By कमलेश पांडे | Jul 03, 2024
किसी भी नौकरी-पेशा या कारोबारी व्यक्ति को आयकर रिटर्न अवश्य भरना चाहिए, चाहे उसकी आय कर योग्य हो या नहीं। क्योंकि इसको नियमित रूप से भरने और समय पर भरने के कई फायदे होते हैं, जो ऐन मौके पर आपके काम आ सकते हैं। वो भी तब जब आपको लोन वगैरह की तात्कालिक जरूरत पड़ती है। इसलिए पुनः स्मरण करा दें कि करदाताओं/गैर करदाताओं दोनों के लिए वित्त वर्ष 2023-24 या आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 है। लिहाजा, आप इससे पहले ही अपनी आईटीआर दाखिल करवा दें। क्योंकि इस अवधि तक रिटर्न नहीं भरने पर जुर्माना सहित विभिन्न प्रकार का नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं, यदि आप 31 जुलाई से पहले अपना आईटीआर भर देते हैं तो जल्द रिफंड मिलने समेत कई फायदे भी होंगे, जिनकी जानकारी मैं आपको आगे दे रहा हूँ।
# समय पर दाखिल करेंगे आईटीआर तो कतई नहीं भरना पड़ेगा विलंब शुल्क
यदि आप 31 जुलाई 2024 से पहले अपना रिटर्न भरते हैं तो आप पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। हालांकि, इसके बाद यानी 01 अगस्त 2024 से लेकर 31 दिसंबर 2024 तक यदि आप रिटर्न भरते हैं तो आपको विलंब शुल्क भरना पड़ सकता है। नियमानुसार, यदि आपकी कमाई सालाना 5 लाख रुपये से अधिक है तो 5000 रुपये तक विलंब शुल्क यानी जुर्माना भरना पड़ सकता है। वहीं, अधिकारियों को यदि कुछ खोंट मिली तो जुर्माने की यह राशि बढ़कर 10,000 रुपये तक भी पहुंच सकती है। वहीं, अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है तो आप पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
# यदि समय से पहले भरेंगे आईटीआर तो दस्तावेज जुटाने को मिलेगा ज्यादा वक्त और कम होंगी गलतियां
जानकर बताते हैं कि समय से पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने से किसी भी व्यक्ति को सभी जरूरी दस्तावेज जुटाने और पर्याप्त जानकारी एकत्र करने के लिए यथोचित समय मिल जाता है। जिससे आपके आयकर रिटर्न में सटीकता तो सुनिश्चित होगी ही, साथ ही आयकर प्रपत्र भरने में गलतियां होने की आशंका भी कम रहती है। बता दें कि आईटीआर भरने के लिए सामान्य तौर पर अपेक्षित जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, फॉर्म 16, सैलरी स्लिप, बैंक या डाकधर से मिलने वाला ब्याज प्रमाण पत्र, कर बचत निवेश प्रमाण और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की रसीदें आदि शामिल हैं। इसलिए इन्हें एक फ़ाइल में संजोकर रखिए।
# जब समय पर दाखिल करेंगे आईटीआर तो शीघ्र ही मिल जाएगा आयकर रिफंड
बताया जाता है कि जब कोई व्यक्ति बिना देरी के आयकर रिटर्न दाखिल करता है तो उसके टैक्स रिफंड की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है। इसका आशय यह हुआ कि यदि कोई व्यक्ति 31 जुलाई से पहले अपना आयकर रिटर्न भरता है तो करदाताओं को उनका बकाया रिफंड जल्दी मिल जाता है, जिससे उन्हें समय पर जरूरी वित्तीय राहत भी मिल जाती है। हालांकि यह पूरी तरह से सम्बंधित विभाग की कार्यशैली पर निर्भर है जो समय और शख्सियत के आधार पर बदलती रहती है।
# समय से पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने पर अपनी कमियां सुधारने को मिलता ज्यादा वक्त और सत्यापन में होती है आसानी
आयकर रिटर्न दाखिल करना एक पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का सिर्फ हिस्सा भर है। जबकि इसके बाद आपको इसे सत्यापित भी करना पड़ता है। क्योंकि मौजूदा कर कानूनों के अनुसार, आपको अपना आईटीआर दाखिल करने के तीस दिनों के भीतर ही इसे सत्यापित करना होता है। इसलिए शीघ्र रिटर्न भरने से इसे सत्यापित करने या फिर उसमें कोई गलती होने पर उसे सुधारने का पर्याप्त समय मिल जाता है। इसलिए किसी भी व्यक्ति को यह कोशिश करनी चाहिए कि समय से पहले ही वह अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर दे।
# आईटीआर भरने के क्रम में स्लैब के साथ सही फॉर्म चुनना भी ज्यादा है जरूरी
विशेषज्ञ बताते हैं कि आईटीआर भरने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज जुटाने के बाद अगला कदम सही रिटर्न फॉर्म का चुनाव करना है। क्योंकि आयकर विभाग की ओर से कुल सात फॉर्म जारी किए गए हैं, जिनमें आईटीआर 1 से लेकर आईटीआर 7 फॉर्म शामिल हैं। इसके अलावा, करदाताओं को अपनी सालाना कमाई और निवेश के आधार पर अपने आयकर स्लैब का चयन करना चाहिए, ताकि उसके ऊपर कर का कम बोझ पड़े। यदि इसमें चूक हुई तो लेने के देने भी पड़ सकते हैं।
# समय पर आईटीआर भरने पर कर विभाग से नहीं आएगा नोटिस, आप रहेंगे निश्चिंत
आयकर मामलों के जानकार बताते हैं कि यदि आपने नियत तिथि तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है और फिर अपनी ओर से इकतरफा जांच शुरू कर सकता है। इससे आपको पूछताछ जैसी अतिरिक्त परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जबकि समय पूर्व रिटर्न भर कर इन परेशानियों को टाला जा सकता है। इसलिए किसी भी व्यक्ति को समय पर या उससे भी पहले अपनी आयकर विवरणी दाखिल कर देनी चाहिए और चैन की वंशी बजाते रहने चाहिए।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार