By टीम प्रभासाक्षी | Oct 29, 2022
हिमाचल में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले है और इसको लेकर राजनीतिक दलों ने अपना चुनाव प्रचार भी तेजी से शुरू कर दिया है। इस समय हिमाचल में भाजपा की सरकार है और बीजेपी एक बार फिर इस चुनाव को जीतकर हिमाचल के पहाड़ों पर भगवा लहराने के लिए तैयार नजर आ रही है। भाजपा इस बार भी चुनाव जीतकर सत्ता में आना चाहेगी वहीं भाजपा के विपक्षी कांग्रेस अपने चार दशक के पुराने आंकड़ों के अनुसार सत्ता पर अपना कब्जा करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देगी। हिमाचल में कुल 68 विधानसभा सीट है और कांग्रेस के लिए चुनाव की यह राह काफी कठिन साबित हो सकती है, क्योंकि भाजपा के अलावा इस बार हिमाचल की राजनीति में अपना दमखम दिखाने आम आदमी पार्टी भी आ चुकी है। अब ऐसे में यह माना जा सकता है कि आप पार्टी के आने के बाद भाजपा और कांग्रेस के वोट बैंक को नुकसान पहुंच सकता है।
2017 हिमाचल विधानसभा चुनाव
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बाजपा ने 44 सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी सरकार बनाई थी, वहीं कांग्रेस को केवल 21 सीटों के साथ ही संतुष्ट करना पड़ा था। बीजेपी ने जयराम ठाकुर के के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनायी। 1985 से लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव के मुताबिक, हिमाचल की सरकार में काफी सत्ता परिवर्तन देखने को मिला। कभी कांग्रेस की सरकार तो कभी भाजपा की सरकार इस राज्य से चुनकर आई है। 1985 के चुनाव के बाद हिमाचल प्रदेश में अब तक 6 बार चुनाव हो गए है जिसमें हमेशा ही सरकार बदलती नजर आई है।
चल गया पीएम मोदी का जादू
हिमाचल विधानसभा चुनाव में पहली बार पीएम मोदी का जादू चला। तीन दशकों से भी अधिक सयम से हिमाचल में कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस की सरकार आई है। बता दें कि हिमाचल में पहले से ही अनुमान लगा लिया गया था कि 2017 में भाजपा की ही सरकार बनेगी। कांग्रेस के दबदबे वाले जिले जैसे मंडी और कांगड़ा में भी भाजपा ने अपना भगवा झंडा लहराया। मोदी फेक्टर के अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता सुखराम का भाजपा का दामन थामना भी बीजेपी को काफी काम आया। बता दें कि हिमाचल में भाजपा की सरकार बनने के बाद इस साल यानि की 2022 के चुनावों में कांग्रेस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पीएम मोदी के कारण मिली हिमाचल में जीत?
यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि हिमाचल में जीत केवल पीएम मोदी के कारण ही संभव हो पाया है। साल 2012 में हिमाचल के साथ-साथ गुजरात में भी विधानसभा चुनाव हो रहे थे और तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार थे। मोदी ने हैट्रिक मारकर गुजरात में भाजपा की सरकार बनाई। गुजरात के अलावा किसी अन्य राज्यों में मोदी लहर बिल्कुल नहीं थी लेकिन साल 2017 के चुनावों में मोदी फैक्टर चल गया और इसका कारण था 2014 के लोकसभा चुनाव। 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी की जीत होने के बाद गुजरात ही नहीं बल्कि कई अन्य राज्यो में पीएम मोदी का जादू चला और इसी कारण भाजपा कई राज्यों को कांग्रेस मुक्त कर चुकी हैं, जिसमें अब हिमाचल भी शामिल हो गया है।
कब किसकी सरकार- हिमाचल प्रदेश
कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार 83 वर्षीय वीरभद्र सिंह और भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीवार 73 वर्षीय प्रेम कुमार धूमल को बारी-बारी से सत्ता सौंपने की परंपरा हिमाचल में चल रही है। 1985 से लेकर अब तक भाजपा और कांग्रेस ने हिमाचल में बारी-बारी से सत्ता हासिल की है। 1985 में कांग्रेस की सरकार आई थी और वीरभद्र सीएम के पद में आए थे। वहीं भाजपा ने हिमाचल में 1990 में सरकार बनाई थी और मुख्यमंत्री शांता कुमार बने थे। इसके बाद भी कांग्रेस से वीरभद्र और भाजपा की तरफ से प्रेम कुमार धूमल को सीएम का पद बारी-बारी से मिलता रहा है। बता दें की आने वाले विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए काफी कठिनाई भरे हो सकते है क्योंकि उनके पास इस वक्त वीरभद्र की जगह कोई और नया तेहरा नहीं है।