By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 01, 2022
चंडीगढ़, 1 अगस्त। हरियाणा के यमुनानगर में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज के तौर पर उपचार करा रहे दो नाबालिग भाई-बहन में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।एक डॉक्टर ने रविवार को यह जानकारी दी। ढाई साल के एक लड़के और उसकी डेढ़ साल की बहन को यमुनानगर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए बनाए पृथक वार्ड में रखा गया। यमुनानगर की सिविल सर्जन डॉ. मनजीत सिंह ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘उनकी रिपोर्ट आ गयी हैं, दोनों संक्रमित नहीं पाए गए हैं।’’
उन्होंने बताया कि भाई-बहन के शरीर पर लाल चकते पड़े गए थे और फफोले हो गए थे। जांच की रिपोर्ट रविवार को आयी है। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी त्वचा पर दाने हो गए और उसमें से कुछ सूख गए। त्वचा पर लाल चकते पड़ गए। दोनों को बुखार भी था। हमने उनका इलाज शुरू कर दिया और उनके नमूने दिल्ली स्थित एम्स को भेजे। दोनों में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।’’ यह पूछे जाने पर कि उन्हें क्या बीमारी है, इस पर डॉक्टर ने कहा, ‘‘यह बैक्टीरियल इंफेक्शन लगता है। चूंकि दाने बहुत ज्यादा थे, तो हम उन्हें संदिग्ध (मंकीपॉक्स) मानकर इलाज कर रहे थे।’’
ये बच्चे पिछले 12 दिनों से बीमार थे और शुरुआत में इन्होंने निजी चिकित्सक से इलाज कराया। इनके माता-पिता मजदूर हैं। सिंह ने बताया कि उन्हें बच्चों में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण दिखायी देने के बारे में सूचना मिली और उन्हें इलाज के लिए एक एम्बुलेंस से अस्पताल लाया गया था। डॉक्टर ने कहा, ‘‘हमने आगे जांच के लिए त्वचा रोग विशेषज्ञों को भी बुलाया है।