बढ़ते संकट के बीच चीन भागने की तैयारी में इमरान, सत्ता की संजीवनी करना चाहते हैं हासिल

By अभिनय आकाश | Jan 08, 2022

भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से ताजा खबर आई है कि इमरान खान जल्द ही चीन की तरफ दौड़ लगा सकते हैं। पाकिस्तान के मौजूदा हालात के चक्रव्यूह में इमरान ऐसे उलझ गए हैं कि उन्हें चीन भागने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा है। बताया गया है कि उनकी यात्रा का मकसद चीन और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना होगा। दरअसल, पाकिस्तान इस वक्त बेहद तंगहाली में जी रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस कदर दांवाडोल हो चुकी है कि उसके दिवालिया होने के आसार नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान के पास कर्ज इतना है कि उसे चुकाने के लिए इमरान खान को कोई तरकीब नजर नहीं आ रही है। 

इसे भी पढ़ें: फर्जी वीडियो के बाद अब चीनी सेना की नई चाल, 10 टॉप यूजर्स को गलवान घाटी के पत्थर गिफ्ट देगा

इमरान की प्रस्तावित चीन यात्रा का एलान चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के लिए प्रधानमंत्री के विशेष सहायक खालिद मंसूर ने किया है।पाकिस्तान में जारी राजनीतिक अस्थिरता और सीपीईसी में कार्यरत चीनी नागरिकों पर हमले से नाराज चीन ने कई परियोजनाओं की फंडिंग को रोक दिया है। पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने कहा कि इमरान खान की यात्रा से पाकिस्तान और चीन के रिश्ते और मजबूत होंगे।

60 अरब डॉलर की लागत से बन रहा है सीपीईसी

चीन के संसाधन संपन्न शिनजियांग प्रांत को बलूचिस्तान में पाकिस्तान के रणनीतिक ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने वाला 60 बिलियन अमरीकी डालर का सीपीईसी बेल्ट एंड रोड पहल की प्रमुख परियोजना के रूप में माना जाता है, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की वित्त पोषित योजना का उद्देश्य विश्व स्तर पर चीन के प्रभाव को आगे बढ़ाना है। ये चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे पसंदीदा योजना है। सीपीईसी प्राधिकरण ने कहा कि खान ने पाकिस्तान में चीनी उद्यमों के काम से पैदा होने वाले अंतर को देखा है और सीपीईसी के कारण थार कोयला ऊर्जा का सपना साकार हुआ है।

प्रमुख खबरें

Maneka Gandhi और अन्य कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार से पशुओं की बलि पर रोक लगाने का आग्रह किया

ना मणिपुर एक है, ना मणिपुर सेफ है... Mallikarjun Kharge ने बीजेपी पर साधा निशाना

AAP में शामिल हुए Anil Jha, कैलाश गहलोत के इस्तीफे के सवाल को Arvind Kejriwal ने मुस्कुराकर टाला

Sri Lanka के राष्ट्रपति नयी संसद के उद्घाटन सत्र में सरकार का लिखित नीतिगत दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे