By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 29, 2017
आई.बी.पी.एस. ने 1 अप्रैल 2017 को आई.बी.पी.एस. सी.डब्ल्यू.ई. VI परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। कई अभ्यर्थियों ने आई.बी.पी.एस. सी.डब्ल्यू.ई. VI भर्ती परीक्षा में सफलता हासिल की है। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद परिक्षार्थियों के मन में सीटों के आवंटन से संबंधित अनेक तरह के प्रश्न उभरते हैं और इन प्रश्नों के कारण अभ्यर्थियों का मन बहुत अधिक विचलित रहता है। परिक्षार्थियों का मन विचलित न हो और उन्हें पूरा मार्गदर्शन प्राप्त हो सके, इसलिए अभ्यर्थियों की मदद के लिए इस लेख के द्वारा सभी उपाय एवं अन्य जानकारियाँ बताई जा रही है। आपके पास सीटों के आवंटन से संबंधित जो भी प्रश्न या समस्याएं हैं, आप इस लेख से जानकारी प्राप्त कर उसे सुलझा सकते हैं।
आई.बी.पी.एस. क्लर्क परीक्षा परिणाम के बाद मेरिट लिस्ट की तैयारी
अभ्यर्थियों द्वारा लिखित एवं साक्षात्कार परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। मेरिट लिस्ट बनाने में लिखित एवं साक्षात्कार परीक्षा (दोनों) की प्रमुख भूमिका होती है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि यदि दो अभ्यर्थियों ने एक समान अंक प्राप्त किया है तो मेरिट लिस्ट का निर्माण अभ्यर्थियों की जन्म तिथि के अनुसार तय किया जाता है अर्थात वरिष्ठ आयु वर्ग के अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जाती है।
नोट: अस्थायी आवंटन का अर्थ यह नहीं होता है कि अभ्यर्थियों को नौकरी प्राप्त हो जाएगी, बल्कि भर्ती प्रक्रिया के किसी भी चरण में यदि परीक्षार्थी निर्धारित पात्रता को पूरा नहीं करता है तो उसकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया जाता है।
IBPS Clerk परीक्षा परिणाम के तहत अनंतिम आवंटन प्रक्रिया क्या है?
आई.बी.पी.एस. द्वारा आयोजित लिखित एवं साक्षात्कार परीक्षा में जो अभ्यर्थी निर्धारित न्यूनतम अंक प्राप्त कर लेते हैं उन्हें बैंकों में नियुक्ति के लिए आई.बी.पी.एस. द्वारा योग्य निर्धारित किया जाता है। परीक्षाओं के आधार पर आई.बी.पी.एस. योग्य अभ्यर्थियों की सूची तैयार करता है और अंतिम रूप से कट ऑफ अंक का निर्माण करता है। आई.बी.पी.एस. द्वारा निर्मित इसी कट ऑफ अंक के आधार पर बैंक अपने यहां अभ्यर्थियों का चयन करते हैं। चयन प्रक्रिया में अभ्यर्थियों की योग्यता और वरीयता को प्रमुखता दी जाती है।
परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आई.बी.पी.एस. द्वारा सभी चयनित अभ्यर्थियों के पास पुष्टि के रूप में एक ईमेल भेजा जाता है जिसमें उनके लिए आवंटित बैंक की जानकारी अंकित होती है। इस प्रक्रिया के बाद आई.बी.पी.एस. की भूमिका खत्म हो जाती है और आवंटित बैंक द्वारा आगे की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
आई.बी.पी.एस. क्लर्क परीक्षा परिणाम के तहत अंतिम आवंटन के बाद की प्रक्रिया क्या होती है?
आई.बी.पी.एस. द्वारा बैंकों के लिए अस्थायी आवंटन के बाद बैंकों की भूमिका शुरू होती है। बैंकों द्वारा औपचारिक रूप से अभ्यर्थियों के पंजीकृत ई-मेल आई.डी. और आवेदन पत्र के दौरान उल्लिखित उम्मीदवार के पत्राचार पते पर पर नियुक्ति पत्र भेजा जाता है। कुछ बैंक अभ्यर्थियों की सूची की जानकारी औपचारिक रूप से अपनी वेबसाइट पर भी प्रदान करते हैं। अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र में निर्धारित तिथि एवं स्थान पर रिपोर्ट (पहुँचना) करना होता है, जहां अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ों का सत्यापण प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसके बाद अभ्यर्थियों का मेडिकल जांच भी होती है।
आई.बी.पी.एस. क्लर्क परीक्षा परिणाम के बाद योग्य अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण या नियुक्ति की प्रक्रिया
प्रशिक्षण अथवा नियुक्ति प्रक्रिया के लिए अभ्यर्थियों को बुलाने की जिम्मेदार बैंक पर ही होती है। आमतौर पर परिणाम की घोषणा की तारीख और मेल भेजने के बीच न्यूनतम अवधि 20 दिन या 1 महीने तक लगती है, लेकिन ऐसा भी होता है कि परिणाम घोषित होने के बाद यह अवधि दो, तीन या छह महीने तक भी बढ़ सकती है।
प्रशिक्षण प्रक्रिया क्या है?
अधिकांश बैंक अभ्यर्थियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जो आमतौर पर 10 से 15 दिनों का होता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम बैंकों के स्वयं के प्रशिक्षण केंद्र, क्षेत्रीय कार्यालय या आई.बी.पी.एस. के कार्यालय या हेड ऑफिस पर आयोजित किए जाते हैं। आई.बी.पी.एस. क्लर्क के लिए प्रशिक्षण बैंकों के स्थानीय राज्य के प्रशिक्षण केंद्र या क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित किये जाते हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ज्यादातर बैंक अभ्यर्थियों को रहने के लिए होस्टल तथा अन्य सुविधाएँ भी प्रदान करते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कक्षाएं प्रतिदिन 5-6 घंटे तक आयोजित की जाती हैं, जिसमें उम्मीदवारों को बैंकिंग व्यवस्था एवं सामान्य बैंकिंग प्रक्रियाओं में जानकारी प्रदान की जाती है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अभ्यर्थियों को बैंकों में काम करने दिया जाता है।
नोट: बैंकों द्वारा प्रशिक्षण प्रक्रिया भिन्न-भिन्न तरह से पूरी कराई जाती है। कुछ बैंक नियुक्ति से पूर्व तो कुछ बैंक नियुक्ति के बाद इस प्रक्रिया को पूरा करते हैं।
प्रोबेशनरी ऑफिसर पद के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम बैंक से संबंधित प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित किया जाता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अभ्यर्थियों को बैंक में प्रोबेशरीरी ऑफिसर्स (जे.एम.जी. स्केल-I) के रूप में नियुक्ति का अवसर मिलता है। अभ्यर्थी भारत के किसी भी बैंक की शाखा में नियुक्त किए जा सकते हैं। लिपिक पद के लिए अभ्यर्थियों को उन्हीं के राज्य के किसी भी जिले की बैंक की शाखाओं में नियुक्त किया जाता है।
आशा है कि इस लेख से आप सभी को सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हो गई होंगी और आप इन जानकारियों का पूरा लाभ प्राप्त कर पाएंगे।
Source: Collegedunia.com