जब चीनियों ने पूछा था कैसी है भारत की डेमोक्रेसी ? तो प्रमोद महाजन ने दिया था शानदार जवाब

By अनुराग गुप्ता | Jul 27, 2020

जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी संकट को लेकर कांग्रेस 27 जुलाई दिन सोमनार को सभी प्रदेशों के राजभवनों के सामने धरना प्रदर्शन करने वाली है। इस धरना प्रदर्शन लोकतंत्र बचाओ संविधान बचाओ अभियान का नाम दिया है। आपको याद होगा कि सचिन पायलट द्वारा बागी रुख अख्तियार किए जाने के बाद प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार संकट में आ गई है। हालांकि बाद में सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया गया और तेजी से उनके खिलाफ बयानों का सिलसिला शुरू हो गया। 

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वरिष्ठ नेताओं ने सचिन पायलट के बागी रुख को मुख्यमंत्री पद के लिए महत्वकांक्षा का नाम दिया तो युवा नेताओं ने पार्टी में अनदेखी की बात कही है। बता दें कि राजस्थान में तेजी से बदल रहे समीकरण को देखते हुए भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन का लोकसभा में दिया ऐतिहासिक भाषण याद आ रहा है। हालांकि कर्नाटक में साल 2018 में जब कुमारस्वामी की सरकार गिर गई थी उस वक्त प्रमोद महाजन का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो गया था।

कैसी है भारत की डेमोक्रेसी ?

लोकसभा में प्रमोद महाजन ने लोकतंत्र का दिलचस्प उदाहरण पेश करते हुए चीन दौरे की बात की थी। उन्होंने कहा था कि 'हम चीन संसदीय यात्रा पर गए थे। आज कल अध्यक्ष जी चीन में जनतंत्र जानने की बड़ी उत्सुक्ता है। जब चीन गया था तो रमाकांत जी भी थे, चिंतामणि भी थे और कुछ राज्यसभा के मित्र भी। वहां पर कुछ लोगों ने हमसे पूछा कि आपकी डेमोक्रेसी कैसे चलती है। क्योंकि उन लोगों का संसद अलग, इलेक्शन अलग । 

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इस पर रमाकांत जी ने मुझे कहा कि इन्हें बताइए हमारे यहां डेमोक्रेसी कैसे चलती है। तो मैंने उन्हें बताया कि मैं प्रमोद महाजून हूं। मैं लोकसभा का सदस्य हूं, मैं सबसे बड़ी पार्टी से हूं और हम विपक्ष में हैं। इस पर चीनी आदमी ने मुझे देखकर कहा कि आपकी पार्टी के पास सबसे ज्यादा सांसद है ? मैंने कहा- हां। फिर मैंने चिंतामणि जी की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के लीडर हैं, लेकिन यह सरकार के बाहर रहकर सरकार का समर्थन कर रहे हैं। फिर मैंने दूसरे नेता के बारे में बताया कि इनकी पार्टी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है और यह फ्रंट के अंदर है और सरकार से बाहर। फिर मैंने रमाकांत जी के बारे में बताया कि ये अपनी पार्टी के अकेले मेंमर हैं और इन्ही की सरकार है।

पायलट को साफ करने में लगे गहलोत

विशेषज्ञों ने बताया कि राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा ही हैं जिनकी आपस में टक्कर होती रहती है। ऐसे में सचिन पायलट ने अपना अलग मोर्चा खड़ा किया तो कांग्रेस को परेशानी हो सकती है क्योंकि शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया था जो आज महाराष्ट्र की सत्ता में काबिज है और उद्धव ठाकरे की सरकार में कांग्रेस से ज्यादा प्रभाव रखती है। इसीलिए कांग्रेस एक तरफ सचिन पायलट को पार्टी में बुलाने का नाटक कर रही है तो दूसरी तरफ अशोक गहलोत उन्हें साफ करने में तुले हुए हैं। 

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