By नीरज कुमार दुबे | Dec 29, 2021
हैदरपुरा मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कहा है कि एक नागरिक विदेशी आतंकवादी के हाथों मारा गया जबकि मकान मालिक एवं एक स्थानीय आतंकवादी की मुठभेड़ में फंस जाने से मौत हुई, क्योंकि घर में छिपे आतंकवादी ने उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। हम आपको याद दिला दें कि हैदरपुरा में 15 नवंबर को मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी एवं तीन अन्य व्यक्ति मारे गये थे। पुलिस ने दावा किया था कि मारे गये सभी व्यक्तियों का आतंकवाद से संबंध था। हालांकि इन तीन व्यक्तियों के परिवारों ने दावा किया था कि वे बेगुनाह थे और उन्होंने इस मुठभेड़ में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उसके बाद पुलिस ने जांच का आदेश दिया था। जांच के बाद एसआईटी के प्रमुख उपमहानिरीक्षक सुजीत कमार सिंह ने एक प्रकार से सुरक्षा बलों को क्लीन चिट दी लेकिन यह भी कहा कि यदि कोई अन्य सबूत सामने आता है तो यह दल अपने निष्कर्ष पर पुनर्विचार करने को तैयार है।
एसआईटी प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब तक की हमारी जांच से सामने आया है कि डॉ. मुद्दसिर गुल की मकान में छिपे विदेशी आतंकवादी ने हत्या की क्योंकि उसका शव छत पर मिला था। सुरक्षाबल तलाशी के दौरान या बाद के अभियान में छत पर बिल्कुल नहीं गये थे।’’ जांच का ब्योरा देते हुए सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि जांच से पता चला है कि डॉ. गुल का कर्मचारी आमिर माग्रेय का विदेशी आतंकवादी ‘बिलाल भाई’ से घनिष्ठ संबंध था जो भागने की कोशिश के दौरान अभियान में मारा गया। उन्होंने कहा, ''मोहम्मद अल्ताफ भट (मकान मालिक) और आमिर सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में फंस जाने से मारे गये क्योंकि उन्हें विदेशी आतंकवादी ने मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। यह इस बात से पुष्ट होती है कि अल्ताफ दरवाजे के बाहर मिला (उसे गोलियां लगी थीं) तथा आमिर कुछ और कदम तक जा पाया था। विदेशी आतंकवादी का शव 83 फुट दूर मिला था।’’
अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज एवं कॉल रिकार्ड का परीक्षण करने के अलावा एसआईटी ने अब तक 20 से अधिक गवाहों की गवाही ली है। उन्होंने कहा, ''इनमें से छह गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज किये गये।’’ जब सुजीत कुमार सिंह से पूछा गया कि यदि सुरक्षा बलों के पास आतंकवादियों के अंदर छिपे होने की सूचना थी तो आम लोगों को क्यों घर की तलाशी के लिए भेजा गया, उस पर उन्होंने कहा कि भट ने यह कहते हुए खुद ही अंदर जाने की इच्छा प्रकट की थी कि ‘‘उसे पक्का यकीन है कि अंदर कोई छिपा नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ''किसी भी वक्त उनमें से किसी ने भी सुरक्षा बलों को अंदर आतंकवादियों के छिपे होने के बारे में नहीं बताया और न ही कोई मदद मांगी।’’ आमिर की संलिप्तता के बारे में एसआईटी प्रमुख ने कहा कि मकान से मिले कोडी की बोतलें एवं सर्दी के कपड़े जैसे सामान बताते हैं कि वह छिपने का ठिकाना था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया कि आमित बार-बार बांदीपुरा आ रहा था। कोई क्यों बांदीपुरा बार-बार आएगा जब वह (उसका परिवार) 2008 में वहां से चला गया था।’’
राजनीति शुरू
दूसरी ओर एसआईटी की रिपोर्ट पर राजनीति भी शुरू हो गयी है। गुपकर गठबंधन ने इस मुद्दे पर कहा है कि हैदरपुरा में हुई मुठभेड़ पर पुलिस की प्रेस वार्ता केवल ‘‘पुरानी कहानी’’ की पुनरावृत्ति है। गुपकार ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की। गुपकार के प्रवक्ता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने एक बयान में कहा कि बयान एक ‘‘मनगढ़ंत कहानी’’ प्रतीत होता है। उन्होंने कहा, ‘‘पीएजीडी का दृढ़ विश्वास है कि एक विश्वसनीय न्यायिक जांच से कुछ संदेह दूर होंगे। प्रशासन को बिना किसी देरी के समयबद्ध न्यायिक जांच का आदेश देना चाहिए।''
वहीं गुपकार गठबंधन की सदस्य और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि एसआईटी जांच एक गलत अभियान की लीपापोती करने के लिए की गई। महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘हैदरपुरा मुठभेड़ में सशस्त्र बलों को एसआईटी की क्लीन चिट आश्चर्यचकित नहीं करती है। यह विशुद्ध रूप से एक गलत अभियान की लीपापोती करने और बेकसूर नागरिकों की हत्या के दोषियों को दोषमुक्त करने के लिए थी।''