बीजिंग। भारत ने आज ब्रिक्स देशों के साथ अपने संबंध को बढ़ाने की वकालत की है। ब्रिक्स देशों ने वित्तीय मामलों से जुड़े अपने एजेंडे को विस्तार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष मौजूद आतंकवाद से निपटने के मुद्दों और सुरक्षा संबंधी मुद्दों को इसमें शामिल कर लिया है। ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक को यहां संबोधित करते हुए विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि सुरक्षा संबंधी मुद्दों और आतंकवाद से निपटने के मुद्दों पर ब्रिक्स देशों के बीच एक अहम समझ बनी है।
उन्होंने कहा, 'वित्तीय मामलों में सहयोग के अलावा ब्रिक्स के एजेंडे में एक सतत विस्तार हुआ है।' सिंह ने कहा, 'ब्रिक्स के संयुक्त कार्य समूह की प्रक्रिया मई 2017 में पूरी हो चुकी है।' उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक इस ब्लॉक की सितंबर में होने वाली बैठक से पहले अगले ही माह होने वाली है। सितंबर की बैठक चीन के शियामेन में होनी है। बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का प्रतिनिधित्व करने वाले सिंह ने कहा, 'पिछले साल दिल्ली में हुई बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच आतंकवाद से निपटने और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर एक अहम समझ बनी थी।' स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते सुषमा इस बैठक में शिरकत नहीं कर सकीं।
रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने वाले सिंह ने कहा कि भारत ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) को भारी महत्व देता है और हम अपने संबंधों को और अधिक बढ़ाने के लिए अपने साथियों के साथ आपसी विश्वास, सम्मान एवं पारदर्शिता के साथ करीबी से काम करना जारी रखे हुए हैं।
सिंह ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स प्रक्रिया में जनता से जनता के संपर्क पर विशेष जोर दिया था।' सिंह ने कहा, 'मैं दोहराता हूं कि भारत ब्रिक्स देशों के साथ जुड़ाव को अत्यंत महत्व देता है। हमारे प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में ब्रिक्स के महत्व को बार-बार रेखांकित किया है और ब्रिक्स देशों के बीच के सहयोग के महत्व पर जोर दिया है।' इस बैठक में वांग और सिंह के अलावा रूस के सर्गेई लावरोव, दक्षिण अफ्रीका के मैते कोआना माशाबाने और ब्राजील के एलोसियो न्यूनेस फेरेइरा मौजूद थे। इस बैठक में शियामेन सम्मेलन में एजेंडे को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, सिंह के साथ रविवार को हुई अपनी बैठक में वांग ने कहा कि चीन और भारत दोनों ही बड़े देश हैं और दोनों ही बड़ा प्रभाव रखते हैं। इन दोनों ही देशों को क्षेत्र एवं विश्व की शांति और स्थिरता में योगदान करने के लिए ब्रिक्स, शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन और अन्य बहुपक्षीय संगठनों में सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। ब्रिक्स के अन्य विदेश मंत्रियों से बात करते हुए उन्होंने ब्रिक्स देशों के बीच करीबी सहयोग का आह्वान किया।