दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बेंगलुरू में हुए तीसरे टी-20 मैच में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। दक्षिण अफ्रीकी टीम ने भारत के दिए 135 रनों के लक्ष्य का आसानी से पीछा करते हुए 9 विकेट से जीत हासिल की। इस जीत के साथ ही 3 मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रा हो गए। इस सीरीज का पहला टी-20 मुकाबला बारिश की वजह से रद्द हो गया था वहीं दूसरे टी-20 मैच में भारतीय टीम ने जीत हासिल की। बेंगलुरू में हुए इस तीसरे टी-20 मैच में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। यह फैसला सबके लिए चौंकाने वाला था क्योंकि चिन्नास्वामी की पिच रनों का पीछा करने के लिहाज से काफी अच्छी मानी जाती है। लेकिन कप्तान कोहली ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और इसका फायदा दक्षिण अफ्रीकी टीम को हुआ जिन्होंने बड़े आसानी से मैच जीत लिया।
मैच के बाद जब विराट कोहली संवाददाता सम्मेलन में आएं तो उन्होंने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के ऊपर सफाई देते हुए कहा कि “हम इसी तरह का मैच चाहते थे। टी-20 वर्ल्ड कप से पहले हम इस तरह के मुश्किल मैच खेलना चाहते हैं। वर्ल्ड कप में जाने से पहले, हम पहले बल्लेबाजी करते हुए खुद को आजमाते रहेंगे। टीम इस तरह की सपाट पिच पर पहले बैटिंग करने से पीछे नहीं हटेगी। हम अपने माइंडसैट को लचीला करना चाहते हैं और कोशिश कर रहे हैं कि विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर खेल सकें”।
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कोहली के मुताबिक वह टीम को हर मुश्किल परिस्थितियों के लिए तैयार करना चाहते है। ऐसा करने से वर्ल्ड कप 2020 से पहले टीम के संयोजन के बारे में अच्छे से पता चल जाएगा। इसके साथ ही टीम विपरीत परिस्थितियों में लचीला प्रदर्शन कर जीत दर्ज करेगी। कोहली का यह बयान काफी हद सतक सही लगता है लेकिन इसके साथ ही कई सवाल भी उठते है कि क्या जिस तरह से टीम इंडिया संयोजन बना रही है। वह टी-20 वर्ल्ड कप विजेता बनने वाली टीम बनेगी। इस टीम में अभी किस तरह के सुधार की जरूरत है जो टीम को चैंपियन बना सकती है।
टॉप-3 बल्लेबाजों पर ज्यादा निर्भरता
वनडे फार्मेट की तरह टी-20 में भी टीम इंडिया के टॉप-3 बल्लेबाज शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली है। यह तीनों बल्लेबाज ज्यादातर मौके पर जीत में अहम भूमिका निभाते है। मोहाली टी-20 मैच पर ही नजर डालें तो शिखर धवन और विराट कोहली ने मिलकर अच्छी साझेदारी की और जीत की नींव रखी। वहीं पिछले कई मौके पर रोहित शर्मा जीत के सूत्रधार बनते आ रहे है। इसके अलावा विराट कोहली और धवन भी अपने दम पर कई मैच जिताते है। हालांकि कई मौके पर देखा गया है कि टीम इंडिया की शीर्ष क्रम फेल हो जाता है तो उसके बाद मध्य क्रम के बल्लेबाज उसको संभाल नहीं पाते है। मिडिल आर्डर में ऐसा कोई भी बल्लेबाज नहीं है जो अकेले दम पर मैच जिताने का माद्दा रखता है। विरोधी टीम भी इस बात को भली-भांति जानती है कि अगर टीम इंडिया के खिलाफ जीत हासिल करनी है तो इसके टॉप आर्डर को बिखेरना होगा। उम्मीद है आने वाले समय में भारतीय टीम कोहली-धवन और रोहित की तिकड़ी पर ज्यादा निर्भर ना होकर मिडिल आर्डर के बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर भी निर्भर करेगी।
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ऋषभ पंत की जगह अब ढूंढने होंगे विकल्प
युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से पहले कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली से साफ-साफ चेतावनी मिल चुकी थी। रवि शास्त्री ने काफी कड़े लहजे में, तो विराट कोहली ने नर्म लहजे में पंत को शॉट सिलेक्शन सुधारने और बल्लेबाजी का अप्रोच सुधारने की हिदायत दी थी। अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज खत्म हो चुकी है। पंत ने जहां दूसरे टी-20 में 4 और तीसरे टी-20 में केवल 19 रन बनाएं है। पंत का यह प्रदर्शन काफी निराशाजनक है। वर्ल्ड कप के बाद पंत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टी-20 को छोड़कर एक भी अर्धशतक नहीं जड़ा है। पंत के प्रदर्शन को देखते हुए उनका विकल्प खोजा जा रहा है। टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद भी पंत का विकल्फ खोजने को लेकर बयान दे चुके है। अब वक्त आ चुका है कि पंत की जगह घरेलू और इंडिया ए के लिए अच्छा प्रदर्शन करने वाले संजू सैमसन और इशान किशन जैसे युवा बल्लेबाजों को मौका दिया जाएं।
कुलचा की स्पिन जोड़ी को टी-20 में मिलना चाहिए मौका
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टी-20 मैच में अगर किसी चीज की कमी खली तो वह स्पिन डिमार्टमेंट में कुलदीप और चहल की जोड़ी का ना होना है। दोनों ही गेंदबाज जोड़ी में टीम इंडिया के लिए शिकार करते थे और हारा हुआ मैच भारत की झोली में डालते थे। तीसरे टी-20 मैच में सुदंर, कुणाल पांड्या और रवींद्र जडेजा की तिकड़ी में यह कमाल नहीं दिखाई दिया। तीनों ही गेंदबाज विकेट लेने के लिए संघर्ष करते रहे। ऐसे में अगर टीम इंडिया को वर्ल्ड टी-20 में जीत हासिल करनी है तो कुलचा की जोड़ी को अपना मुख्य हथियार बनाना पड़ेगा।
- दीपक कुमार मिश्रा