले दो दशक में नागल से पहले ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में केवल सोमदेव देवबर्मन, युकी भांबरी और साकेत मयनेनी ही एक सेट जीतने में कामयाब रहे थे। नागल की यह कामयाबी भले ही छोटी दिखती तो पर यह एक उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा जरूर करती है।
इसे भी पढ़ें: सुमित नागल के मुरीद हुए रोजर फेडरर, कहा- उनका भविष्य उज्ज्वल है
नागल के इस प्रदर्शन को देख फेडरर भी उनके मुरीद हो गए। रोजर फेडरर ने यूएस ओपन के पहले दौर में जीत दर्ज करने के बाद कहा कि इस भारतीय युवा टेनिस खिलाड़ी का भविष्य उज्ज्वल है। फेडरर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि वह जानता है कि वह क्या कर सकता है। इसलिए मेरा मानना है कि उसका अच्छा कॉरियर होगा।" नागल की खासियत पर बात करते हुए फेडरर ने कहा, ‘‘उसने जिस तरह से इस क्षण को नियंत्रित किया। कोर्ट पर उतरकर अपना सर्वश्रेष्ठ देना कभी आसान नहीं होता। हालांकि आप इसके लिये जीते हो, आप इसका सपना देखते हो, बड़े मंच पर खेलते हो। इसलिए मेरा मानना है कि उसने यह सब अच्छी तरह से किया।’’ हां, फेडरर ने नागल को एक सलाह जरूर दी और वह थी अपने खेल में निरंतरता को बनाये रखना।
कौन हैं सुमित नागल
सुमित नागल हरियाणा के झज्जर के रहने वाले हैं। उनके पिता सुरेश नागल सेना में हैं। नागल परिवार में किसी की खेलों में रुचि तो कभी नहीं रही पर फौजी पिता का झुकाव टेनिस की ओर जरूर था। और शायद इसी बात ने सुमित नागल को टेनिस में आने के लिए प्ररित भी किया। पिता ने भी सुमित की खूब मदद की और आठ साल की उम्र में ही टेनिस खेलना शुरू कर दिया। सुमित के खेल में कुशल प्रशिक्षण का पंख लगाने के लिए नागल परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। 2010 में सुमित को बड़ा मौका तब निला जब उन्हें एक प्रयोजित टैलेंट सर्च प्रतियोगिता में चुन लिया गया। सुमित की उड़ान की शुरूआत यही से होती है। बाद में सुमित ने भारतीय दिग्गज महेश भूपति की एकेडमी में भी प्रशिक्षण लिया। सुमित कनाडा, स्पेन, जर्मनी में भी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। सुमित ने महज 22 साल की उम्र में वह कमाल कर दिकाया है जिसे करने में कई वर्ष लग जाते हैं। सुमित की मां कृष्णा ने कहा कि सुमित ने हमें गर्व करने का मौका दिया है। मुझे उम्मीद है कि सुमित भविष्य में अच्छा करेगा और देश को गौरव प्रदान करेगा।