कोरोना वायरस से निपटने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के महत्वपूर्ण निर्णय

By Dinesh shukla | Mar 30, 2020

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की सत्ता सम्हालते ही कोरोना संक्रमण के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ दिया था। उन्होनें 23 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कार्यभार सम्हालते ही पहला निर्णय कोरोना संक्रमण को रोकने का किया। मुख्यमंत्री ने भोपाल और जबलपुर में लॉक डाउन कर्फ्यू की घोषणा की और प्रदेश की जनता से इसमें सहयोग करने की अपील की। इस दौरान उन्होनें टोल फ्री नंबर 104 और 181 जारी किए ताकि किसी भी परिस्थिति में लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। 

 

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प्रदेश सरकार ने इस दौरान कोरोना पीड़ित मरीजों के लिए भोपाल मेमोरियल हॉस्पीटल को राज्य स्तरीय कोविड-19 उपचार संस्थान बना दिया जहाँ सिर्फ कोरोना पीड़ितों का उपचार होगा। इसी के साथ प्रत्येक जिले में कोरोना संक्रमितों के लिए अस्पताल और इलाज की व्यवस्था की गई। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐलान किया है कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले का शासकीय हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क इलाज किया जाएगा। चिन्हित प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट हॉस्पिटल में भी‍ नि:शुल्क इलाज सभी वर्गों के लिए उपलब्ध रहेगा। वही प्राइवेट अस्पतालों को आयुष्मान भारत में निर्धारित दरों के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।

 

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प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायतों में पंच-परमेश्वर योजना की प्रशासनिक मद में उपलब्ध राशि को कोरोना के नियंत्रण और लॉकडाउन के चलते आश्रय और भोजन के लिए परेशान लोगों की मदद के लिए खर्च करने का एलान किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारीयों को निर्देश दिए कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हो सकते है, जिन्हें लॉकडाउन के कारण भोजन की व्यवस्था करने में कठिनाई आ रही हो, ऐसी स्थिति में स्वयं सेवी संस्थाओं आदि को प्रेरित कर भोजन के पैकेट बनवाये जाएं और वितरण की व्यवस्था की जाये, ताकि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे।

 

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मुख्यमंत्री ने सोमवार को सिंगल क्लिक के माध्यम से 8 लाख 85 हज़ार 89 मजदूरों के खातों में ₹1000 प्रति श्रमिक के हिसाब से ₹88 करोड़ 50 लाख 89 हज़ार अंतरित किए हैं। इस दौरान उन्होनें कहा कि कोरोना संकट से हम सब जूझ रहे हैं। कोरोना को हराने के लिए हम सबको अपने घरों में ही रहना है। लेकिन संकट के समय सरकार आपके साथ खड़ी है। उन्होनें कहा कि सरकार निशुल्क राशन सबको दे रही है। चिंता मत कीजिए। आप लॉक डाउन का पालन कीजिए। घर में रहिए। हम आपकी चिंता करेंगें। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संनिर्माण श्रमिक अभिषेक जैन एवं आनंद राम साहू से मोबाइल पर चर्चा भी की।

 

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मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह बुधवार, 25 मार्च 2020 को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के तमाम आला अधिकारियों से संवाद कर सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन का दो माह का एडवांस भुगतान करने और प्रदेश में प्रति मजदूर को 1000 रुपए की सहायता देने का ऐलान किया था। प्रदेश के 46 लाख पेंशनर्स को 600 रु. प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा योजना अंतर्गत रुपए 275 करोड़ प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है। इसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धा अवस्था पेंशन निराश्रित पेंशन इत्यादि का दो माह का एडवांस भुगतान किया जाएगा। इस तरह से लाभार्थी को 2 माह की पेंशन मिलेगी।

 

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वही मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश में जनजातियों के परिवारों के खातों में दो माह की एडवांस राशि देने का ऐलान किया है। सूबे में सहरिया, बैगा और भारिया जनजातियों के परिवारों के बैंक खातों में दो माह की एडवांस राशि 2,000 रूपये उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार के इसके लिए 2 करोड़ 20 लाख राशि आवांटित की है। इसी के साथ राज्य सरकार ने स्कूल बंद होने से मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ बच्चों को न मिल पाने के चलते निर्णय लिया है कि, अप्रैल 2020 तक का जो खाद्यान्न रिलीज किया जा चुका है, इसे अब पीडीएस अन्तर्गत राशन दुकानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके फलस्वरूप कुल 65 लाख 91 हजार विद्यार्थियों के खाते में मध्यान्ह भोजन की 156 करोड़ 15 लाख रुपये की राशि का वितरण किया जाएगा। तो वही शिवराज सरकार ने प्राथमिक विद्यालय के 60.81 लाख विद्यार्थियों को 155 रु. प्रति विद्यार्थी की दर से 94.25 करोड़ रुपये और माध्यमिक विद्यालय के 26.68 लाख विद्यार्थियों को 232 रु. प्रति विद्यार्थी की दर से 61.90 करोड़ देने का भी ऐलान किया है।    


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