By आरती पांडेय | Jul 26, 2021
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक वाराणसी स्थित बाबा विश्वनाथ को जलाभिषेक कराने का सैकड़ों साल से चली आ रही परंपरा का निर्वाह यदुवंशियों ने किया कहा जाता है कि साल 1992 में काशी में पड़े अकाल से मुक्ति दिलाने के लिए पक्के महाल की सीतला गली निवासी भोला सरदार और सुन्नी सरदार ने 50 यदुवंशियों के साथ बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया था जिसके बाद से 3 दिन लगातार बारिश हुई। तब से लेकर अब तक यह परंपरा निफ्टी आई है। सावन के पहले सोमवार को प्रतिवर्ष यदुवंशी बाबा विश्वनाथ का सबसे पहले जलाभिषेक करते हैं। आज सावन का पहला सोमवार होने से यदुवंशियों ने केदार घाट से जल लेते हुए बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया।
यादव बंधुओं ने गाइडलाइन का पालन करते हुए बाबा का जलाभिषेक किया मंदिर के गर्भ गृह में घुसते ही यादव बंधुओं ने हर हर महादेव की जय घोष करते हुए बाबा को जल चढ़ाया। वाराणसी पुलिस प्रशासन की मंशानुरूप 11 सदस्यों ने पीतल की ध्वजा और डमरू की नाद के बीच बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। इस दौरान वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की तरफ से सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किये गए थे। परम्परा अनुसार 11 यदुवंशियों ने केदारघाट से मां गंगा का जल लेकर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। इस सम्बन्ध में जलाभिषेक के संस्थापक भोला सरदार के पुत्र लाल जी यादव ने बताया कि इस वर्ष कोरोना गाइड लाइन के अनुपालन में हम बाबा का जलाभिषेक करने जा रहे हैं। हमारी मनोकामना है कि पूरी धरती से ये कोरोना नामक बिमारी ख़त्म हो जाए।