पैसा और हथियार दोनों गंवाया, पहलगाम के जरिए पाकिस्तान ने कैसे मार ली पैर पर कुल्हाड़ी, अमेरिका-सऊदी का भारत को समर्थन शहबाज को बहुत भारी पड़ेगा

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By अभिनय आकाश | Apr 23, 2025

पैसा और हथियार दोनों गंवाया, पहलगाम के जरिए पाकिस्तान ने कैसे मार ली पैर पर कुल्हाड़ी, अमेरिका-सऊदी का भारत को समर्थन शहबाज को बहुत भारी पड़ेगा

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी दिखाई दे रही है। इसी कड़ी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है। जानकारी ये दी गई है कि इस बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने इस हमले की निंदा की है और भारत को अपना पूर्णत: समर्थन दिया है। उन्होंने कहा है कि हम इस आतंकी हमले की निंदा करते हैं और भारत को इस हमले के खिलाफ पूरा समर्थन देते हैं। उनका कहना है कि इसके गुनाहगारों के खिलाफ न्याय पाने के लिए हम पूरी तरह से भारत के साथ खड़े हैं। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर आतंकवाद के खिलाफ काम करेंगे।  बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सऊदी अरब दौरा बीच में ही रोक दिया और बुधवार की रात ही वापस लौटने का फैसला किया। 

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सऊदी प्रिंस ने की हमले की निंदा

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले की निंदा की और मारे गए निर्दोष लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। दोनों नेताओं ने पूरी ताकत से लड़ने का संकल्प लिया। भारत की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि पीएम मोदी की सऊदी क्राउन प्रिंस से मुलाकात के दौरान यह चर्चा हुई। खाड़ी के एक और अहम देश और भारत के दोस्त संयुक्त अरब अमीरात ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। यूएई के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि संयुक्त अरब अमीरात पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाने वाले आतंकी हमले की निंदा करता है। 

सुन्नी मुल्क हैं, भाई भाई से सऊदी पर डोरे डालता पाकिस्तान

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका और सऊदी अरब का भारत के साथ आना एक बड़ा फैक्टर है। क्योंकि यूं तो सभी देश आतंकवाद से लड़ने में सहयोग की बात करते हैं। लेकिन सऊदी अरब की बात अलग है क्योंकि वहां सरकार पर्दे के पीछे कई ऐसे आतंकवादी संगठनों की फंडिंग करती है जो पूरी दुनिया में उत्पात मचाते हैं। ये गुट इस्लाम की कट्टर व्याख्या की बातें करते हैं। कई आतंकी हमलों में इन गुटों का हाथ रहा है। सऊदी अरब के लिए ये मामला फॉरेन पालिसी का है। लेकिन भारत के लिए आतंकवाद का मामला है क्योंकि हम इसके शिकार देशों में से एक हैं। पाकिस्तान और सऊदी की नजदीकी किसी से छुपी नहीं है। सलमान को निशाने पाकिस्तान से सम्मानित किया जा चुका है। एक दौर में तो इमरान प्रधानमंत्री रहते हुए मोहम्मद सलमान को घुमाने के लिए खुद ड्राइवर भी बन गए थे। सऊदी पाकिस्तान को भयानक आर्थिक मदद देता है और एक प्रकार का मॉर्रल सपोर्ट भी है। एक किस्म का कनेक्श है कि अपने दोनों सुन्नी मुल्क हैं, भाई भाई है। 

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ट्रंप प्रशासन का रवैया कुछ अलग 

जहां तक बात अमेरिका की है तो पाकिस्तान को सैन्य सहायता निलंबित करने का ट्रम्प प्रशासन का निर्णय 2001 के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ सबसे महत्वपूर्ण अमेरिकी दंडात्मक कार्रवाइयों में से एक था। संयुक्त राज्य अमेरिका लंबे समय से पाकिस्तान द्वारा अफगान तालिबान और पाकिस्तान में इसकी शातिर हक्कानी शाखा के लिए सुरक्षित पनाहगाहों को लगातार स्वीकार करने से निराश था। इससे भी बदतर बात यह है रही कि पाकिस्तान ने दोनों समूहों को प्रत्यक्ष सैन्य और खुफिया सहायता प्रदान की जिसके परिणामस्वरूप अमेरिकी सैनिकों, अफगान सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों की मौत हुई है, साथ ही अफगानिस्तान में काफी अस्थिरता देखने को मिली। 9/11 के हमलों के बाद से पाकिस्तान को सैन्य और आर्थिक सहायता के साथ-साथ दंडात्मक उपायों के माध्यम से दबाव डालने के लिए मनाने के अमेरिकी प्रयास विफल नजर आए। 


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