फिल्मों की दुनिया की चकाचौंध यकीनन हर किसी को अपनी ओर खींचती है। आजकल हर दूसरा व्यक्ति इस फिल्मी दुनिया से जुड़ने की कोशिश करता है। आमतौर पर लोग सिर्फ फिल्म में काम करने वाले कलाकार को ही देखते हैं और सिर्फ वहीं तक फिल्मी दुनिया को सीमित समझते हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। जहां एक फिल्म को परदे तक लाने में कई लोगों की मेहनत लगती है तो वहीं उस फिल्म की सच्चाई दर्शकों के सामने लाने का काम करते हैं फिल्म क्रिटिक। वह हर फिल्म को बेहद बारीकी से देखकर लोगों को उस फिल्म की खूबियों व खामियों से अवगत कराते हैं। फिल्म की रिलीज के बाद ही न सिर्फ आम जनता यहां तक कि फिल्म की मेकिंग स्टार कास्ट व अन्य लोग भी फिल्म क्रिटिक के रिव्यू का इंतजार करते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में कॅरियर बनाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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क्या होता है काम
एक फिल्म क्रिटिक किसी भी फिल्म को मनोरंजन के नजरिए से नहीं देखते, बल्कि उनका प्वाइंट ऑफ व्यू क्रिटिकल होता है। वह फिल्म के सब्जेक्ट को अच्छे तरीके से एनालाइज करके खूबियों व खामियों के बारे में बताते हैं। इस तरह से अगर देखा जाए तो एक फिल्म क्रिटिक रचनात्मक भूमिका निभाता है। वह फिल्म को निष्पक्ष होकर देखता है और फिल्म की हर छोटी−बड़ी बात के बारे में खुलासा करता है। फिल्म क्रिटिक के रिव्यू के कारण ही फिल्म मेकर अपनी आने वाली फिल्मों में उन गलतियों को नहीं दोहराते, जिन्हें वह पहले फिल्म में कर चुके हैं। फिल्म क्रिटिक अपने रिव्यू के जरिए हर आने वाली फिल्म को और भी अधिक बेहतर बनाता है।
स्किल्स
इस क्षेत्र में खुद को साबित करने के लिए व्यक्ति का उतना गुणी होना भी जरूरी है क्योंकि आपकी बात को कोई भी व्यक्ति तभी सीरियसली लेगा, जब आपकी बात में वजन हो और इसके लिए ज्ञान का होना बेहद आवश्यक है। इस क्षेत्र में कॅरियर देख रहे छात्रों को न सिर्फ पढ़ने की आदत होनी चाहिए, बल्कि उन्हें इस फील्ड व इसके लोगों के बारे में जानकारी भी होनी चाहिए। अगर आपके पास फिल्मों की अच्छी नॉलेज होने के साथ−साथ अपने काम के प्रति पैशन भी है, तभी आप इस क्षेत्र में आगे कदम बढ़ाने के बारे में सोचें। इसके अलावा कई बार आपको लंबे समय तक फिल्में देखनी पड़ती हैं, कई बार तो एक ही दिन में दो−तीन फिल्में लगातार भी। आपको इसके लिए भी शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार होना चाहिए। वहीं इस क्षेत्र की मुख्य विशेषता है निष्पक्षता। आप चाहें कितने भी बड़े स्टार या अपने पसंदीदा कलाकार की फिल्म देखें, लेकिन फिल्म का रिव्यू करते समय आपको निष्पक्ष होकर ही अपना मत देना होगा।
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शैक्षणिक योग्यता
इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए अलग से कोई विशेष कोर्स उपलब्ध नहीं है, लेकिन अगर आप इस क्षेत्र से जुड़े कोर्स करते हैं तो यकीनन आप चीजों को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे, जैसे पोस्ट ग्रेजुएशन इन मास कम्युनिकेशन या सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स करके भी आप फिल्म की बारीकियों को समझेंगे।
संभावनाएं
जिस तरह फिल्मों का प्रॉडक्शन बढ़ रहा है, फिल्म क्रिटिक्स की मांग भी बढ़ने लगी है। आप प्रिंट या इलेक्टानिक मास मीडिया हाउसेज में जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा इन्हें कई फिल्म फेयर अवार्ड गिविंग आर्गेनाइजेशन द्वारा भी ज्यूरी के तौर पर हायर किया जाता है ताकि बेहतरीन फिल्मों को उनके काम के लिए सम्मानित किया जा सके। वहीं अगर आप चाहंे तो कई सोशल मीडिया वेबसाइट पर भी काम की तलाश कर सकते हैं या फिर खुद का ब्लॉग व वेबसाइट भी चला सकते हैं।
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सैलरी
एक फिल्म क्रिटिक को अगर फिल्मों की अच्छी समझ है तो शुरूआती दौर में ही आप 25000 से 30000 रूपए आसानी से कमा सकते हैं। वहीं कुछ सालों के एक्सपीरियंस के बाद आपकी सैलरी 100000 से 150000 रूपए भी हो सकती है।
वरूण क्वात्रा