By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 24, 2020
नयी दिल्ली। भारत डंपिंग रोधी शुल्क को कथिति तौर पर धता बता कर किए जाने वाले आयात से घरेलू उद्योगों को बचाने के लिये चीन और कोरिया से आयात किये जाने वाले एक रसायन पर छल- रोधी शुल्क लगा सकता है। इस रसायन का इस्तेमाल इलेक्ट्रिकल, इलेकट्रॉनिक, मैकेनिकल एवं रासायनिक कार्यों में किया जाता है गुजरात फ्लूरोकेमिकल्स लिमिटेड ने घरेलू उद्योगों की तरफ से इस बारे में संबंधित निदेशालय के समक्ष शिकायत दर्ज कराकर मामले की जांच करने और जरूरी शुल्क लगाने का आग्रह किया था।इसके बाद वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने उसपर डंपिंग रोधी शुल्क के साथ छल किए जाने के आरोपों को लेकर जांच शुरू की है। इस मामले में जांच की अवधि अप्रैल 2019 से दिसंबर 2019 (नौ माह) होगी।
इस दौरान घरेलू उद्योगों को होने वाले नुकसान के आकलन के लिए 2016 से 2019 तक के आंकड़े लिये जायेंगे। आरोप है कि रूस और चीन से पोलिटेट्राफ्लूरोएथलिन के आयात पर लगाये गये डंपिंग रोधी शुल्क से बचने के लिए छल किया जा रहा है।डीजीटीआर ने अधिसूचना में कहा है, ‘‘आवेदक की शुल्क को बढ़ाने के आवेदन के आधार पर ... प्राधिकरण एतत् द्वारा छल- रोधी जांच की शुरुआत कर रहा है।मामले में कोरिया गणराज्य और चीन के उत्पाद शामिल हैं।’’ अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संदर्भ में जब कोई देश अथवा कंपनी उसके घरेलू बाजार के दाम से भी कम दाम पर उत्पाद का निर्यात करती है तब उसे माल की डंपिंग माना जाता है।ऐसे उत्पाद की डंपिंग से आयात होने वाले देश के उद्योगों और विनिर्माताओं को नुकसान पहुंचता है।