By नीरज कुमार दुबे | Jan 08, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ ठान लें तो सामने वाले की हेकड़ी कैसे निकालते हैं इसका खुलासा राजनयिक रहे अजय बिसारिया ने अपनी आने वाली पुस्तक 'एंगर मैनेजमेंट' में किया है। हम आपको बता दें कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के समय अजय बिसारिया पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त के रूप में काम कर रहे थे। उस समय जब विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का विमान पाकिस्तान में गिर गया था और उन्हें वहां हिरासत में ले लिया गया था तो भारत ने उन्हें सकुशल रिहा करवाने के लिए कुछ बड़ा करने का निर्णय कर लिया था। भारत की आक्रामकता से पाकिस्तान के पसीने छूट गये थे। अजय बिसारिया ने बताया है कि उस समय 9 भारतीय मिसाइलों को पाकिस्तान की तरह तैनात कर दिया गया था जैसे ही यह खबर पाकिस्तान को लगी तो वहां की सरकार के हाथ-पांव फूल गये। पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को जब यह बताया गया कि भारत कभी भी हमला कर सकता है तो उन्होंने अपने वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों की रात को ही बैठक बुलाई। बिसारिया ने लिखा है कि भारतीय सेना किसी भी क्षण हमला करने के लिए तैयार थी इससे पाकिस्तानी सेना में घबराहट साफतौर पर देखी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि आनन-फानन में आधी रात को पाकिस्तान सरकार ने भारतीय उच्चायोग से संपर्क साधा और कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करना चाहते हैं। हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी उस रात को 'कत्ल की रात' की संज्ञा दे चुके हैं। हम आपको बता दें कि 2019 में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सौभाग्य से पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा कर दिया वरना वह कत्ल की रात होती।
अजय बिसारिया ने अपनी पुस्तक में खुलासा करते हुए दावा किया है कि उन्हें आधी रात को भारत में पाकिस्तान के तत्कालीन उच्चायुक्त सोहेल महमूद का फोन आया। सोहेल महमूद ने उनसे कहा कि इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी से बात करना चाहते हैं। इसके बाद बिसारिया ने दिल्ली में विदेश मंत्रालय में बात करने के बाद पाकिस्तानी उच्चायुक्त से संपर्क साधा और उन्हें संदेश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अभी उपलब्ध नहीं हैं यदि कोई जरूरी संदेश हो तो वह मेरे माध्यम से उन तक पहुँचाया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तानी प्रधान
अजय बिसारिया ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि घबराये पाकिस्तान ने अगले ही दिन यानि 28 फरवरी को अभिनंदन को रिहा करने का फैसला किया। इस बारे में घोषणा खुद पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद में की। उन्होंने लिखा है कि पाकिस्तान ने मूंछों वाले भारतीय लड़ाकू पायलट की रिहाई को शांति का संदेश कहा था लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन के दूतों सहित पश्चिमी राजनयिकों ने इस्लामाबाद को साफ बता दिया था कि भारतीय पायलट को नुकसान पहुंचाये जाने पर हालात बहुत खराब हो सकते थे। उन्होंने लिखा है कि भारत की धमकी कितनी गंभीर थी, इसका अंदाजा पाकिस्तान को हो गया था इसलिए वहां हर शख्स डरा हुआ नजर आ रहा था।
अजय बिसारिया ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि पाकिस्तान हालात संभालने के लिए अन्य देशों की भी मदद ले रहा था इसलिए कई राजदूतों ने रात भर भारत के तत्कालीन विदेश सचिव को फोन करके बताया था कि पाकिस्तान अभिनंदन को तो रिहा करने के लिए तैयार है ही साथ ही वह पुलवामा हमला मामले में भारत की ओर से सौंपे गये डोजियर के आधार पर कार्रवाई करने के लिए भी तैयार है। उन्होंने लिखा है कि राजदूतों ने भारत को बताया था कि इस बारे में सारी घोषणाएं इमरान खान संसद में करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने लिखा है कि आखिरकार ऐसा हुआ भी। अजय बिसारिया ने लिखा है कि भारत की आक्रामक कूटनीति का काफी प्रभाव दिख रहा था।
अजय बिसारिया ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि इमरान खान के एक करीबी दोस्त ने एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर बिश्केक में इमरान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात और बातचीत के लिए उनसे संपर्क भी किया था। हम आपको बता दें कि वैसे भारत ने आधिकारिक तौर पर कभी नहीं कहा कि अभिनंदन की रिहाई के लिए उसने पाकिस्तान की ओर मिसाइलें तैनात कर दी थीं लेकिन अजय बिसारिया ने खुलासा किया है कि कैसे भारत के रुख ने पाकिस्तान को सिर से पैर तक हिला कर रख दिया था।
अजय बिसारिया ने अपनी पुस्तक में पुलवामा हमले के बाद भारत की जवाबी तैयारियों का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को उन्होंने बता दिया था कि पुलवामा हमला मामले से निपटने के राजनयिक विकल्प सीमित हैं। इस पर सुषमा स्वराज ने उन्हें बताया था कि कुछ कड़ी कार्रवाई होगी वहीं जनरल बिपिन रावत ने उन्हें बताया था कि भारत का जवाबी हमला 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक से कहीं बड़ा होगा।