By अभिनय आकाश | Jun 04, 2024
साल 1980 में कमलनाथ ने अपना पहला लोकसभा चुनाव मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से लड़ा था। तब भी इसे कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। उस चुनाव के दौरान उनका परिचय देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मतदाताओं से कहा था कि वे मेरे तीसरे बेटे हैं, कृपया उनका ख्याल रखें। छिंदवाड़ा तब से कमलनाथ का गढ़ होने की प्रतिष्ठा को बनाए रखता आया है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने 1996 में पत्नी अलका को सीट से लड़ाने, 1997 में बीजेपी के सुंदर लाल पटवा से हारने और 2019 में बेटे को विरासत सौंपने के अलावा लगातार हर लोकसभा में निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।
2019 में भी नाथ परिवार के साथ मजबूती के खड़ा रहा छिंदवाड़ा
2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने मध्य प्रदेश में राज्य की 29 संसदीय सीटों में से 28 पर जीत हासिल की है। हालांकि, छिंदवाड़ा कांग्रेस के साथ मजबूती से बना रहा। नाथ के बेटे नकुल ने बीजेपी के आदिवासी चेहरे नाथनशाह कावरेती के खिलाफ 37,536 वोटों के अंतर से सीट जीती। 2019 के उपचुनाव में भी कमल नाथ ने बीजेपी के विवेक साहू को 24,612 वोटों से हराकर छिंदवाड़ा विधानसभा सीट जीती।
दिग्गज कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मंगलवार को कहा कि वह मतदाताओं द्वारा दिए गए फैसले का सम्मान करते हैं क्योंकि शुरुआती रुझानों में उनके बेटे नकुल नाथ पारंपरिक गढ़ छिंदवाड़ा से पीछे चल रहे हैं। छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र का नौ बार प्रतिनिधित्व कर चुके कमलनाथ ने रुझानों के बाद भाजपा के विवेक बंटी साहू को नकुलनाथ पर अच्छी बढ़त बनाते हुए मीडिया से कहा कि अब जो है तो है, जब भी परिणाम आएगा हम उसका विश्लेषण करेंगे। 2019 के चुनाव में मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 28 सीटें जीतने वाली भाजपा 2024 में अपना प्रदर्शन बरकरार रखने की उम्मीद कर रही है। कई एग्जिट पोल्स ने भी मध्य प्रदेश में बीजेपी को क्लीन स्वीप करने की भविष्यवाणी की थी।