By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 24, 2021
नयी दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को कहा कि भारत श्रम बल भागीदारी में स्त्री-पुरूष अंतर कम करने के लिए सामूहिक प्रयास कर रहा है। घोषणा और रोजगार कार्य समूह प्राथमिकताओं पर यहां जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की ‘ऑनलाइन’ बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि देश शिक्षा, प्रशिक्षण, कुशलता, उद्यमिता विकास और समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित कर रहा है।
मंत्रालय ने गंगवार के हवाले से एक बयान में कहा कि मजदूरी पर नई संहिता, 2019 से मजदूरी, नियुक्ति और रोजगार की शर्तों में स्त्री-पुरूष आधारित भेदभाव कम होगा। सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सभी प्रतिष्ठानों में सभी प्रकार के कार्य के लिए महिलाएं हकदार हैं। नियोक्ताओं को उनकी सुरक्षा और काम के घंटों के प्रावधान सुनिश्चित करने होंगे। मंत्री ने कहा कि महिलाएं अब रात के समय भी काम कर सकती हैं। वेतन के साथ मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में महिला उद्यमियों को छोटे उद्यम शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दी गई है। इस योजना के तहत बिना गारंटी के9 लाख करोड़ रुपये ऋण वितरित किए गए हैं। इस योजना में लगभग 70 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं।
मंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा संबंधी नई संहिता में अब स्वरोजगार और कार्य बल के अन्य सभी वर्गों को भी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में शामिल किया जा सकता है। असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 2019 में शुरू की गई स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना में 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान है। गंगवार ने संयुक्त मंत्रिस्तरीय घोषणा को अपनाने का समर्थन करते हुए इस बात पर जोर दिया कि सदस्य देशों द्वारा इस तरह की पहल पूरी युवा पीढ़ी के समग्र विकास और क्षमता निर्माण के लिए काफी मददगार साबित होगी। रोजगार कार्य समूह ने महिलाओं के रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और दूरदराज के कामकाज सहित प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।