By अनन्या मिश्रा | Sep 30, 2024
बता दें कि मेनोपॉज करीब आने पर महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन औऱ प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन की मात्रा बहुत कम हो जाती है। जिसके कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन दिखने लगते हैं। जिसके कारण महिलाएं अधिक तनाव में रहने लगती हैं और खुद को बीमार महसूस करती हैं। ऐसे में इन लक्षणों को पहचानना और भी जरूरी हो जाता है।
मेनोपॉज के लक्षण
अनियमित पीरियड्स
मेनोपॉज की स्थिति के पास पहुंचने पर सबसे पहले महिलाओं की पीरियड साइकिल डिस्टर्ब होने लगती है। कई बार महीने में एक बार से ज्यादा पीरियड होते हैं, तो कभी 2-3 महीने पीरियड होते ही नहीं हैं। इस दौरान ब्लड फ्लो घटता या बढ़ता रहता है।
टेंपरेचर में अनिश्चितता
मेनोपॉज के करीब पहुंचने पर महिलाओं के शरीर के टेंपरेचर में अनिश्चितता बनी रहती है। इस दौरान महिलाओं को तेज बुखार जैसा भी महसूस हो सकता है। इस स्थिति को हॉट फ्लैशेज के नाम से जानते हैं। कई बार इस दौरान महिलाओं को अचानक से तेज गर्मा या फिर तेज ठंडक का एहसास होने लगता है।
ब्रेस्ट में सूजन
ब्रेस्ट में सूजन या दर्द की समस्या होना मेनोपॉज का तीसरा सबसे सामान्य लक्षण है। हार्मोनल बदलाव के कारण ब्रेस्ट में फ्लूइड जमा होने लगते हैं। जिसके कारण ब्रेस्ट में स्वेलिंह आने लगती है। एस्ट्रोजन के गिरते लेवल के चलते ज्यादातर महिलाओं के निप्पल के आसपास का डार्क एरिया सिकोड़ने लगता है।
वेजाइना में सूखापन होना
मेनोपॉज के पास पहुंचने पर वेजाइन में सूखापन और खुजली की समस्या भी बढ़ सकती है। कई बार परेशानी बढ़ने पर यूटीआई जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। जिनमें पेशाब करते हुए तेज दर्द या जलन का एहसास होना और बार-बार पेशाब आने जैसा महसूस होता है। साथ ही अचानक पेट में दर्द होने लगना आदि शामिल है।
ऐसे रखें खुद का ख्याल
बता दें कि 45 या फिर इससे अधिक उम्र वाली महिलाओं के लिए खानपान पर ध्यान देना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। महिला डाइट में पौष्टिक डाइट शामिल करें, जिससे फिजिकल और भावनात्मक दोनों रूप से बेहतर महसूस करती हैं।
अच्छे खानपान और अच्छी नींद के साथ-साथ रोजाना व्यायाम करना भी बेहद जरूरी है। मेनोपॉज की वजह से तेजी से वजन बढ़ता है और रोजाना नियमित व्यायाम करने से वेट कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
खुजली और जलन की समस्या से बचने के लिए हल्के और सिंगल लेयर के कॉटन कपड़े पहनना चाहिए।
इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, शरीर में पानी की कमी न होने दें।