आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने में महिला स्व-सहायता समूहों की महत्वपूर्ण भूमिका, 1433 करोड़ के दिलाए जाएगें कार्य

By दिनेश शुक्ल | Jun 13, 2020

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में महिला स्व-सहायता समूहों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार द्वारा उन्हें  विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए आगामी समय में 1433 करोड़ रूपए के कार्य दिलाए जाएंगे। स्व-सहायता समूहों की महिलाएं अपने गांव और क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार स्थानीय वस्तुओं का निर्माण करें। उन्हें बाजार उपलब्ध कराने में सरकार उनकी मदद करेगी। मुख्यमंत्री शनिवार को मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग एवं वैब लिंकिंग के माध्यम से प्रदेश के महिला स्व-सहायता समूहों की लगभग 10 लाख महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वीसी के माध्यम से जिलों के एनआईसी केन्द्रों में उपिस्थत स्व-सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत भी की। इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव उपस्थित थे। 

 

इसे भी पढ़ें: मध्य प्रदेश सरकार ने दी उद्योगों को राहत, प्रोत्साहन योजना व भू-भाटक में मिली रियाय

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के विरूद्ध लड़ाई में अपने गांव और क्षेत्र को जागरूक करने में महिला स्व-सहायता समूह आदर्श बनें। वे अपने गांव व क्षेत्र में कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाएं। दो गज की दूरी (6 फीट), सैनेटाईजेशन, बार-बार हाथ धोना, सार्वजनिक स्थानों पर न थूकना आदि ऐसे हथियार हैं, जिनके माध्यम से हम कोरोना को हरा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 'मैं आपको यह महत्वपूर्ण जवाबदारी दे रहा हूँ, आप यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं'।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगभग 400 करोड़ रूपए की लागत का विद्यार्थियों के लिए गणवेश बनाने का कार्य, आजीविका विकास के लिए 65 करोड़ रूपए के कार्य, मुर्गी पालन, भेड़ पालन के लिए 12 करोड़ रूपये के कार्य, 90 हजार पीपीई किट निर्माण के लिए 4.56 करोड़ रूपए के कार्य, टेक होम राशन तैयार करने के लिए 700 करोड़ के कार्य तथा गौशाला, पशु शेड, मुर्गी शेड, बकरी शेड,  खेत तालाब, मेड बँधान, वृक्षारोपण आदि के लिए 252 करोड़ रूपये के कार्य दिलाए जाएंगे।  

 

इसे भी पढ़ें: मध्य प्रदेश के पाँच जिलों के 1100 हेक्टेयर वन क्षेत्र में होगा बाँस रोपण

उन्होनें कहा कि लॉकडाउन की अवधि में महिला एस.एच.जी ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। 20 हजार से अधिक स्व-सहायता समूह सदस्यों द्वारा 105 लाख से अधिक मास्क बनाकर विक्रय किए गए, जो कि सभी प्रदेशों में अधिकतम है। महिला एस.एच.जी. द्वारा 90 हजार 537 लीटर सैनिटाइजर,  17 हजार 131 लीटर हैण्ड वॉश बनाकर विक्रय किया गया। महिलाओं द्वारा 97 हजार 318 सुरक्षा उपकरण किट बनाए गए, 05 जिलों के 20 समूहों के 222 सदस्यों एवं 01 उत्पादक कंपनी ने गेहूँ उपार्जन का कार्य किया। इसके अलावा सब्जी एवं किराना वितरण, दूध उत्पादन एवं घर-घर वितरण कार्य किया गया। बीसी सखियों द्वारा जनधन खाता धारकों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान की गई, जिनके माध्यम से  03 अप्रैल 2020  से आज दिनांक तक 20.59 करोड़ रूपये से अधिक का व्यापार इन सखियों द्वारा किया गया।  महिला एस.एच.जी द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन एवं अन्य व्यवस्था में सहयोग, महामारी की जानकारी के प्रचार में सहयोग, एप के माध्यम से खाद्य सामग्री का वितरण तथा दीवार पर पेंटिंग से जागरूकता जैसे अनेक कार्य किए गए हैं।

 

इसे भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में अब महिलाकर्मी नहीं बेंचेगी शराब, आबकारी आयुक्त ने जारी किए निर्देश

इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने स्व-सहायता समूह के सदस्यों से बातचीत की तथा उनकी गतिविधियों की जानकारी  ली। ग्राम टुण्डीखेड़ा जिला श्योपुर के सावन माता स्व सहायता समूह की सुश्री सुनीता बिलवाल ने बताया कि वे आजीविका एक्सप्रेस-टाटा मैजिक वाहन चलाती हैं। मुर्गी पालन एवं फलों की खेती करती हैं तथा एक साल में 5 से 6 लाख रूपये कमा लेती हैं। ग्राम चननऊदी जिला शहडोल के निहाल स्व-सहायता समूह की सुश्री नूरी बेगम ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे उन्नत जैविक कृषि एवं हाऊस कीपिंग का कार्य करती हैं तथा प्रशिक्षण भी प्रदान करती हैं। मुख्यमंत्री ने दोनों के कार्य की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी।

शिवपुरी जिले के ग्राम रूपयपुर के सरस्वती देवी स्व-सहायता समूह की सुश्री निराशा देवी ने बताया कि वे ग्राम की महिलाओं के छोटे-छोटे उद्योग खुलवाती हैं। अभी तक वे अन्य महिलाओं के सहयोग से लगभग 800 उद्यम उनके गांव एवं आसपास खुलवा चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 'आपने तो कमाल कर दिया। आपका नाम तो निराशा देवी नहीं आशा देवी होना चाहिए'। सागर जिले के ग्राम ईदलपुर की कविता लोधी ने बताया कि वे बैंक सखी का कार्य करती हैं तथा अभी तक 18 हजार ट्रांजेक्शन कर 23 लाख रूपए लोगों के घरों में पहुंचाए हैं।

 

इसे भी पढ़ें: रोजगार सेतु पोर्टल से तीन दिन में 302 प्रवासी श्रमिकों को मिला रोजगार

जबकि बड़वानी जिले के ग्राम पिपरी की प्रेरणा शक्ति स्व सहायता समूह की सुश्री वैशाली चौधरी ने मुख्यमंत्री से कहा कि 'मामा जी आपने दीदी को कारखाना मालिक बना दिया है। पहले जब आप 2014 में मुख्यमंत्री थे तब मुझे आजीविका मिशन के अंतर्गत सिलाई सेंटर बनाने के लिए मदद मिली थी। आज मेरे सेंटर में 70 मशीनें चल रही हैं तथा 90 महिलाएं शिफ्ट में कार्य कर रही है। अभी तक 2 लाख मास्क तथा 3 लाख पीपीई किट बनाए जा चुके हैं।' सिंगरौली जिले के ग्राम तुमतौला के कृष्णा स्व-सहायता समूह की सुश्री देवी बैगा ने बताया कि वे मुर्गी पालन का कार्य करती हैं। उन्हें जिला माईनिंग फंड से 01 लाख रूपये की राशि प्रति सदस्य प्राप्त हुई। अनूपपुर जिले की सुश्री चम्पा सिंह ने बताया कि वे जैविक खेती एवं कृषि का कार्य करती है। उनके पिता नहीं है, वे माँ एवं भाई का सहारा हैं। वे प्रतिवर्ष 4 से 5 लाख रूपये की आमदनी अपनी जैविक खेती की दुकान से करती हैं। मंडला जिले के ग्राम तौरई की सुश्री सरोज नरेटी ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे लोक अधिकार केन्द्र संचालित करती हैं, जिसके माध्यम से उन्होंने अभी तक पारिवारिक घरेलू विवाद के 300 प्रकरणों का निराकरण करवाया है।

प्रमुख खबरें

सड़क पर बाइकों की मामूली टक्कर के बाद जमकर हुई चाकूबाजी, शहर में हिंसा, भारी पुलिस बल तैनात... ये है मऊ कांड के पीछे की कहानी

IPL 2025 Mega Auction में 574 खिलाड़ियों के नाम पर लगेगी बोली, जानें कौन हैं सबसे युवा और उम्रदराज खिलाड़ी

Jhansi hospital fire मामले में PM Modi ने कहा, ये घटना ‘दिल दहला देने वाली’, 10 नवजात की जलने से हो गई थी मौत

एनसीबी ने 80 किलोग्राम से अधिक कोकीन जब्त की, मादक पदार्थ रैकेट पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी: शाह