महंत नरेंद्र गिरी की घटना में सबसे पहले कैसे पहुंच गए आईजी के पी सिंह?

By Satya Prakash | Sep 24, 2021

अयोध्या। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद अयोध्या पहुंचे पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती घटना पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।उनके मुताबिक प्रयागराज के आईजी के पी सिंह सबसे पहले कैसे पहुंच गए। तो वही एक बिल्डर के द्वारा धमकी दिए जाने मामला भी सामने आया। जिस की सत्यता अब सीबीआई जांच के बाद ही सामने होगा।

 

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पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती प्रयागराज से देर शाम अयोध्या पहुंचे इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर संदिग्धता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि मंदिर के बगल स्थित जमीन को पेट्रोल पंप के लिए बेंच दिया था। जिसके लिए 8 करोड़ रुपये उन्होंने लिया थे। जिसकी जानकारी आसपास के लोगों ने दी है। वहीं बताया कि कोई एक बिल्डर है जो कह रहा था यदि आप हम को जमीन नहीं देंगे तो चारदीवारी को बुलडोजर से गिरवा दूंगा और मैं कब जा कर लूंगा। पूर्व सांसद वेदांती ने कहा कि बड़ा आश्चर्य होता है कि जब चारों ओर से दरवाजा बंद था वहां पर वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी। फिर भी कुछ लोग कैसे आ गए और अंदर से फाटक कैसे बंद हुआ और जहां पर वह रोज सोते थे वहां पर सोते हुए नहीं मिले दूसरी जगह सोने के लिए क्यों गए। यह सभी विषय जांच का है और जल्द से जल्द सीबीआई जांच हो और संतो के मन में जो संशय है। वह समाप्त होगा।

 

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वहीं इस घटना को लेकर पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती ने अधिकारियों पर भी सवाल खड़ा कर दिया है उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे क्या कारण है यह मैं नहीं जानता लेकिन हत्या के पीछे क्या कारण है इसके लिए आईजी के पी सिंह से पूछा जाए जिसका नाम बार-बार आनंद गिरी ले रहे हैं। वही आईजी पर सवाल उठाते हुए कहा कि घटना के तुरंत बाद के पी सिंह क्यों आए वहां का स्थानीय दरोगा क्यों नहीं आया, डीएम क्यों नहीं आये, एसएसपी क्यों नहीं आये लेकिन केपी सिंह सबसे पहले पहुंच गए यह बात सुनने में आया है। इसकी सत्यता क्या है यह अभी नहीं जानता लेकिन जिन जिन लोगों का नाम आया है उन्हें कटघरे में खड़ा किया जाए और जब पुलिस के अधिकारी उनसे पूछना शुरु करे। वही कहा कि मैं जानता हूं अभियुक्त ने ऐसा कांड किया है। इसलिए सबसे पहले वहां के पुलिस अधिकारियों को हटाकर दूसरी पुलिस अधिकारियों को नियुक्त किया जाए। जिससे सुव्यवस्थित व्यवस्था के साथ जब तक उन अधिकारियों से पूछताछ नहीं की जाएगी तब तक इसका खुलासा नहीं हो सकता है। वहीं प्रदेश सरकार के द्वारा सीबीआई जांच की मंजूरी दिए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया और कहा कि जांच के बाद सभी सत्य सामने आ जाएंगे।

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