हाउडी मोदी! कार्यक्रम से 2019 में वैश्विक सुर्खियों में रहा ह्यूस्टन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 01, 2020

ह्यूस्टन। अमेरिका के ह्यूस्टन को दुनिया की ऊर्जा राजधानी के तौर पर जाना जाता है। यह शहर 2019 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तब सुर्खियों में आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक ‘हाउडी मोदी!’प्रवासी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम ने भारत-अमेरिकी रणनीतिक संबंधों और लोगों के आपसी संपर्कों को और मजबूती प्रदान की। अमेरिका की तेल एवं गैस की राजधानी ह्यूस्टन मेंदो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के अप्रत्याशित तौर पर साथ आने का अर्थ है कि वाशिंगटन और नई दिल्ली अपने द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग को और सशक्त करना चाहते हैं।

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न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र में शिरकत के लिए जाते हुए मोदी 22 सितंबर को टेक्सास के ह्यूस्टन में रूके और 50,000 से ज्यादा भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित किया। यह अमेरिकी ज़मीन पर निर्वाचित विदेशी नेता की अबतक की सबसे बड़ी सभा थी। एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम में आयोजित रैली में मोदी के साथ आए ट्रंप ने प्रधानमंत्री को अपना निजी समर्थन दिया तथा भारत में और कारोबारी समर्थक दृष्टिकोण की वकालत की। दोनों नेताओं ने एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए जिसके तहत अमेरिका कम कीमत पर प्राकृतिक गैस भारत को निर्यात करेगा।

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पिछले साल, दोनों देशों ने ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए अमेरिका-भारत रणनीतिक ऊर्जा साझेदार समझौतेपर हस्ताक्षर किए थे। दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच एकता का संदेश देते हुए ट्रंप ने भारत में अमेरिकी निर्यात में बढ़ोतरी को रेखांकित किया। भारत अमेरिका में बने रक्षा उपकरणों और संयुक्त सैन्य अभ्यासों पर अरबो डॉलर खर्च कर रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत ने कभी अमेरिका में इतना निवेश नहीं किया जितना आज कर रहा है। हम भी भारत में यही कर रहे हैं। ट्रंप ने ‘हाउडी मोदी’ रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ ये जबर्दस्त निर्यात न सिर्फ अमेरिका में रोज़गार के मौकों को बढ़ा रहा है, बल्कि उसने भारत के लिए स्वतंत्रता और सुरक्षा भी बढ़ाई है।’’

भारत के लिए ह्यूस्टन की रणनीतिक अहमियत इसलिए भी है, क्योंकि यह शहर अमेरिका और भारत के बीच व्यापार का चौथा सबसे व्यस्त द्वार है। ह्यूस्टन के भारत के साथ अपने अनूठे संबंध हैं। भारत 4.3 अरब डॉलर के व्यापार के साथ ह्यूस्टन का 10वां सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है। 2017 से 2018 और आज की तरीख तक ह्यूस्टन और भारत के बीच कारोबार में 36 फीसदी का इजाफा हुआ है। भारत अमेरिकी एलएनजी का का छठा सबसे बड़ा खरीदार है। शहर द्वारा संग्रहित आंकड़ों के अनुसार, ह्यूस्टन की 28 से अधिक कंपनियां भारत में 69 सहायक कंपनियों का संचालन करती हैं।

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मोदी की यात्रा का अधिकांश फोकस भारत अमेरिका कारोबार में संभावित बढ़ोतरी और कश्मीर गतिरोध पर था, जबकि प्रधानमंत्री की मौजूदगी में एक महत्वपूर्ण ऊर्जा समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर की घोषणा, भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम था। हाउडी कार्यक्रम से पहले, भारत की कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी ने अमेरिकी की टेल्यूरियन इंकके साथ एक निजी समारोह में 2.5 अरब डॉलर का एक सौदा किया जिसे अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा एलएनजी सौदा बताया गया। इस प्रकार लंबे अरसे तक गैस आयात सुनिश्चित करने के लिए लूसियाना में 28 अरब डॉलर के ड्रिफ्टवुडपरियोजना में 18 प्रतिशत की हिस्सेदारी सुनिश्चित की।

इसके अलावा, मोदी ने 16 ऊर्जा कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की और उन्हें बताया कि भारत ने अपना कॉरपोरेट कर 35 प्रतिशत से कम करके 25 प्रतिशत कर दिया है। पाकिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों की धमकियों के बावजूद ‘हाउडी, मोदी!’ कार्यक्रम आराम से हो गया। अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला के नेतृत्व में एक समर्पित टीम, ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूतावास, 650 स्वागत साझेदार संगठनों और 1,700 स्वयंसेवकों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।

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