By नीरज कुमार दुबे | Oct 12, 2023
केंद्र की मोदी सरकार ने देश के सीमावर्ती गांवों का भाग्य बदल कर रख दिया है। एक समय था जब सीमावर्ती गांव अलग-थलग महसूस करते थे लेकिन अब वहां विकास पहुँचने से स्थानीय लोगों को बड़ा फायदा हो रहा है। खासतौर पर कश्मीर की बात करें तो पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम होने से सीमावर्ती गांवों के लोगों का जीवन ही बदल गया है। संघर्षविराम के चलते सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को अब जब तब अपने परिवार और कीमती सामान को लेकर बंकरों में नहीं भागना पड़ता है। संघर्षविराम के चलते सीमावर्ती क्षेत्रों के किसानों को अपनी फसल की देखरेख करने में भी आसानी होती है और गोलाबारी के चलते उनकी फसल को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों को जिस तरह विकसित किया जा रहा है उससे यहां पर्यटक भी आ रहे हैं जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। यहां बाइटें लग जायेंगी।
हम आपको यह भी बता दें कि कुछ साल पहले तक देश के सीमावर्ती गांव विकास के लिए तो तरसते ही थे साथ ही आखिरी गांव का जो ठप्पा उन पर लगा हुआ था उससे भी वह परेशान रहते थे। लेकिन समय बदला और सीमावर्ती गांवों तक विकास पहुँचने लगा और जिन गांवों के बाहर कल तक आखिरी गांव का बोर्ड लटका रहता था आज वहां पहले गांव का बोर्ड लगा दिखाई देता है। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सीमा से सटे भारतीय गांवों की बात करें तो यहां हाल के वर्षों में अभूतपूर्व विकास हुआ है और सुविधाएं भी बढ़ायी गयी हैं।