भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल हुनरमंदों का शहर है और हुनर की कद्र करना भोपाल जानता है। यहां हर मजहब, हर जाति के लोग आए हैं। मध्य प्रदेश की 8 करोड़ जनता की ओर से आपका स्वागत करता हूं। यह बात उन्होंने राजधानी भोपाल में 27वें ‘हुनर हाट’ के उदघाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में देशभर के दस्तकारों, शिल्पकारों द्वारा निर्मित दुर्लभ स्वदेशी उत्पादों के 27 वें हुनर हाट का उदघाटन फीता काटकर किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी जी और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा जी के साथ भोपाल के लाल परेड मैदान में हुनर हाट का उद्घाटन किया। यह हुनर हाट हमारे कारीगरों को एक-दूसरे से मिलने-जुलने, सीखने और बढ़ने का अवसर देता है। मैं हुनर हाट में पधारे समस्त कारीगरों का मध्य प्रदेश में स्वागत करता हूँ। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मैन ऑफ आइडियाज हैं। वे आपदा को अवसर में बदलना जानते हैं। कोरोना काल में उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की बात कही तो हमने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने का लक्ष्य तय किया। यह वोकल फॉर लोकल बिना कारीगरों, दस्तकारों और हुनरमंदों के नहीं बन सकता। हुनरमंद लोगों के उत्पादों को अब लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। यह हुनर हाट ऐसे कारीगरों, दस्तकारों और शिल्पकारों को एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कारीगरों की कला का सम्मान के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक उपयोगी प्रयास है। मुख्तार अब्बास नकवी जी ने हमारे 1.61 लाख से अधिक अल्पसंख्यक बेटे-बेटियों को प्री-मेट्रिक व पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप प्रदान की है, जिसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूँ। जो लोग हमारे बारे में गलत अफवाह फैलाते हैं, वे इस पर भी ध्यान दें। जब पश्चिम के देशों में लोग अपने शरीर को पेड़ों के पत्तों से ढँका करते थे, तब हमारे यहाँ मलमल वाला धागा था। हमारे हाथों में हुनर शताब्दियों पहले से है। हमने ऐसे उत्पाद बनाए कि लोग आज भी आश्चर्य करते हैं। कोरोना काल में भी हुनरमंदों ने बहुत सेवा की। यह हाट स्वदेशी निर्मित उत्पादों का प्रमाणिक ब्रांड भी बन गया है। देश के साथ दुनियां में भी आप अपना सामान बेचें और अपनी कला का लोहा मनवाएं। मैं प्रदेश सरकार की ओर से आश्वस्त करता हूं कि भारत सरकार के इस प्रयास के साथ हम कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। यह हुनर हाट 'अलग भाषा, अलग वेश, फिर भी अपना एक देश' के विचार को मजबूती प्रदान करता है। केरल, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, असम समेत सभी राज्यों के लोग यहां आये हैं। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे हमारे आत्मनिर्भर कारीगर। भोपाल में आयोजित हुनर हाट में देशभर के कारीगर पधारे हैं। आप उनकी कला देखने जरूर हुनर हाट में पधारिये। शताब्दियों पहले से हुनर हमारे हाथों में है। मैं मध्य प्रदेश की जनता से अपील करता हूँ कि इन कारीगरों की कला को देखने के लिए एक बार जरूर हुनर हाट आइये।