By अभिनय आकाश | Sep 25, 2024
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट और सेना समर्थित अंतरिम सरकार कमान संभाले जाने के करीब महीने बाद पहली बार भारत और बांग्लादेश के बीच हाई लेवल टेबल टॉक हुई है। बैठक न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र के दौरान हुई। विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर ने बांग्लादेश के अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस की टीम के एक प्रमुख सदस्य और विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। दोनों नेताओं की मंगलवार को मुलाकात हुई और उनकी बातचीत भारत-बांग्लादेश संबंधों पर केंद्रित रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूनुस की यूएनजीए के दौरान मुलाकात की भी संभावना थी, दोनों नेताओं के आगमन और प्रस्थान के अलग-अलग समय होने की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका।
किन मुद्दों पर हुई बात
जयशंकर और हुसैन के बीच द्विपक्षीय बैठक हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के मद्देनजर बांग्लादेश में बढ़ती भारत विरोधी भावना के बीच हुई।
जयशंकर ने बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की बहाली पर भारत के जोर को दोहराया।
हुसैन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान, जयशंकर ने कथित तौर पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
माना जा रहा है कि जयशंकर ने शांतिपूर्ण और स्थिर बांग्लादेश के साथ काम करने की भारत की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की है।
हुसैन और जयशंकर की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही दिन पहले हुसैन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि यह आदर्श स्थिति नहीं है कि सरकारें कहें कि रिश्ते अच्छे हैं जबकि बांग्लादेश के लोगों में भारत विरोधी भावनाएं हैं।
जयशंकर से मिलने से ठीक पहले हुसैन ने कहा कि समस्या को स्वीकार करना उसके समाधान के लिए महत्वपूर्ण है। हम निश्चित रूप से तनाव को दूर करने और कामकाजी संबंध बनाए रखने की कोशिश करेंगे। रिश्ते आपसी सम्मान और निष्पक्षता पर आधारित होने चाहिए।
इसके अलावा, दोनों नेताओं के बीच यह बैठक हुसैन द्वारा यह कहे जाने के एक सप्ताह बाद हुई है कि बांग्लादेश पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध रखना चाहता है। हम भी पाकिस्तान के साथ संबंधों में यथासंभव आगे बढ़ना चाहते हैं। पाकिस्तान के साथ हमारे कुछ मुद्दे हैं जिन पर चर्चा रुकी हुई है।