शादी को कैसे पंजीकृत करें? आसानी से प्राप्त करें 'मैरिज सर्टिफिकेट'

By मिथिलेश कुमार सिंह | Mar 18, 2020

भारत में अभी भी शादी विवाह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। कहा जाता है कि शादी के बाद नए जीवन की शुरुआत होती है। हमारे देश में शादी विवाह को लेकर मोटी रकम खर्च की जाती है और इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हालाँकि जितना अधिक महत्त्व हमारे यहाँ शादी को दी जाती है उतना ही शादी के पंजीकरण को लेकर लापरवाही देखने को मिलती है। 


संभवतः हम शादी के पंजीकरण को उतना महत्वपूर्ण नहीं समझते हैं, जबकि विवाह रजिस्ट्रेशन के बहुत सारे फायदे हैं। 

 

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भारत में विवाह पंजीकरण के मुख्यतः दो तरीके होते हैं-


हिंदू विवाह अधिनियम (1955)

इस अधिनियम के तहत भारत के बहुसंख्यक हिंदुओं के विवाह का पंजीकरण किया जाता है।


विशेष विवाह अधिनियम (1954)

इस अधिनियम के तहत भारत में रहने वाले दूसरे धर्म के लोगों के विवाह का पंजीकरण किया जाता है।


विवाह पंजीकरण के फायदे

हमारे देश में सामान्यतः अधिकांश लोगों की मौजूदगी में विवाह संपन्न कराए जाते थे और समाज के लोग इसके गवाह हुआ करते थे। मंदिरों में भी विवाह आयोजित आयोजित होते थे और मंदिर का पुजारी इसका सबसे बड़ा गवाह होता था। 


हालांकि विपरीत परिस्थितियों में कई बार मंदिर के पुजारी की गैरमौजूदगी या समाज के कम लोगों की मौजूदगी में हुई शादी को अमान्य घोषित कर दिया जाता था और बड़ी ही आसानी से रिश्ते टूट जाया करते थे। 

 

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इन बातों को ध्यान में रखते हुए विवाह के पंजीकरण के नियम को संविधान में जगह दी गई और इसके तहत भारत में रहने वाले सभी लोगों का विवाह-पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया। बता दें कि आप कभी विदेश यात्रा करना चाहें तो ऐसे में पासपोर्ट या वीजा हेतु आवेदन करने से पहले आपकी पत्नी के पास विवाह प्रमाण-पत्र होना आवश्यक है। इसके साथ ही अगर आप ज्वाइंट अकाउंट खुलवाते हैं या फिर ज्वाइंट प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो वहां भी विवाह प्रमाण-पत्र का होना जरूरी है। 


कई बार शादी के बाद महिलाएं अपना सरनेम चेंज नहीं करती हैं, ऐसे में उन्हें आगे की किसी सरकारी योजना या किसी कागजी कार्यवाही में परेशानी न उठाना पड़े, इसके लिए विवाह प्रमाण-पत्र का होना बेहद जरूरी है। कई बार शादी-विवाह में धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं। ऐसे में अगर आपके पास मैरिज सर्टिफिकेट है तो आप आसानी से केस दर्ज करा कर अपना अधिकार प्राप्त कर सकते हैं।


कैसे कराएं विवाह रजिस्ट्रेशन?

अगर आपकी शादी हाल ही में संपन्न हुई है या आपकी शादी हुए कुछ समय बीत गए हैं तो भी आप अपने विवाह का पंजीकरण आसानी से करा सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि आप जिस जगह 6 महीने से अधिक समय से रह रहे हैं, वहां के जिले के विवाह पंजीकरण कार्यालय में आपको जाना है और अपना विवाह रजिस्ट्रेशन आवेदन-पत्र दाखिल करना है। ध्यान रहे कि जब आप आवेदन-पत्र भर रहे हों, तो बेहद सावधानी रखें और जो भी जानकारी आवेदन पत्र में पूछी गई है, उसका जवाब सही-सही लिखें।


अगर शादी के समय सरनेम में कोई परिवर्तन हुआ है तो इस बात का भी आवेदन में जिक्र करें और इसका प्रमाण-पत्र उसके साथ अटैच करें। इसके अलावा इसमें आपको तीन गवाहों की जरूरत पड़ेगी जो आपके दोस्त, रिश्तेदार या नजदीकी पडोसी हो सकते हैं। वहीं इनके नाम, पते और मोबाइल नंबर को भी इस फॉर्म में भरना होगा। यह सारी प्रक्रिया होने के बाद रजिस्ट्रेशन दफ्तर में आपका यह प्रमाण-पत्र जांच के लिए जाएगा और सारी जानकारी सही पाए जाने पर विवाह अधिकारी की मुहर लग जाएगी। आवेदन के 30 दिन के बाद आपको आपका मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त हो जाएगा।


ऑनलाइन विवाह रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?

विवाह का पंजीकरण ऑनलाइन कराना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सम्बन्धित प्रदेश की ऑफिसियल गवर्नमेंट वेबसाइट पर लिंक मिल जायेगा। एक प्राइवेट वेबसाइट https://www.onlinemarriageregistration.com/ वेबसाइट पर आपको काफी जानकारी मिल जाएगी, किन्तु यहाँ दी गयी किसी भी सूचना को वेरीफाई जरूर करें। 


गवर्नमेंट की ऑफिसियल वेबसाइट से आप जिले का चयन कर सकते हैं, जहां आप मौजूदा समय में रह रहे हैं। यहाँ आप मैरिज सर्टिफिकेट फार्म के ऑप्शन पर क्लिक कर आवेदन फॉर्म भर लें। आवेदन फॉर्म भरते समय आपको सही जानकारी भरनी होती है। सही-सही इंफॉर्मेशन इसमें भरे, उसके बाद ही आप एप्लीकेशन सबमिट करें। इसके बाद आपको रजिस्ट्रेशन के लिए एक तारीख मिलेगी। एप्लीकेशन को सबमिट करने के बाद आपको एक्‍नॉलेजमेंट स्लिप मिलेगी जिसका प्रिंटआउट लेना ना भूलें।


अगर आप हिंदू विवाह अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं तो आपको 15 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन के लिए ऑफर मिल जाता है। वहीं विशेष विवाह अधिनियम के तहत एप्लीकेशन डाल रहे हैं तो इसमें 2 महीने के आसपास का समय लग जाता है।


शादी रजिस्ट्रेशन करने के लिए जरुरी डॉक्युमेंट

शादी रजिस्ट्रेशन के आवेदन के लिए आप जहां रहते हैं वहां का निवास प्रमाण पत्र जमा करना होगा। इसके आलावा वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस तथा आपकी पत्नी विवाह से पहले जहां रहती थी वहां का एड्रेस प्रूफ चाहिए। इसके अलावा आपको दोनों पति-पत्नी का जन्म प्रमाण-पत्र या हाईस्कूल की मार्कशीट जमा करनी होगी। इसके साथ ही शादी के कार्ड सहित शादी समारोह के दो -दो रंगीन फोटोग्राफ्स आपको जमा करने होंगे। इसके अतिरिक्त, पति-पत्नी को अलग-अलग विवाह हलफनामा और अपना 2 रंगीन पासपोर्ट साइज का फोटो जमा करना होगा। सारे दस्तावेज सेल्फ अटेस्टेड होने चाहिए।


इस तरीके से आप अपना मैरिज सर्टिफिकेट आसानी से घर बैठे पा सकते हैं।


- मिथिलेश कुमार सिंह

 

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