वसुंधरा समर्थकों की नाराजगी बढ़ी तो भाजपा के लिए चुनाव जीतना मुश्किल होगा

By रमेश सर्राफ धमोरा | Oct 17, 2023

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 41 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में शामिल 41 सीटों में से 40 सीटों पर भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में हार गई थी। एकमात्र विद्याधर नगर की सीट पर पूर्व मंत्री नरपत सिंह राजवी चुनाव जीते थे। मगर उनका भी टिकट काट दिया गया है। विद्याधर नगर से मौजूदा विधायक नरपत सिंह राजवी, झोटवाड़ा से पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, मांडल से पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर, नगर से पूर्व विधायक अनिता सिंह, बांदीकुई से पूर्व विधायक अलका सिंह गुर्जर, सुजानगढ़ से पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल, वैर से पूर्व विधायक रामस्वरूप कोली का टिकट कटने से वसुंधरा खेमे में नाराजगी व्याप्त हो रही है। टिकट कटने वाले सभी नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं।


हालांकि भाजपा आलाकमान का कहना है कि हमने जो 41 सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा की है उनमें से 40 प्रत्याशी पिछले चुनाव में हार चुके थे। इनमें भी 11 सीट दातारामगढ़, कोटपूतली, झुंझुनू, सांचैर, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ, नवलगढ़, लालसोट, सपोटरा, बागीदौरा और बस्सी ऐसी विधानसभा सीट हैं जहां भाजपा पिछले तीन चुनाव से लगातार हार रही है। इन 41 सीटों में 2018 में भाजपा ने सिर्फ एक सीट ही जीती थी। वहीं 2013 में 25 सीट व 2008 में 5 सीटो पर ही जीत पाई थी।

इसे भी पढ़ें: राजस्थान में भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा अपने लोगों की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है

अपने हार के आंकड़ों को सुधारने के लिए ही भाजपा ने इस बार इन 41 सीटों पर बड़ा फेरबदल किया है। इन 41 सीटों में से 29 सीटों पर इस बार भाजपा ने नए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें से 6 प्रत्याशी तो ऐसे हैं जो पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय या अन्य दलों से चुनाव लड़े थे। इनमें से कई ऐसे प्रत्याशी भी हैं जो पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर आए थे। लेकिन फिर भी उनको पार्टी टिकट दे दी गई है। अभी तक भाजपा द्वारा घोषित किए गए 41 प्रत्याशियों में 6 लोकसभा के मौजूदा सांसदो को टिकट दिया गया है।


जिसमें जयपुर ग्रामीण के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौर को झोटवाड़ा से कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया के सामने, अलवर सांसद बाबा बालकनाथ को तिजारा में राज्य खाद्य निगम के अध्यक्ष विधायक संदीप यादव के सामने, जालौर सांसद देवजी पटेल को सांचैर से मंत्री सुखराम बिश्नोई के सामने, अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी को किशनगढ़ से निर्दलीय विधायक सुरेश टांक के सामने, झुंझुनूं सांसद नरेंद्र कुमार को मंडावा से कांग्रेस विधायक रीटा चौधरी के सामने, राजसमंद सांसद दिया कुमारी को विद्याधर नगर से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोडी लाल मीणा को सवाई माधोपुर से कांग्रेस के विधायक दानिश अबरार के सामने, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया को लक्ष्मणगढ़ सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सामने प्रत्याशी बनाया गया है। पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली को वैर से कैबिनेट मंत्री भजनलाल जाटव के सामने उम्मीदवार बनाया गया है।


भाजपा का मानना है कि अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं के सामने सांसदों को प्रत्याशी बनाने से चुनाव में कांटे की टक्कर हो जाएगी। ऐसे में सरकार के मंत्री दूसरी सीटों पर प्रचार करने के लिए नहीं निकाल पाएंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा के सामने भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व सीकर से तीन बार सांसद रहे सुभाष महरिया को प्रत्याशी बनाया है। सुभाष महरिया 2013 के विधानसभा चुनाव में गोविंद सिंह डोटासरा से पराजित हो चुके हैं।


भाजपा ने जिन 41 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है उनमें से अधिकांश सीटों पर टिकट की दावेदारी जता रहे प्रत्याशियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। कई सीटों पर तो पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है। जिससे भाजपा की स्थिति खराब हो रही है। भाजपा ने झुंझुनूं सीट पर पिछली बार चुनाव लड़े राजेंद्र भाम्भू के स्थान पर पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े निषित उर्फ बबलू चौधरी को टिकट दिया है। जिससे नाराज होकर राजेंद्र भाम्भू ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।


मंडावा में सांसद नरेंद्र कुमार को टिकट देने से 2019 के विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी रही सुशीला सीगड़ा, पूर्व प्रधान गिरधारी खिचड़ ने भी बगावती राग अलापना शुरू कर दिया है। जयपुर के झोटवाड़ा सीट पर तो पूर्व मंत्री राजपाल सिंह का टिकट कटने के बाद उनके समर्थको ने सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को काले झंडे दिखाकर विरोध जता रहे हैं। कोटपूतली से टिकट कटने पर पिछली बार भाजपा के प्रत्याशी रहे मुकेश गोयल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। भरतपुर जिले की नगर सीट से दो बार विधायक रही अनीता गुर्जर ने अपना टिकट काटने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है।


देवली-उनियारा सीट पर गुर्जर नेता रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैसला को टिकट देने पर पिछली बार भाजपा प्रत्याशी रहे राजेंद्र गुर्जर काफी नाराज है तथा खुलकर अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए विजय बैसला को बाहरी प्रत्याशी बताकर उनका विरोध कर रहे हैं। सांचैर से सांसद देवजी पटेल को टिकट मिलने पर 2018 में चुनाव लड़े दानाराम चैधरी के समर्थक तो देवजी पटेल के साथ मारपीट तक कर चुके हैं।


2022 में सहाड़ा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने रतनलाल जाट को टिकट दिया था। मगर इस बार लादूलाल पितलिया को प्रत्याशी बनाया है। उपचुनाव में पीतलिया ने निर्दलिय फॉर्म भरा था मगर बाद में समझाने पर चुनाव मैदान से हट गए थे। हालांकि भाजपा ने उदयपुरवाटी से अपने पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी को टिकट देकर महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हुए बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के लिए सीट नहीं छोड़कर शिंदे गुट को उनकी हैसियत दिखा दी है। लाल डायरी प्रकरण से चर्चित हुए राजेंद्र सिंह गुढ़ा पिछले दिनों ही अपने गांव में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लाकर यह प्रयास कर रहे थे कि भाजपा उनके लिए खाली छोड़ दे। मगर भाजपा ने ऐसा नहीं किया।


हालांकि कांग्रेस ने अभी तक राजस्थान में अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। जबकि भाजपा ने 41 सीटों पर नाम की घोषणा कर दी है। मगर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करने के बाद भाजपा में जिस तरह की आपसी खींचतान व विरोध हो रहा है उसके चलते पार्टी बैक फुट पर आ गई है। इसी कारण पार्टी ने अन्य प्रत्याशियों के नाम की घोषणा रोक दी है। भाजपा में घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ उठे विद्रोह से भाजपा के बड़े नेता डर गए लगते हैं। वहीं वसुंधरा राजे समर्थक वर्तमान विधायकों को भी अपनी टिकट कटने का डर सताने लगा है। मगर पार्टी में उठे विरोध को देखते हुये मौजूदा विधायकों का टिकट काटना भाजपा के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।


-रमेश सर्राफ धमोरा

(लेखक राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं। इनके लेख देश के कई समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं।)

प्रमुख खबरें

महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये, CM की महिला संवाद यात्रा से पहले तेजस्वी यादव का बड़ा दांव

Google का सबसे सस्ता फोन अगले साल होगा लॉन्च, लीक हो गई स्पेसिफिकेशन्स

वक्फ की जमीन, हिजाब और खाना…तो अंबेडकर को भी लेना पड़ता परमिशन… संविधान पर बहस के दौरान ऐसा क्यों बोले असदुद्दीन ओवैसी?

सांसद शशि थरूर बने फॉस्टिमा बिजनेस स्कूल के मार्गदर्शक 3.0 के चीफ गेस्ट