भारत एवं बांग्लादेश ने आतंकवाद निरोधक सहयोग बढ़ाने पर आज प्रतिबद्धता जतायी जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कट्टरपंथ के विस्तार को न केवल दोनों देशों बल्कि समूचे क्षेत्र के लिए एक गंभीर खतरा करार दिया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से बातचीत के बाद मोदी ने बांग्लादेश को सैन्य खरीद में मदद के लिए 50 करोड़ अमेरिकी डालर की ऋण सुविधा प्रदान करने की घोषणा की। मोदी ने हसीना के साथ संयुक्त मीडिया सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारी भागीदारी से जहां हमारे लोगों की समृद्धि बढ़ेगी वहीं यह कट्टरवादी और चरमपंथी ताकतों से उनकी रक्षा करेगा। इसके विस्तार से न केवल भारत एवं बांग्लादेश बल्कि समूचे क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवाद से कड़ाई से निबटने के प्रधानमंत्री शेख हसीना के कड़े संकल्प का बहुत सम्मान करते हैं। आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की उनकी सरकार की नीति हम सब के लिए एक प्रेरणा है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि दोनों देशों एवं क्षेत्र के लोगों की शांति, सुरक्षा एवं विकास दोनों पड़ोसी देशों के संपर्क के मुख्य मुद्दे रहेंगे। मोदी ने कहा, ‘‘आज हमने अपने सशस्त्र बलों के बीच नजदीकी सहयोग बनाने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित एक कदम को उठाते हुए समझौते पर हस्ताक्षर किये। मैं यह घोषणा करने में प्रसन्नता महसूस कर रहा हूं कि बांग्लादेश की रक्षा संबंधी खरीद के लिए 50 करोड़ रूपये की ऋण सुविधा दी जाएगी। हम बांग्लादेश की जरूरतों एवं प्राथमिकताओं से दिशानिर्देशित होंगे।’’ हसीना ने कहा कि उनकी सरकार भारत-बांग्लादेश सीमा पर शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठायेगी। उन्होंने दावा किया कि आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय पर हमले बढ़ रहे हैं।