By अंकित सिंह | Sep 21, 2022
गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आज भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रोफ़ेसर के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा पर ज़ोर दिया जा रहा है। एक समय था जब हम बात करते थे कि GDP का 3%, 4% या 5% शिक्षा पर खर्च होना चाहिए। हमारा ये भी कहना था कि शिक्षा को नज़रअंदाज़ किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि आज हम यह कह सकते हैं कि हमारे यहां जो शिक्षण संस्थान है वे पुनरुद्धार के पथ पर हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से प्राचीन वैभव देने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा 2,700 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
नड्डा ने कहा कि एक रचनात्मक व्यक्ति को यह ध्यान में रखना चाहिए कि एक आदमी उसे प्रमाण पत्र देने के लिए बहुत छोटा है। सबसे अच्छा प्रमाण पत्र जो मिलता है वह उस आत्म-संतुष्टि से होता है जो उसने किया है। उन्होंने कहा कि विद्या का केंद्र भारत रहा है और विश्वविद्यालय के जन्मदाता भी भारत ही है। गुरु-शिष्य की परंपरा, गुरुकुल की हमारी ही बहुत पुरानी परंपरा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की अवधारणा इसी पवित्र भूमि, भारत से आई है। नालंदा, तक्षशिला शिक्षा के केंद्र थे। इसके अलावा, भारत से गुरुकुल की परंपरा का उदय हुआ। नड्डा ने दावा किया कि सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। नालंदा विश्वविद्यालय को अपने प्राचीन गौरव को प्राप्त करने में मदद करने के लिए 2,700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नेहरू के कार्यकाल में केवल एक एम्स खोला गया था। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 7 एम्स खोले और पीएम मोदी ने 22 खोले। 723 से अब हमारे पास भारत में 1043 विश्वविद्यालय हैं।
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि हमें विकसित भारत के लिए काम करना है। इसके लिए हार्डवेयर यानि, इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ उसके अंदर का सॉफ्टवेयर भी डेवलप हो। इसके लिए हमें काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 दी। नीति बनाने के लिए 2.5 लाख ग्राम पंचायतों और लगभग 12,500 स्थानीय निकायों को शामिल किया गया, और 675 जिलों में चर्चा की गई। यह सब एनईपी 2020 के परिणामस्वरूप हुआ। नड्डा ने आगे कहा कि अब हम अपने अच्छे शिक्षण संस्थानों को दुनिया में भी स्थापित करने पर काम कर रहे हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IITs) भारत में तो हैं ही, हमारा प्रयास है अब विदेशों में भी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खुलें। वहां भी हम योगदान कर सकें, इस पर भी हम काम कर रहे हैं।