फुआद शुक्र से अली कराकी तक, कैसे इजरायल हिजबुल्ला के टॉप कमांडरों की लिस्ट को कर रहा खाली

By अभिनय आकाश | Sep 25, 2024

वेस्ट एशिया के पश्चिमी छोर पर बसा हुआ देश इजरायल भूमध्य सागर से इसकी सीमाएं लगती हैं। बाकी तीन दिशाओं में अरब देश हैं। नार्थ में लेबनना और सीरिया, ईस्ट में जॉर्डन और साउथ में इजिप्ट है। इजरायल का जिक्र होता है तो इसकी खुफिया एजेंसी मोसाद का भी जिक्र आम है। सबसे सटीक या चकित करने वाला ऑपरेशन उसे माना जाता है जब किसी ऐसी चीज को हथियार बनाया जाए, जिसकी कल्पना भी मुश्किल हो। इस संदर्भ में इजरायली एजेंसी मोसाद के किस्से आम हैं। इजरायली एजेंसियों के कारनामे हमेशा चर्चा में रहते हैं। माइकल बेन जोहार और निसिम मिसाल ने  अपनी किताब मोसाद में लिखा है कि अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्टेट को कुछ न कुछ ऐसा करना पड़ता है जो लोकतांत्रिक नहीं होता। ये सच है कि इसकी हदें अक्सर पता नहीं चलती। इसलिए आपको सबसे बेहतरीन लोगों को चुनना होता है। सबसे गंदे काम सबसे ईमानदार लोगों से कराए जाने चाहिए। 

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नेतन्याहू की सेंकेड वार्निंग

इजरायल एक साल से युद्ध लड़ रहा है। एक ओर हमास से उसकी लड़ाई जारी है तो दूसरी ओर हिजबुल्ला पर भी इजरायल ताबड़तोड़ हमले कर रहा है। हाल ही में लेबनान में पेजर वॉकी टॉकी ब्लास्ट से दहशत फैली थी। हिजबुल्ला अभी संभलता कि एक बार फिर इजरायल ने फाइटर जेट से लेबनान में मिसाइल बम अटैक करके उसे पूरी तरह से बैकफुट पर कर दिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान के लोगों को दूसरी चेतावनी भी जारी की, जिसमें उनसे खतरे से दूर रहने का आग्रह किया गया। एक्स पर एक पोस्ट में इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा कि हम हिजबुल्लाह पर हमले जारी रखेंगे। जिस किसी के लिविंग रूम में मिसाइल और गैरेज में रॉकेट होगा, उसके पास घर नहीं होगा। इजरायल अपने सटीक हमले में हिजबुल्ला के टॉप कमांडरों को भी निशाना बना रहा है। ताजा उदाहरण इब्राहिम कुबैसी का है। 24 सितंबर को इजरायल की तरफ से किए गए हमले में उसकी मौत हो गई। ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे इज़राइल हिजबुल्लाह की कमर तोड़ रहा है और उसके टॉप लीडर्स की सूची को खाली कर रहा है। 

इब्राहिम कुबैसी

इजराइली सेना ने कहा है कि उसने बेरूत पर एक हमले में हिजबुल्ला की मिसाइल और रॉकेट इकाई के एक शीर्ष कमांडर को मार गिराया है। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि इब्राहिम कोबेसी मारा गया तथा वह इजराइल की ओर मिसाइल और रॉकेट हमले करने के लिए जिम्मेदार था। इजराइली सेना ने कहा कि हमले के समय कोबेसी के साथ अन्य प्रमुख कमांडर भी थे, लेकिन अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि इसमें क्या कोई अन्य मारा गया या घायल हुआ है। इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कुबैसी को हिज़्बुल्लाह के रॉकेट और मिसाइल डिवीजन का प्रमुख बताया। आईडीएफ ने कहा पिछले कई सालों से और युद्ध के दौरान, वह इज़राइली होम फ्रंट पर लॉन्च के लिए ज़िम्मेदार था। उसे हिज़्बुल्लाह के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व का करीबी भी बताया गया। इजराइल का दावा है कि कुबैसी 1980 के दशक में हिजबुल्लाह में शामिल हो गया था और उसने बद्र क्षेत्रीय प्रभाग के प्रमुख सहित विभिन्न भूमिकाओं में काम किया था। आईडीएफ ने यह भी कहा है कि यह कुबैसी ही था जिसने 2000 में माउंट डोव में अपहरण हमले की योजना बनाई थी। इस ऑपरेशन में आईडीएफ के स्टाफ सार्जेंट बेन्यामिन अवराम, स्टाफ सार्जेंट आदि अवितान और स्टाफ सार्जेंट उमर सवैद की जान चली गई थी। वाईनेट न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार कुबैसी को हाल ही में हिज़्बुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह को सीधे रिपोर्ट करने के लिए नियुक्त किया गया था।

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अली कराकी

आईडीएफ ने लेबनान पर हवाई हमले भी किए थे, अधिकारियों ने कहा कि यहूदी राष्ट्र हिजबुल्लाह के दक्षिणी मोर्चे के कमांडर अली कराकी को निशाना बना रहा था। उन्हें हिजबुल्लाह के शीर्ष सैन्य निकाय जिहाद परिषद का सदस्य भी कहा जाता है। एक लेबनानी अधिकारी ने स्काई न्यूज अरेबिया को बताया कि कराकी हमले में मारा गया, हिजबुल्लाह ने कहा कि हत्या का प्रयास विफल रहा और उसे सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है।

इब्राहिम अकील

बीते हफ्ते लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी विस्फोटों के कुछ ही दिनों बाद, इज़राइल ने बेरूत में एक आवासीय क्षेत्र को निशाना बनाया और हिज़्बुल्लाह के दो शीर्ष सैन्य कमांडरों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को मार डाला। मारे गए लोगों में से एक इब्राहिम अकील था, जो हिजबुल्लाह के राडवान फोर्स का एक टॉप लीडर भी था। आईडीएफ ने हत्या की पुष्टि करते हुए कहा कि इब्राहिम अकील के हाथों पर इजरायली, अमेरिकी, फ्रांसीसी, लेबनानी और कई अन्य निर्दोष लोगों का खून लगा था। आईडीएफ के अनुसार, 62 वर्षीय अकील ने फुआद शुक्र की हत्या के बाद हिजबुल्लाह के सशस्त्र बलों के दूसरे-इन-कमांड के रूप में कार्यभार संभाला था। अकील 1980 के दशक में हिजबुल्लाह में शामिल हो गया और समूह के भीतर एक छायादार व्यक्ति बना रहा, जिसने कोई सार्वजनिक उपस्थिति या बयान नहीं दिया। 1983 में बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर हुए बम विस्फोटों में कथित भूमिका के लिए वह अमेरिका द्वारा वांछित था, जिसमें 63 लोग मारे गए थे। अमेरिकी मरीन कॉर्प्स बैरक पर हुए बम विस्फोटों में 241 अमेरिकी लोगों की जान चली गई थी। 

फुआद शुक्र

हिजबुल्लाह ने 28 जुलाई को गोलान हाइट पर हमला किया था, जिसमें 13 बच्चों की मौत हो गई थी। इस पर इज़राइल ने उचित समझे जाने पर जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई। बाद में 30 जुलाई को इजराइल ने शीर्ष सैन्य कमांडर फुआद शुक्र को निशाना बनाते हुए लेबनान की राजधानी बेरूत पर हमला कर दिया। अल-हज मोहसिन के नाम से भी जाने जाने वाले शुक्र 1982 में लेबनान पर इजरायल के आक्रमण के दौरान हिजबुल्लाह के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। वह हिजबुल्लाह प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह के दाहिने हाथ भी थे। अटलांटिक काउंसिल थिंक-टैंक के साथ हिजबुल्लाह के विशेषज्ञ निकोलस ब्लैनफोर्ड के अनुसार, अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्र हिजबुल्लाह के हाई टेक हथियारों को प्राप्त करने के लिए भी जिम्मेदार था, जिसमें सटीक-निर्देशित मिसाइलें, क्रूज मिसाइलें, एंटी-शिप मिसाइलें, लंबी दूरी के रॉकेट और यूएवी शामिल हैं। इज़राइल द्वारा वांछित होने के अलावा, शुक्र अमेरिका की तरफ से भी वांटेड घोषित था। उसने 1983 में बेरूत में अमेरिकी मरीन बैरकों पर बमबारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें 241 अमेरिकी सैन्यकर्मी मारे गए थे।

अन्य हिजबुल्लाह कमांडर

इज़राइल ने यह भी दावा किया है कि उसने हिजबुल्लाह के अन्य वरिष्ठ कमांडरों जैसे कि नस्र क्षेत्रीय डिवीजन के कमांडर तालेब अब्दुल्ला और अज़ीज़ क्षेत्रीय डिवीजन के कमांडर मोहम्मद नासिर को भी मार गिराया है। इसके अलावा, लेबनानी समूह के कुलीन राडवान फोर्स के उप प्रमुख विसम अल-ताविल को 8 जनवरी को दक्षिणी लेबनान में एक हमले में मार दिया गया, जिसके लिए इज़राइल को दोषी ठहराया गया।

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