By नीरज कुमार दुबे | Aug 25, 2023
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यूनान के अपने समकक्ष किरियाकोस मित्सोताकिस से मुलाकात की और इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एथेंस में यूनानी राष्ट्रपति कैटरीना एन सकेलारोपोलू द्वारा ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से सम्मानित भी किया गया। इसके बाद यूनानी प्रधानमंत्री ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में, भारत और यूनान सैन्य संबंधों के अलावा रक्षा औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने तय किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर पर संस्थागत भारत-यूनान संवाद ढांचा होना चाहिए।
प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत
इससे पहले ढोल-नगाड़ों की थाप और ‘वंदे मातरम’ के नारों के बीच प्रधानमंत्री मोदी का एथेंस में उनके होटल के बाहर बड़ी संख्या में एकत्र हुए प्रवासी भारतीयों ने जोरदार स्वागत किया। तिरंगा थामे वहां खड़े कई लोगों ने प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी ली, उनसे ऑटोग्राफ लिए तथा उनसे हाथ भी मिलाया। यूनान में भारतीय समुदाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत के लिए उत्साहित दिखा। उन्होंने ‘मोदी जी की जय’ के नारे लगाए और बॉलीवुड के गानों ‘चक दे’ और ‘जय हो’ पर डांस किया। समुदाय के सदस्यों ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में यूनान और भारत के संबंध मजबूत होंगे। इसलिए हम प्रधानमंत्री से इसकी उम्मीद कर रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने यूनान में अपने कार्यक्रमों की शुरुआत एथेंस में अज्ञात सैनिकों के मकबरे पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की। इसके बाद उन्हें एक समारोह में ‘सलामी गारद’ पेश किया गया।
हम आपको बता दें कि मोदी, यूनान के प्रधानमंत्री मित्सोताकिस के निमंत्रण पर यहां आए हैं। वह दक्षिण अफ्रीका से यूनान की राजधानी पहुंचे। यूनान के विदेश मंत्री जॉर्ज गेरापेट्रिटिस ने हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से प्रधानमंत्री का स्वागत किया। यूनान के इस प्राचीन शहर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ‘गुमनाम सैनिकों के मकबरे’ पर श्रद्धांजलि अर्पित की। गुमनाम सैनिकों का मकबरा एथेंस में सिंटाग्मा स्क्वायर में स्थित एक युद्ध स्मारक है, जो पुराने रॉयल पैलेस के सामने है। यह विभिन्न युद्धों के दौरान मारे गए यूनान के सैनिकों को समर्पित है।
हम आपको यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूनान यात्रा पिछले 40 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूनान की पहली यात्रा है। यूनान की आखिरी उच्च-स्तरीय यात्रा सितंबर 1983 में हुई थी जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश की यात्रा की थी। हम आपको यह भी बता दें कि भारत और यूनान की सभ्यताओं के बीच संबंध रहे हैं, जो हाल के वर्षों में समुद्री परिवहन, रक्षा, व्यापार एवं निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग और लोगों के बीच आपसी संबंधों के माध्यम से मजबूत हुए हैं।