By कमलेश पांडेय | Jul 22, 2021
जब कोई व्यक्ति बैंकों से कर्ज (लोन) लेने जाता है तो बैंकिंग संस्थाएं उसकी सिबिल चेक करती हैं कि वह लोन लेने और उसे चुकाने लायक है भी या नहीं। यह सिबिल एक संस्था तैयार करती है और उसे अपडेट रखती है। यह संस्था ट्रांस यूनियन सिबिल लिमिटेड है, जिसे पहले सिबिल कहा जाता था। यह भारत की एक प्रमुख क्रेडिट सूचना कंपनी है, जो क्रेडिट संबंधित डेटा के आधार पर व्यक्तियों और कंपनियों की गहन क्रेडिट रिपोर्ट बनाती है।
बताया जाता है कि सिबिल द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रमुख डेटा में व्यक्तियों के लिए क्रेडिट स्कोर और कंपनियों के लिए क्रेडिट रैंक भी शामिल है, जो अक्सर नए क्रेडिट को अप्रुव करने के लिए एक निर्णायक कारक होता है। यहां पर सवाल है कि सिबिल क्या है? यह किस प्रकार से काम करता है? क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रैंक का अर्थ क्या है? लाभार्थी के लिए उनका क्या महत्व है? सिबिल कैसे काम करता है? सिबिल स्कोर क्या है? सिबिल अकाउंट बनाने के लाभ क्या हैं? सिबिल अकाउंट कैसे बनाएं? सिबिल सदस्य लॉग-इन के लिए प्रक्रिया क्या है? मुफ्त में सिबिल स्कोर कैसे जानें? सिबिल रिपोर्ट के तत्व क्या हैं? सिबिल रैंक क्या है? सिबिल द्वारा व्यवसायों को दी जाने वाली सेवाएँ क्या हैं? सिबिल सदस्यता के लिए योग्य संस्थान कौन कौन से हैं। सिबिल सदस्य व उपभोक्ता रजिस्ट्रेंशन प्रक्रिया क्या है? सिबिल पोर्टल पर लॉग-इन कैसे करें? सिबिल पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने का तरीका क्या है? सिबिल शिकायत समाधान फॉर्म कैसे भरें?
सवाल है कि सिबिल कैसे काम करता है? तो जवाब होगा कि सिबिल को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लाइसेंस प्राप्त है। यह वर्ष 2005 के क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज़ (रेगुलेशन) एक्ट द्वारा शासित है। यह व्यक्तियों और कंपनियों के लिए क्रेडिट स्कोर, क्रेडिट रैंक और क्रेडिट रिपोर्ट जनरेट करती है। यही रिपोर्ट नए क्रेडिट जैसे लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदनों की मंज़ूरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
अब आइए समझते हैं कि सिबिल कैसे काम करता है? आपको पता है कि बैंक और अन्य फाईनेंस संस्थान जैसे कि एनबीएफसी अपने ग्राहक का डेटा जमा करते हैं, जैसे कि बकाया लोन राशि, पुनर्भुगतान रिकॉर्ड, नए लोन, क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन और अन्य क्रेडिट संबंधी जानकारी आदि, सिबिल को देते है। फिर ट्रांसयूनियन सिबिल डेटा का मूल्यांकन करता है और उन व्यक्तियों के लिए क्रेडिट रिपोर्ट बनाता है जिनमें “क्रेडिट स्कोर” शामिल होता है।
वहीं, व्यवसायों के लिए क्रेडिट रिपोर्ट में “क्रेडिट रैंक” शामिल होता है। बैंक या एनबीएफसी, सिबिल रिपोर्ट के आधार पर आवेदक को लोन देने के जोखिम का मूल्यांकन करते हैं। उसके बाद लोन, क्रेडिट कार्ड के आवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करते हैं। इसके बाद, इस निर्णय को सिबिल को भी बताया जाता है। यह जानकारी भी भविष्य की रिपोर्ट में शामिल की जाती है।
अब आप यह जानिए कि सिबिल स्कोर क्या है? आपको स्पष्ट कर दें कि सिबिल स्कोर एक तीन अंक की संख्या है, जो 300 से 900 तक होती है। यह किसी व्यक्ति की लोन लेने की योग्यता को दर्शाती है। दरअसल, जब भी कोई व्यक्ति या संस्था नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करता है, तो लोन देने वाले संस्थान आवेदक को लोन देने के जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए उसके क्रेडिट स्कोर की जांच करता है। यही वजह है कि एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखना, जो 900 के करीब है, एक नए लोन या क्रेडिट कार्ड आवेदन की मंज़ूरी की संभावना को बढ़ाता है।
जहां तक सिबिल अकाउंट बनाने के लाभ का सवाल है तो यहां पर यह स्पष्ट कर दें कि आप सिबिल वेबसाइट पर एक अकाउंट बनाकर सिबिल सदस्य हो सकते हैं, जिसके लिए आपको लागू शुल्क का भुगतान भी करना होता है। सिबिल डॉट कॉम पर अकाउंट बनाने के लाभ निम्नलिखित हैं:-
पहला, आपको सिबिल स्कोर और रिपोर्ट के प्रतिदिन अपडेट प्राप्त होते हैं। जब आपकी क्रेडिट रिपोर्ट यानी स्कोर में कोई बदलाव होता है, तो आपको तुरंत सूचना मिल जाती है। दूसरा, आप यह पता लगाने के लिए ऑनलाइन “स्कोर सिम्युलेटर” का उपयोग कर सकते हैं कि आपकी क्रेडिट प्रोफ़ाइल आपके भविष्य के कार्यों के आधार पर कैसे प्रभावित होगी? तीसरा, आपको अपनी क्रेडिट प्रोफ़ाइल के आधार पर पर्सनल लोन ऑफ़र मिलते हैं। इसलिए आप सिबिल के व्यक्तिगत स्कोर, क्रेडिट समरी आदि का उपयोग करके अपने क्रेडिट हेल्थ की निगरानी कर सकते हैं।
अब आपको बताते हैं कि सिबिल अकाउंट कैसे बनाएं?
दरअसल, सिबिल अकाउंट बनाने और सिबिल सदस्य बनने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया है: चरण एक: सिबिल सदस्यता पेज पर जाएँ। यहां पर एक वेब पेज प्रदर्शित किया जाएगा जो वर्तमान में उपलब्ध सदस्यता योजनाओं को दर्शाता है- मूल, मानक और प्रीमियम, उनके शुल्क के साथ। उस योजना का चयन करें जो आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप हो। चरण दो: बाद के पेज पर, नीचे दिखाए अनुसार व्यक्तिगत जानकारी भरें। नियम और शर्तें पढ़ें और फिर अपना डेटा सबमिट करने के लिए “एक्सेप्ट & कंटीन्यू” पर क्लिक करें। चरण तीन: अपनी पहचान को वैरीफाई करें और भुगतान करने के लिए सिबिल डॉट कॉम वेबसाइट पर जाएं।
अब आपको बताते हैं कि सिबिल सदस्य लॉग-इन के लिए प्रक्रिया क्या है? वास्तव में उल्लिखित निम्नलिखित पोर्टल पर अपना लॉग-इन पूरा करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया है: चरण 1: सिबिल सदस्य लॉग-इन पोर्टल पर जाएँ। चरण 2: लॉग-इन करने के लिए अपना सिबिल डॉट कॉम यूजर नाम और पासवर्ड दर्ज करें।
अब आपको बताते हैं कि मुफ्त में सिबिल स्कोर कैसे जानें?
अमूमन आप अपने सिबिल स्कोर को साल में एक बार मुफ्त में देख सकते हैं। उसके बाद सिबिल स्कोर चेक करने के लिए आपको उपर्युक्त पेड सब्सक्रिप्शन प्लान में से एक का लाभ उठाना होगा। चरण एक: अपनी व्यक्तिगत जानकारी और आईडी नंबर प्रदान करके सिबिल अकाउंट बनाएं। चरण दो: पिछले स्टेप में दिए गए अपने फोन नंबर और ई-मेल आईडी पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करके अपनी पहचान वैरीफाई करें। चरण तीन: अपने क्रेडिट स्कोर को जानें और अकाउंट बनाने के बाद साल में एक बार मुफ्त में रिपोर्ट प्राप्त करें।
यहां पर ध्यान देने वाली बात है कि अपने सिबिल स्कोर और रिपोर्ट की नियमित रूप से निगरानी करने के लिए, आपको एक सशुल्क सदस्य होने की आवश्यकता है। जिसके लिए पेड सब्सक्रिप्शन प्लान 1 महीने के लिए 550 रु. (बेसिक प्लान) से शुरू होते हैं। हालाँकि, यहां पर यह स्पष्ट कर दें कि पैसाबाज़ार.कॉम आपको हर बार आपके क्रेडिट रिपोर्ट के मासिक अपडेट के साथ आपका सिबिल स्कोर निःशुल्क जानने की सेवा देता है।
अब सवाल है कि सिबिल रिपोर्ट के तत्व क्या हैं? दरअसल, बैंकों और एनबीएफसी सहित विभिन्न फाइनेंस संस्थानों द्वारा सिबिल को लोन और क्रेडिट कार्ड के मासिक रिकॉर्ड दिए जाते हैं। सिबिल किसी व्यक्ति की क्रेडिट सूचना रिपोर्ट (सीआईआर) या सिबिल रिपोर्ट बनाने के लिए इस डेटा का उपयोग करता है। सिबिल रिपोर्ट के विभिन्न भाग निम्नलिखित हैं: सिबिल स्कोर: यह सिबिल रिपोर्ट का पहला खंड है, जिसमें 300 और 900 के बीच 3 अंकों की संख्या होती है, जो किसी व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता को दर्शाता है। एक एल्गोरिथ्म द्वारा किसी व्यक्ति के क्रेडिट डेटा का उपयोग करके स्कोर कैलकुलेट किया जाता है।
इसके अंतर्गत व्यक्तिगत जानकारी यानी जन्म तिथि, पैन, मोबाइल नंबर, पता आदि का उल्लेख सीआईआर के पहले भाग में किया गया है। वहीं, अकाउंट की जानकारी भी दी जाती है, जिसमें आपके वर्तमान के साथ-साथ पिछले लोन और क्रेडिट कार्ड, आपकी बकाया राशि, लोन राशि, क्रेडिट कार्ड लिमिट आदि के बारे में जानकारी होती है। इसके अलावा, क्रेडिट इन्क्वायरी भी की जाती है। दरअसल, जब भी आप क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो लोन देने वाले संस्थान आपकी क्रेडिट रिपोर्ट की कॉपी के लिए सिबिल को अनुरोध करता है। लोन देने वाले संस्थान द्वारा किए गए इस तरह के अनुरोध को इनक्वायरी कहा जाता है। इस प्रकार, सिबिल रिपोर्ट मूल रूप से एक रिकॉर्ड प्रदान करती है कि किसी व्यक्ति ने पहले लोन या क्रेडिट कार्ड का भुगतान कैसे किया है। यहां पर यह स्पष्ट कर दें कि क्रेडिट रिपोर्ट में किसी व्यक्ति के निवेश या बचत की जानकारी शामिल नहीं होती है।
सवाल है कि सिबिल रैंक क्या है? जवाब होगा कि जिस तरह सिबिल व्यक्तियों के लिए क्रेडिट स्कोर प्रदान करता है, उसी तरह से यह व्यवसायों के लिए क्रेडिट रैंक जनरेट करता है। वास्तव में, सिबिल रैंक कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट (सीसीआर) के न्यूमेरिकल समरी के रूप में कार्य करता है, जो 1 से 10 के बीच होता है। यहाँ 1 को सर्वश्रेष्ठ रैंक माना जाता है। वर्तमान में सिबिल रैंक केवल उन व्यवसायों को दी जाती है, जिन्होंने 10 लाख रु. से 50 करोड़ रु. तक का लोन लिया हुआ है। चूंकि सिबिल रैंक किसी कंपनी की योग्यता को दर्शाता है, इसलिए यह नए लोन स्वीकार होने की संभावना को प्रभावित कर सकती है। कंपनी की सिबिल रैंक 1 के जितने करीब होगी, उतना अधिक से अधिक नए लोन के स्वीकार होने की संभावना बढ़ जाएगी।
सवाल है कि सिबिल रैंक क्या है? सिबिल रैंक को कैसे जानें? जवाब होगा कि कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट (सीसीआर) प्राप्त करने और कंपनी की सिबिल रैंक जानने के लिए एक प्रक्रिया है। जिसके अंतर्गत चरण एक: सिबिल सीसीआर और रैंक चेकिंग पोर्टल पर जाएँ। चरण दो: कंपनी की जानकारी दर्ज करें। चरण तीन: भुगतान करें (वर्तमान में रु 3000). चरण चार: अंत में, सीसीआर डाउनलोड करने और कंपनी के सिबिल रैंक जानने के लिए केवाईसी दस्तावेज़ अपलोड करें।
यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि आप डिमांड ड्राफ्ट का उपयोग करके या क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके सिबिल रैंक प्राप्त करने के लिए भुगतान कर सकते हैं। यदि आप ऑफ़लाइन (डिमांड ड्राफ्ट) का भुगतान करना चाहते हैं, तो कृपया सिबिल वेबसाइट पर दिए गए निर्देशों को पढ़ें।
# सिबिल द्वारा व्यवसायों को दी जाने वाली सेवाएँ
सिबिल द्वारा भारतीय बैंक और एनबीएफसी जैसे फाईनेंस संस्थानों को दी जाने वाली प्रमुख सेवाएं निम्नलिखित हैं:
पहला, एनालिटिक और कंसल्टिंग: सिबिल अनेकों संस्था को सभी ज़रूरी एनालिटिक और कंसल्टिंग सेवाएं प्रदान करता है जो उन्हें काफी लाभ देता है और उन्हें बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है।जिससे वो अपने प्रतियोगियों से आगे रहते हैं।
दूसरा, रिकॉर्ड मैनेजमेंट: सिबिल द्वारा दी जाने वाली यह सेवा बैंकों और फाइनेंशियल संस्थानों को डिफॉल्ट लोन को ट्रैक करने और उनके रिकॉर्ड रखने में मदद करता है। प्रदान की गई जानकारी बैंकों को उनके ग्राहकों के व्यवहार का अनुमान लगाने, डिफॉल्ट लोन को कम करने और लागत को कम करने में मदद करती है।
तीसरा, क्रेडिट रिपोर्टिंग: सिबिल ग्राहकों को सिबिल स्टेट, प्रदान करने के लिए ग्राहक द्वारा उपयोग किए जाने वाले अत्यधिक पूर्वानुमानित आंकड़ों के आधार पर बैंकों और एनबीएफसी को क्रेडिट रिपोर्टिंग सॉल्यूशन प्रदान करता है। इसमें उपभोक्ता के क्रेडिट रिकॉर्ड, भुगतान पैटर्न आदि का विश्लेषण शामिल है, जिसके बाद उसकी सिबिल रिपोर्ट तैयार की जाती है। इस जानकारी का उपयोग बैंकों और एनबीएफसी द्वारा ग्राहक के क्रेडिट स्कोर को प्राप्त करने और अधिक विवेकपूर्ण तरीके से रणनीति बनाने के लिए किया जाता है।
चतुर्थ, ग्राहकों को जानने में मदद: ग्राहक की जानकारी के अलावा, सिबिल संगठनों को सर्वोत्तम ग्राहकों को जोड़ने और बनाए रखने में भी मदद करता है। सिबिल द्वारा ग्राहक को जानने में मदद करने में, कंपनियों को अपने ग्राहक डाटाबेस से संबंधित डेटा और एनालिटक की पहुंच प्राप्त करने में मदद देता है, जो बदले में, उन्हें बेहतर निर्णय लेने की मदद करता है।
पांचवां, धोखाधड़ी और आईडी मैनेजमेंट: बदलते फाइनेंशियल बाज़ार के चलते संस्थाओं को संभावित धोखाधड़ी पर पैनी नज़र रखने की ज़रूरत होती है। पुराने रिस्क मैनेजमेंट टूल आधुनिक बाज़ार में धोखाधड़ी और फ्रॉड का पता लगाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। सिबिल की फ्रॉड और आईडी मैनेजमेंट सॉल्यूशन रिस्क का अनुमान लगाने और सही ग्राहक खोजने में संगठनों की मदद करते हैं।
छठा, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट: अपने पोर्टफोलियो में जोखिमों को समझना और उसके अनुसार मैनेजमेंट करना बहुत महत्वपूर्ण है। सिबिल द्वारा प्रस्तुत पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सॉल्यूशन सिबिल कन्ज़यूमर को अपनी रणनीतियों को सुधारने और लाभ बढ़ाने में मदद करता है। यह सेवा उन्हें बारीकी से परिवर्तनों की निगरानी करने में मदद करती है।
यहां पर यह स्पष्ट कर दें कि व्यवसायों के लिए सिबिल लॉंग-इन पोर्टल पर सभी क्रेडिट संस्थानों को क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज़ (रेगुलेशन) एक्ट 2005 के अनुसार क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो का सदस्य होना आवश्यक है। सिबिल मेंबर होने के नाते बिज़नेस को विभिन्न सेवाओं, जैसे- कलेक्शन मैनेजमेंट आदि का लाभ उठाने की अनुमति मिलती है। उन व्यवसायों की एक छोटी लिस्ट है, जो सिबिल सदस्यता के लिए योग्य होती है।
सवाल है कि सिबिल सदस्यता के लिए योग्य संस्थान कौन से हैं। जवाब होगा कि क्रेडिट संस्थानों में क्रेडिट कार्ड और लोन देने वाली कंपनियां शामिल हैं, जैसे बैंक, सहकारी बैंक, आरआरबी, एनबीएफसी, सार्वजनिक फाईनेंशियल संस्थान, एचएफसीएस, आदि। बीमा कंपनियां, सेलुलर या टेलीफोन सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियां, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां, एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी, टेलीकॉम कंपनियां, सिबिल सदस्य व उपभोक्ता रजिस्ट्रेंशन प्रक्रिया, सिबिल के साथ रजिस्ट्रेंशन व्यवसायों को ट्रांसयूनियन सिबिल के नोडल अधिकारी से सीधे संपर्क में ले आता है। ये सदस्यता व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करती है।
वहीं, योग्य कंपनियों के लिए सिबिल रजिस्ट्रेंशन प्रक्रिया के बारे में कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:- पहला, ट्रांसयूनियन सिबिल सदस्यता टीम, ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड, वन इंडियाबुल्स सेंटर, 19 वीं मंजिल, टॉवर 2 ए, सेनापति बापट मार्ग, एलफिन्स्टन रोड, मुंबई- 400013 को निम्नलिखित दस्तावेजों की कॉपी कूरियर करें। भरा हुआ सदस्य आवेदन फॉर्म, फाईनेंस संस्थान के लेटर हेड पर आवेदन फॉर्म, रेट एग्रीमेंट हस्ताक्षर और स्टाम्प के साथ, सदस्य द्वारा हस्ताक्षर और स्टाम्प के साथ रूल बुक अथॉरिटी लेटर की कॉपी, आरबीआई/एनएचबी द्वारा जारी लाइसेंस की प्रमाणित कॉपी। दूसरा, 5,000 रुपये का वार्षिक शुल्क का भुगतान करें और सदस्यता शुल्क 10,000 रुपये टैक्स को छोड़कर। भुगतान चेक, डिमांड ड्राफ्ट “ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड” के फेवर में किया जा सकता है। तीसरा, आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने और लागू शुल्क के भुगतान के बाद, सिबिल उनकी सेवाओं से जुड़ी फीस के बारे में बताएगा। चतुर्थ, अंत में सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद, आपको एक “सदस्य किट” प्राप्त होगी जिसमें आपके व्यवसाय के लिए सिबिल की सेवाओं का उपयोग करने का सबसे अच्छा तरीका होगा। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि किसी भी प्रश्न के मामले में, सिबिल सदस्यता डेस्क से 022-62358100 पर संपर्क करें। वैकल्पिक रूप से, आप सदस्यों के लिए सिबिल ऑनलाइन हेल्प डेस्क का उपयोग कर सकते हैं।
अब आपको बताते हैं कि सिबिल पोर्टल पर लॉग-इन कैसे करें? जवाब होगा कि यदि आप सिबिल पार्टनर हैं, तो सिबिल पोर्टल पर लॉंग-इन करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है: चरण एक: सिबिल वेबसाइट पर जाएँ। चरण दो: पेज के ऊपरी दाएं कोने पर “पार्टनर लॉगिन” बटन पर क्लिक करें। चरण तीन: आपके लिए लागू सेवाओं तक पहुँचने के लिए उपयुक्त लॉंग-इन पेज तक पहुँचने के लिए लाभार्थी प्रकार का चयन करें। उदाहरण के लिए, यदि आप एक फाईनेंस संस्थान हैं, तो लाभार्थी प्रकार में “कंज्यूमर” चुनें। चरण चार: अपना यूजर नाम, पासवर्ड दर्ज करें और सिबिल द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं तक पहुँचने के लिए लॉंग-इन पर क्लिक करें।
सवाल है कि सिबिल स्वयं सेवा पोर्टल क्या है? तो बता दें कि ऐसा कम ही होता है कि आप अपनी सिबिल रिपोर्ट देखते समय कोई गलती पा सकते हैं या आप अपने स्कोर तक पहुँचने की कोशिश करते समय अपनी पहचान को वैरीफाई करने में असमर्थ हो सकते हैं। ऐसी समस्याओं को हल करने के लिए, सिबिल ने एक स्वयंसेवा पोर्टल तैयार किया है जिसमें आप सहायता ले सकते हैं और अपने सिबिल रिपोर्ट डेटा में सुधार के लिए अनुरोध कर सकते हैं।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार