By दिनेश शुक्ल | Dec 09, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश के 16 नगर निगम में महपौर पद के लिए आरक्षण हो गया है। बुधवार को 407 नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण हो गया। जिसमें 16 नगर निगमों के साथ ही 99 नगर पालिका और 292 नगर परिषद भी शामिल हैं। नगरीय निकाय चुनावों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही निकाय चुनावों के तारीखों की घोषणा हो सकती है। प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव एक जनवरी 2020 की मतदाता सूची के आधार पर ही कराए जाएंगे, ताकि तीन माह के अंदर ही चुनाव संबंधित सभी तैयारियां पूरी की जा सकें।
प्रदेश की 16 नगर निगमों में महापौर पद आरक्षित
अनुसूचित जाति : मुरैना और उज्जैन (इसमें मुरैना महिला वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है )
अनुसूचित जन जाति : छिंदवाड़ा आरक्षित (मुक्त)।
ओबीसी : भोपाल और खंडवा, (महिला के लिए आरक्षित), सतना और रतलाम (मुक्त)।
सामान्य : सागर, बुरहानपुर, देवास और कटनी और ग्वालियर (सामान्य महिला आरक्षित)।
सामान्य : इंदौर, जबलपुर, रीवा और सिंगरोली (अनारक्षित)।
सामान्य वर्ग के लिए 53 नगर पालिका
सामान्य वर्ग के लिए मुक्त - सारंगपुर, सिवनी-मालवा, बेगमगंज, टीकमगढ़, नौगांव, पोरसा, अशोकनगर, डोंगर-परासिया, सीहोरा, कोतमा, पसान, सीधी, बड़नगर, गंजबासौदा, नरसिंहगढ़, सिहोर, पीथमपुर, बड़वाह, नरसिंहपुर, सेंधवा, गाडरवारा, अनूपपुर, आगर, शाजापुर, उमरिया, दमोह और खाचरोद।
सामान्य महिला के लिए आरक्षित - बैतूल, विदिशा, राजगढ़, पिपरिया, गढ़ाकोटा, पन्ना, खरगोन, बालाघाट, नैनपुर, धनपुरी, महिदपुर, शिवपुरी, बैरसिया, मुलताई, देवरी, दतिया, गुना, वारासिवनी, चौरई, सौसर, अमरवाड़ा, करेली, नीमच, अंबाह, मंडीदीप, शुजालपुर।
ओबीसी के लिए 25 पद आरक्षित किए गए हैं, इसमें से सबलगढ़, धारा, आष्टा, रायसेन, सिरोंज, होशंगाबाद, छतरपुर, शहडोल, पन्ना, राधौगढ़, मंदसौर, जुन्नारदेव, मनावर, मैहर, सनावद, श्योपुर कलां, सिवनी, मंडला, ब्यावरा, रहली, पाढूंर्णा, इटारसी, जावरा और नेपानगर नगर पालिका ओबीसी के लिए आरक्षित कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1983 से 1999 तक महापौर का चुनाव आप्रत्यक्ष प्रणाली से किया जाता था जिसमें पार्षदों द्वारा महापौर का चयन होता था। लेकिन इसके बाद राज्य सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चुनाव सीधे जनता द्वारा करवाया गया। वही वर्ष 2018 में 15 साल बाद राज्य में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनने के बाद एक बार फिर इसमें फेरबदल करते हुए इसे आप्रत्यक्ष प्रणाली से करवाने की अधिसूचना जारी की थी। जबकि वर्ष 1999-2000 में जनता के माध्यम से पहली बार प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनकर कांग्रेस की विभा पटेल महापौर बनी थीं। विभा के अलावा जनता द्वारा तीन अन्य महापौर चुने जा चुके हैं। इसमें सुनील सूद, कृष्णा गौर और वर्तमान महापौर आलोक शर्मा हैं। इसमें जनता द्वारा दो कांग्रेस और दो भाजपा के महापौर रहे हैं।