By अनिमेष शर्मा | Oct 14, 2024
डिजिटल युग में जहां इंटरनेट और स्मार्टफोन ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है, वहीं साइबर अपराधियों ने भी इसका गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया है। इन दिनों केवाईसी (Know Your Customer) फ्रॉड के मामलों में भारी वृद्धि हो रही है। यह एक ऐसा साइबर अपराध है जिसमें धोखेबाज आपके व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को चुराकर आपको ठगते हैं। ऐसे में, केवाईसी फ्रॉड से सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
आइए जानते हैं कि केवाईसी फ्रॉड कैसे होता है और इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
केवाईसी प्रक्रिया बैंकों, वित्तीय संस्थानों और अन्य कंपनियों द्वारा ग्राहक की पहचान को सत्यापित करने के लिए की जाती है। हालांकि, साइबर अपराधी इस प्रक्रिया का दुरुपयोग कर लोगों से उनकी गोपनीय जानकारी चुरा लेते हैं। वे खुद को किसी बैंक, कंपनी, या सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हैं और लोगों से उनकी व्यक्तिगत जानकारी मांगते हैं। लोग अक्सर इस धोखाधड़ी के जाल में फंस जाते हैं और अपनी बैंक डिटेल्स, आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड नंबर, और अन्य निजी जानकारी साझा कर देते हैं।
केवाईसी फ्रॉड में ऐसे होती है ठगी: साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से केवाईसी फ्रॉड करते हैं, जैसे:
- कॉल के जरिए ठगी: धोखेबाज आपको कॉल करके यह दावा करते हैं कि आपकी केवाईसी जानकारी अपडेट करनी है और इसके लिए आपको कुछ दस्तावेज़ों और बैंक डिटेल्स की जानकारी देनी होगी। कई बार वे किसी ऐप या वेबसाइट का लिंक भी भेजते हैं, जिसे खोलने पर आपका निजी डेटा चोरी हो जाता है।
- मैसेज और फिशिंग ईमेल: केवाईसी फ्रॉड के तहत फिशिंग ईमेल और एसएमएस का भी इस्तेमाल किया जाता है। आपको एक संदिग्ध लिंक के साथ मैसेज या ईमेल मिलता है, जिसमें यह कहा जाता है कि अगर आपने अपनी केवाईसी अपडेट नहीं की, तो आपका बैंक खाता या सिम कार्ड ब्लॉक कर दिया जाएगा। इस डर के चलते लोग जल्दबाजी में उस लिंक पर क्लिक कर देते हैं, और उनकी जानकारी चोरी हो जाती है।
- नकली वेबसाइट और ऐप: अपराधी नकली वेबसाइट्स या मोबाइल ऐप्स बनाते हैं जो दिखने में असली बैंक या सरकारी वेबसाइट जैसी लगती हैं। जैसे ही आप वहां अपनी जानकारी डालते हैं, आपका डेटा चोरी हो जाता है और अपराधी इसका गलत इस्तेमाल करते हैं।
केवाईसी फ्रॉड से बचाव में काम आएंगे ये टिप्स: अब सवाल यह उठता है कि केवाईसी फ्रॉड से कैसे बचा जाए? यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए जा रहे हैं, जो आपको इस प्रकार की ठगी से बचा सकते हैं:
- अनजान कॉल, मैसेज या ईमेल से बचें: किसी भी अनजान नंबर से आए कॉल, मैसेज, या ईमेल पर दिए गए लिंक पर कभी भी क्लिक न करें। अगर कोई बैंक अधिकारी या सरकारी एजेंसी का व्यक्ति आपको कॉल या मैसेज करके केवाईसी अपडेट करने के लिए कहता है, तो पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच करें।
- अनजान व्यक्तियों से अपनी जानकारी साझा न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी पर्सनल जानकारी साझा न करें, चाहे वह खुद को किसी बैंक का अधिकारी बताता हो या सरकारी एजेंसी से होने का दावा करता हो। हमेशा सावधान रहें और जानकारी साझा करने से पहले अधिकृत स्रोतों से सत्यापित करें।
- फिशिंग लिंक से सावधान रहें: अगर कोई कॉल, मैसेज, या ईमेल के जरिए आपसे व्यक्तिगत जानकारी मांगी जा रही है, तो पहले उसे किसी अधिकृत स्थान से वेरिफाई करें। किसी भी ईमेल या मैसेज में दिए गए लिंक पर बिना जांच-पड़ताल के क्लिक न करें। ये लिंक आपकी जानकारी को चोरी करने का जरिया हो सकते हैं।
- नकली ऐप और वेबसाइट से बचें: अनजान नंबर से आए कॉल और मैसेज के जरिए अगर कोई आपको किसी एप या वेबसाइट को खोलने के लिए कहता है, तो उस पर क्लिक न करें। इन एप्स या वेबसाइट्स के जरिए आपका डेटा चोरी हो सकता है।
- पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल न करें: हमेशा सुरक्षित इंटरनेट का इस्तेमाल करें। पब्लिक वाईफाई का उपयोग करने से बचें, क्योंकि साइबर अपराधी इस नेटवर्क के जरिए आपके डिवाइस तक पहुंच सकते हैं और आपकी जानकारी चुरा सकते हैं। अपने डिवाइस में एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें और नियमित रूप से अपने पासवर्ड को अपडेट करें।
केवाईसी फ्रॉड एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, लेकिन अगर आप सतर्क रहें और ऊपर दिए गए सुझावों का पालन करें, तो आप इस धोखाधड़ी से बच सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल करते वक्त सुरक्षित तरीकों को अपनाएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि से सतर्क रहें। साइबर अपराधी अक्सर आपकी लापरवाही का फायदा उठाते हैं, इसलिए हमेशा सतर्क और जागरूक रहें।
- अनिमेष शर्मा