By अभिनय आकाश | Mar 29, 2025
आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन यानी सीडीआरआई एक आपदा रोधी इंफ्रास्ट्रक्चर गठबंधन राष्ट्रीय सरकारों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और कार्यक्रमों, बहुपक्षीय विकास बैंको और वित्तपोषण तंत्रों, निजी क्षेत्रों और शौक्षणिक और ज्ञान संस्थानों की एक बहु हितधारक वैश्विक साझेदारी है। ये इंफ्रास्ट्रक्चर प्रणालियों और इसके साथ जुड़े विकास में लचीलापन बनाने की चुनौतियों का समाधान करता है। ये एक ऐसा संस्थान है जो निर्मित भारत के द्वारा हुआ और इसे पूरी दुनिया स्वीकार करती चली गई। पीएम मोदी ने एक समिट को संबोधित करते हुए बताया कि भारत अब ‘इंडिया फर्स्ट’ नीति के तहत काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अब सभी देशों से समान और मजबूत संबंध बना रहा है। उन्होंने आपदा प्रबंधन में भारत के योगदान को रेखांकित करते हुए आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) और ‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन’ (आईएसए) जैसी पहल का जिक्र किया।
सीडीआरआई की जरूरत क्यों
इंफ्रास्ट्रक्चर आर्थिक विकास का बड़ा योगदानकर्ता है। ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर हब के मुताबिक साल 2016 से 2040 के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश के लिए हर साल यूएस $3.7 ट्रिलियन की जरूरत होगी। इस इंफ्रास्ट्रक्चर का एक बड़ा हिस्सा बेहद अनिवार्य रूप से प्राकृतिक खतरों के संपर्क में आ जाएगा। बढ़ती वैश्विक आबादी की बढ़ती मांगों और अप्रत्याशित जोखिम पैटर्न के साथ मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। खतरनाक क्षेत्रों में नया इंफ्रास्ट्रक्चर इसके जरिए बनाया जाएगा। कुल मिलाकर कहे तो सीडीआरआई एक वैश्विक भागीदारी है, जिसका उद्देश्य जलवायु और आपदा जोखिमों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रणालियों को मजबूती से बढ़ावा देना, जिससे सतत विकास सुनिश्चित हो सके।
कौन कौन से देश इसके सदस्य हैं
साल 2017 में नरेंद्र मोदी ने जी-20 की बैठक में सीडीआरआई के गठबंधन का प्रस्ताव रखा था। पीएम मोदी का कहना था कि आपदा के वक्त तुरंत एक्शन न होने की वजह से कई देशों में लोग परेशान होते हैं। कई बार संकट और ज्यादा बढ़ जाता है। इससे निपटने के लिए एक फोरम की जरूरत है। पीएम मोदी के इस प्रस्ताव को 2023 में स्वीकार कर लिया गया। वर्तमान में सीडीआरआई में 43 देश शामिल हैं। यह संगठन यूनाइटेड नेशन के अधीन काम कर रहा है। सीडीआरआई में अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे प्रमुख देश भी शामिल है।