By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 17, 2019
नई दिल्ली। भारत के पारंपरिक खेल खो-खो के पहले आधिकारिक लीग के आयोजन की घोषणा हो चुकी है। अब इस खेल और लीग को रोमांचक तथा लोकप्रिय बनाने के लिए इस खेल के नियमों में कुछ रोचक बदलाव किए गए हैं। फ्रेंचाइजी आधारिक इस लीग को अल्टीमेट खो खो लीग कहा जा रहा है और इसका आयोजन इस साल नवम्बर में प्रस्तावित है।
खो-खो के नए अवतार को इस तरह तैयार किया गया है कि इसे खेल रोमांचक होने के साथ-साथ रफ्तार में तेज हो और लोगों को अंत तक बांधे रखे। इस लीग को संक्षिप्त, परिणाम आधारित और ऊर्जा से भरपूर बनाने के लिए एक पारी में नौ की जगह सात मिनट का समय दिया जाएगा। दो मिनट का समय हटा दिया गया है। नए फारमेट में रणनीति आधारित खेल हो, यह सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है। प्रति मैच में हर पारी में चार टर्न लिए जा सकते हैं और मैच की कुल अवधि 28 मिनट होगी।
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नए अवतार की घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भारतीय खो-खो महासंघ के चेयरमैन और भारतीय ओलम्पिक संघ के महासचिव श्री राजीव मेहता ने कहा कि नए फारमेट के साथ भारत में इस पारंपरिक खेल की लोकप्रियता में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। खिलाड़ियों को अधिक से अधिक अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा और अल्टीमेट खो खो लीग खिलाड़ियों को जरूरी एक्सपोजर देने के साथ-साथ उनके प्रति लोगों का ध्यान भी अपनी ओर खींचेगी।
नए अवतार का सबसे आकर्षक पक्ष यह है कि मैचों में हर टीम में एक ‘वजीर’ होगा, जिसे दाएं या बाएं विंग में घूमने की आजादी होगी लेकिन वह सेंटर लाइन नहीं पार कर सकता। उसे हर समय एक परफेक्ट खो के लिए प्रयास करना होगा, नहीं तो उसका प्रयास फाउल माना जाएगा। वजीर को ट्रम्प कार्ड माना जाएगा और इसका उपयोग कोई भी टीम अपने अंकों को बढ़ाने और आक्रमण को तेज करने के लिए कर सकती है। इस नवाचार के बारे में भारतीय खो खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा कि हमने इस खेल को अत्याधुनिक, रोचक और दोस्ताना बनाने के लिए वजीर का परिचय कराया है। हमें उम्मीद है कि लोग इस पारंपरिक खेल में लाए गए हमारे इस नवाचार को पसंद करेंगे।
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मैचों का रोमांच बनाए रखने के लिए अंक प्रणाली में बदलाव किया गया है। हर एक स्काइडाइव (डिफेंडर को टैग करने के लिए खिलाड़ी हवा में उछलता है) पर टीम को एक अतिरिक्त अंक मिलेगा और इसी तरह पोल डाइव पर भी टीमों को एक अतिरिक्त अंक मिलेगा। नियमित टैग्स को नियमों में बदलाव नहीं हुआ है और इसके लिए पहले की तरह एक अंक ही मिलेगा। भारतीय खो खो महासंघ के महासचिव श्री एमएस त्यागी ने कहा कि महासंघ होने के नाते हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि आने वाली लीग खिलाड़ियों पर आधारित होगी और लोगों को भी पसंद आएगी। हम इस लीग के माध्यम से देश में खो खो की नई प्रतिभाएं तलाशना चाहते हैं और इस क्रम में यह निश्चित तौर पर सहायक साबित होगी।
बदलावों को ध्यान में रखते हुए डिफेंडरों को बदलने का नया नियम भी लागू किया जा रहा है। हर पारी के आधार पर रिब्यू सिस्टम लागू होगी और हर टीम को हर पारी में दो रेफरल का अधिकार होगा। एक रिब्यू के बेकार जाने पर विपक्षी टीम को एक अतिरिक्त अंक मिलेगा। फॉलो ऑन और सडेन डेथ इस खेल को पुराने नियम के आधार पर ही लागू होंगे। खो-खो 2020 एशियाई खेलों में एक्जीविशनल स्पोर्ट के तौर पर खेला जाएगा और यह लीग भारत के खिलाड़ियों को विश्व के दिग्गज खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिलेगा, जिससे उनके खेल में सुधार होगा। इस लीग में आठ टीमें हिस्सा ले रही हैं।
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डाबर फूड्स के उपाध्यक्ष और अल्टीमेट खो-खो के प्रोमोटर अमित बर्मन ने कहा कि हमने इसमें विजन देखा। इसके पीछे मकसद खेल को पूरी तरह से बदलना है और देश के कोने-कोने में पहुंचाना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग खो-खो को जानें। प्रमोटर के तौर पर हमसे इस लीग को सफल बनाने के लिए जो बन पड़ेगा वो हम करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अल्टीमेट खो-खो खेल में नए युग की शुरुआत करेगी और इसे बदलने वाला साबित होगी।
पहले सीजन में प्रशंसकों का ध्यान खींचने के लिए टीवी पर इसे दिखाने बेहद जरूरी है। नया संस्सकरण और छोटा प्रारुप तथा प्रशंसक को भाने वाला फॉर्मेट लीग की सही शुरुआत में मददगार होगा। अल्टीमेट खो-खो के सीईओ टेनजिंग नियोगी ने कहा, ‘‘त्वरित खुशी, कम समय में ध्यान आकर्षित करने और नया तरीका अहम चीजें और दर्शक को दिखना चाहिए की आपका खेल समय बिताने के लिए सही है। ब्रांड्स दर्शकों को टारगेट करने के लिए इम्पेक्ट स्पोटर्स को देखते हैं और अल्टीमेट खो-खो के साझेदार तथा हितधारकों को इस नए प्रारूप से फायदा होगा। हर टीम में 15 खिलाड़ी होंगे, जिसमें से दो अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी और दो अंडर-18 टीम का होना अनिवार्य है। इससे पता चलता है कि लीग किस तरह से जमीनी स्तर पर खेल के विकास के लिए काम करने को तैयार है।