रीवा। संत रविदास जंयती के अवसर पर शनिवार को रीवा के एनसीसी मैदान में कांग्रेस का संभागीय सम्मलेन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पूर्व मुंख्यमत्री कमलनाथ भी शामिल हुए। इस दौरान सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी का जिम्मेदार सूबे की शिवराज सरकार को ठहराया है। उन्होंने कहा कि, 15 सालों के भाजपा कार्यकाल में प्रदेश की पहचान माफिया राज्य के रुप में बनी है। परिणाम स्वरुप प्रदेश में निवेश नहीं होने से उद्योग नहीं लगे, क्योंकि निवेश वहां होता है, जहां विश्वास है। उद्योगों के न लगने की वजह से अब तक प्रदेश के युवा वर्ग का बड़ा तबका बेरोजगार है।
कमलनाथ ने कार्यकताओं को संबोधित करने हुए कहा कि, जनता ने कांग्रेस को मत दिया था, लेकिन सत्ता पाने के प्रजातंत्र को खत्म करने काम भाजपा ने किया। प्रदेश की सैद्धांतिक छवि बनाने कांग्रेस ने सौदे बाजी की राजनीति से दूर रही है। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोलते हुए कहा कि, पंद्रह सालों बाद भी उनकी झूठ बोलने की आदत कम नहीं हुई। विधान सभा में जो आंकड़े प्रस्तुत किए, उनके झूठ देखकर मैं हैरान रह गया। लेकिन आज का युवा तकनीकी से जुड़ा है, इसलिए उसे झूठ से गुमराह नहीं किया जा सकता।
ईवीएम को लेकर कमलनाथ ने कहा कि, अमेरिका और यूरोप जैसे देश ईवीएम से चुनाव कराने से दूरी बना रहे है, लेकिन भारत की मोदी सरकार और भाजपा को ईवीएम पर ही सबसे ज्यादा भरोसा है। भाजपा को भरोसा है कि, जनता उनके साथ है, तो मतपत्र से चुनाव कराने से पीछे क्यों हट रहे हैं। मोदी सरकार और प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह किसान आंदोलन के दौरान अब तक हो चुकी 230 किसानों की मौत पर भी चुप हैं। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि, कृषि बिल के जरिये सरकार किसानों का भला नहीं कर रही, बल्कि उन्हें बंधुआ मजदूर बनाने जा रही है। कांग्रेस भी इसी वजह से लगातार इस बिल का विरोध कर रही है।
इसके अलावा, कांग्रेस के अन्य नेताओं ने अपने भाषण में कार्यकर्ताओं से आने वाले नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को मजबूत करने की बात कही। संत रविदास जयंती के इस अवसर पर सीधी बस दुर्घटना में मृत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। इस कार्यकर्ता सम्मेलन सीधी, सिंगरौली, सतना से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए थे। जिले में आयोजित कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, प्रदेश युवा अध्यक्ष विक्रांत भूरिया और पूर्व मंत्री हर्ष यादव, राज्यसभा सदस्य राजमणि पटेल समेत कई अन्य नेता और सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।