By अभिनय आकाश | Oct 18, 2024
साल 2004 इजरायल की जेल में एक फिलिस्तीनी कैदी के सिर में जोर का दर्द उठा अस्पताल में भर्ती हुआ तो पता चला की ट्यूमर है। बीमारी एडवांस स्टेज में पहुंच चुकी थी। किसी तरह उसका ऑपरेशन हुआ और जान बच गई। साल 2023 जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इसी शख्स के बारे में कहते नजर आए हि इज डेड मैन वॉर्किंग यानी उसका अंत नजदीक है। गाजा में घुसी इजरायल डिफेंस फोर्स दिन रात उसकी तलाश कर रही है। 8 नवंबर को खबर आई कि वो किसी बंकर में छिपा है और आईडीएफ ने घेरे बंदी कर ली है। किसी भी वक्त मारा जा सकता है। दावा है कि उसके मरते ही गाजा पट्टी में हमास का नेटवर्क ध्वस्त हो जाएगा। फिर 17 अक्टूबर 2024 की तारीख जब शाम के वक्त खुसफुसाहट के शक्ल में धुएं की तरह एक खबर रात तक होते होते आग में तब्दील हो गई। खबर थी कि आतंक का पर्याय जो इजरायल में हमास का मुखिया को इजरायल डिफेंस फोर्स ने मार गिराया है। नाम है अबू इब्राहिम और जिसे दुनिया याह्या सिनवार के नाम से जानती है। दक्षिणी गाजा में इजरायल की सेना ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इजरायल फोर्स ने हमास के तीन लड़ाकों को ढेर किया था और फिर ये जांच चल रही थी कि कौन कौन इसमें मारे गए हैं। उसके बाद से इजरायल की तरफ से ये बयान आ रहे थे कि हो सकता है कि इसमें याह्या सिनवार की भी मौत हो गई हो। फिर डीएनए टेस्टिंग के बाद ये कंफर्म कर दिया गया कि आंतक का पर्याय याह्या सिनवार मारा गया।
कहा जाता था खान यूनिस का कसाई
पिछले साल 7 याह्या सिनवार अक्टूबर को हमास की तरफ से इस्राइल पर हुए हमले का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार को माना जाता है। 7 अक्टूबर को जब हमास ने इस्राइल पर हमला किया था तब उसमें 1,200 से अधिक इस्राइली मारे गए थे और 250 से अधिक बंधक बनाए गए थे। सिनवार को 'खान यूनिस का कसाई' कहा जाता है। सिनवार ने हमास गोलीबारी और हमले के बाद, सैनिक यह पता लगाने के लिए इमारत में दाखिल हुए कि उन्होंने किसे मारा है। इमारत के खंडहरों में प्रवेश करने पर, उन्हें एक अधेड़ उम्र का आदमी मिला, जिसने सैन्य शैली की बनियान पहनी हुई थी और वह मलबे के नीचे आधा दबा हुआ था। तब सैनिकों को एहसास हुआ कि यह मृत व्यक्ति हमास नेता याह्या सिनवार से बहुत मिलता जुलता था। उन्होंने लकड़ी के टुकड़े से उसके होंठ खोले और देखा कि घिसे हुए और टूटे हुए दांत हमास नेता के मुंह की तस्वीरों से मेल खाते हैं। तुरंत, ये तस्वीरें ऑनलाइन वायरल हो गईं, जिनमें से अधिकांश ने कहा कि यह सिनवार है। इसके बाद इजरायली अधिकारियों ने मारे गए लोगों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए और अन्य परीक्षण किए और गुरुवार तक इजरायल ने घोषणा की कि सिनवार को खत्म कर दिया गया है।
16 अक्टूबर की सुबह शुरू हुआ ऑपरेशन
आईडीएफ की बिस्लामाच ब्रिगेड की 450वीं बटालियन के एक सदस्य ने राफा के तेल सुल्तान पड़ोस में एक इमारत के अंदर और बाहर जाते हुए एक संदिग्ध व्यक्ति को देखा। उन्होंने अपने बटालियन कमांडर को सूचित किया, जिन्होंने इमारत पर गोलीबारी करने का आदेश दिया। टाइम्स ऑफ इज़राइल के अनुसार, दोपहर 3 बजे आईडीएफ ने ड्रोन के जरिए देखा कि तीन लोग एक घर से दूसरे घर में जाने की कोशिश कर रहे थे। दो व्यक्ति खुद को कंबल से ढंके हुए आगे चल रहे थे, जबकि तीसरा व्यक्ति पीछे था। 450वीं बटालियन के कमांडर ने तीनों पर गोलियां चलाईं जिससे वे अलग हो गए। दो आतंकवादी एक इमारत में भाग गए और तीसरा अलग इमारत में घुस गया। यही तीसरा शख्स सिनवार था। । हालांकि, उस समय तक इजरायली सैनिकों को पता नहीं था कि उन्होंने सिनवार को घेर लिया है। इस बीच सिनवार इमारत की दूसरी मंजिल पर चला गया। आईडीएफ ने उस पर टैंक से फायर किया।
आईडीएफ ने टैंक से इमारत पर हमला किया
सिनवार ने सेंकेड फ्लोर से दो ग्रेनेड फेंके। इससे सैनिकों को पीछे हटना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने कमरे में एक ड्रोन भेजा। इसमें एक आदमी मिला जिसकी बांह में चोट लगी थी और जिसका चेहरा ढका हुआ था। हालाँकि, एक सैनिक, जो ऑपरेशन का हिस्सा था, ने एक हिब्रू मीडिया आउटलेट को बताया कि आईडीएफ ने उस इमारत पर मिसाइल से हमला किया जिसमें सिनवार था और फिर यह पुष्टि करने के लिए एक ड्रोन भेजा कि वह मारा गया था। सैनिक ने कहा कि घटना के समय किसी को नहीं पता था कि जिस व्यक्ति को उन्होंने मारा है वह हमास नेता याह्या सिनवार है।
एक साल से किया जा रहा था ट्रैक
16 अक्टूबर को हुए ऑपरेशन में सिनवार की मौत हो गई। सटीक खुफिया जानकारी और हमास नेता की एक साल से चली आ रही तलाश के अंत पर जाकर खत्म हुई। 7 अक्टूबर 2023 की वो शाम जब हमास ने इज़राइल में घुसपैठ की और 1,200 से अधिक लोगों को मार डाला। याह्या सिनवार ने इजरायली नागरिकों को अगवा करने का आदेश दिया था। जिसके बाद से ही सिनवार यहूदी राष्ट्र की हिट लिस्ट में आ गया था। हालाँकि, आईडीएफ सैनिकों और ड्रोन से बचने के लिए सिनवार लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा। इसके अलावा, यह माना जाता था कि मारे जाने की संभावना को कम करने के लिए सिनवार ने इजरायली बंधकों का घेरा अपने आस पास बना लिया था। जैसे-जैसे महीने बीतते गए, इज़राइल की ख़ुफ़िया एजेंसियों और आईडीएफ ने सिनवार की तलाश जारी रखी, और कुछ मौकों पर करीब आ गए। पिछले दिसंबर में नेतन्याहू ने घोषणा की थी कि इजरायली सेना ने सिनवार के गाजा हाउस को घेर लिया है। नेतन्याहू ने एक रिकॉर्ड किए गए वीडियो बयान में कहा ति मैंने कहा कि हमारी सेना गाजा पट्टी में कहीं भी पहुंच सकती है। आज वे सिनवार के घर को घेर रहे हैं, हो सकता है कि उसका घर उसका किला न हो और वह भाग सकता है, लेकिन हमें उसे पकड़ने में कुछ ही समय लगेगा। सिनवार की मृत्यु के साथ, इज़राइल ने इस युद्ध में अपना प्रमुख लक्ष्य हासिल कर लिया, लेकिन इससे ऑपरेशन समाप्त नहीं होता है। केवल समय ही बताएगा कि आगे क्या होगा।
Click here to get latest Political Analysis in Hindi