By अभिनय आकाश | Feb 15, 2022
तमिलनाडु में भाजपा नीत केंद्र और द्रमुक सरकार के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कनिमोझी एक फोन कॉल तमिलनाडु की सियासत में नई तरह की सुगबुगाहट के जन्म दे दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने 5 जनवरी को द्रमुक सांसद एम कनिमोझी को उनके 54वें जन्मदिन पर बधाई देने के लिए फोन किया। जिसके बाद इसे सिर्फ जन्मदिन की बधाई के तौर पर ही केवल नहीं देखा जा रहा है। खासतौर से तब जब राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा वाले विधेयक पर द्रमुक प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा के लिए शाह की टालमटोल को देखते हुए।
थूथुक्कुडी से लोकसभा सांसद कनिमोझी ने द इंडियन एक्सप्रेस से अमित शाह द्वारा कॉल किए जाने की पुष्टि की है। घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और कनिमोझी के सौतेले भाई एम के स्टालिनकी इस फोन कॉल से नींद उड़ गई है। द्रमुक के वरिष्ठ नेताओं को लगता है कि "सिर्फ एक शिष्टाचार बातचीत" से ज्यादा है और इसके राजनीतिक मायने भी तलाशे जा रहे हैं। खासकर जब शाह ने नीट विधेयक पर द्रमुक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात को लेकर टाल-मटोल किया।
गौरतलब है कि कॉल के एक दिन बाद 6 जनवरी को स्टालिन ने राज्य विधानसभा से कहा: "लोगों के प्रतिनिधियों से मिलने से इनकार करना अलोकतांत्रिक है। द्रमुक सांसद टी आर बालू के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शुरू में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें एनईईटी के कारण छात्रों को हुई समस्याओं के बारे में बताया गया था। राष्ट्रपति कार्यालय ने इसे शाह को भेज दिया था। नीट विधेयक स्टालिन सरकार और तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि के बीच विवाद का विषय बन गया है। हालांकि तमिलनाडु विधानसभा ने सर्वसम्मति से विधेयक को पारित कर दिया, लेकिन रवि ने इसे राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को उनकी मंजूरी के लिए नहीं भेजा है।