By अभिनय आकाश | Jan 08, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्ष्यद्वीप का दौरा किया। समुद्र किनारे टहलते हुए और कुछ वक्त बिताते तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाली। प्रधानमंत्री ने लक्ष्यद्वीप का प्रचार भी किया और लिखा कि घूमने-फिरने की शौकीन लोगों को लक्ष्यद्वीप जाना चाहिए। इस पर मालदीव की एक मंत्री ने कहा कि भारत के तट मालदीव के समुद्री तट के सामने कुछ भी नहीं हैं। इस टिप्पणी के बाद बवाल मच गया। सोशल मीडिया पर दिनभर हैशटैग BoycottMaldives ट्रेंड करता रहा। क्या एक्टर क्या क्रिकेटर और राजनेता यहां तक की मालदीव की अंदरुनी राजनीति भी हिली हुई है। मालदीव सरकार ने अपने तीन मंत्रियों को सस्पेंड भी कर दिया है। विवाद की पूरी टाइमलाइन आपको बताते हैं कि कब क्या हुआ था?
पीएम मोदी का लक्ष्यद्वीप दौरा
प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यटकों को लक्ष्यद्वीप आने की अपील की थी। लक्ष्यद्वीप 36 द्वीपों का समूह है। मालदीव किसी भी प्रकार के चर्चा में नहीं था और पीएम मोदी ने मालदीव का नाम भी नहीं लिया था। लेकिन पीएम मोदी के पोस्ट के बाद मालदीव के कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स ने भारत और पीएम मोदी पर धावा बोल दिया। इनमें युवा अधिकार, कला और सूचना मंत्री मरियम शिउना शामिल हैं। उन्होंने पीएम मोदी के पोस्ट के कमेंट में लिख दिया क्या जोकर है, इजरायल के कठपुतली मिस्टर नरेंद्र गोताखोर लाइफजैकेट के साथ। हालांकि जनका की नजर पड़ने के साथ ही शिउना ने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया। सत्तारूढ़ पार्टी के एक और नेता महमूद माजिम ने भी एक और तस्वीर शेय़र करते हुए लिखा कि मालदीव का सूर्यास्त भी आपको लक्ष्यद्वीप में नहीं दिखेगा। इसलिए मालदीव की यात्रा करें सीसी नरेंद्र मोदी।
मालदीव ने मंत्रियों को किया सस्पेंड
मालदीव सरकार ने मंत्री की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत राय है। मालदीव सरकार के प्रवक्ता इब्राहिम खलील ने कहा कि भारत के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट के हवाले से जो कुछ भी चल रहा है, उसके बारे में हमारी सरकार का रुख साफ है। विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है। भारत के बारे में टिप्पणी करने वाले सभी सरकारी अफसरों को निलंबित किया जा रहा है।
मालदीव के राजदूत को किया गया तलब
भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी मामले में मालदीव के हाई कमिश्नर को तलब किया गया। इब्राहि शाहीब सुबह साउथ ब्लॉक स्थित विदेश मंत्रालय पहुंचे। मालदीव की राजधानी माले में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त को देश के विदेश मंत्रालय ने समन भेजा है। भारत की तरफ से लिए गए राजनयिक एक्शन के कुछ ही घंटों के भीतर ही मालदीव में रिएक्शन देखने को मिला है।
भारत के पड़ोसी अहम क्यों?
भारत का पड़ोसी देश मालदीव हिंद महासागर पर बस है और इस कारण यह सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम है। यह। की नई सरकार चीन के करीब दिख रही है। मालदीव के नए राष्ट्रपति ने तो अपने चुनाव प्रचार में हो 'इंडिया आउट' का नारा दिया था। विदेश मामलों के जानकार हर्ष वो.पत का भी मानना है कि अगर तल्खी बढ़ती है तो हिंद महासागर रीजन की सिक्योरिटी भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। वीन हमारे रिश्तों की तल्खी का फायदा उठाने को कोशिश कर सकता है। जिसका भारत खयाल रखेगा। इसलिए भारत सरकार की तरफ से बैलेंस अपोच रखा गया है, जबकि मालदीव की तरफ से तो लगातार काफी कुछ कहा जा रहा है।
क्यों बढ़ा विवाद?
पीएम मोदी ने लक्षद्वीप खैरे के साथ हो कहा के टूरिजम को प्रमोट किया। इसके बाद गूगल पर अचानक लक्षद्वीप को सर्च करने वालों को संख्या बढ़ गई। इसी के साथ सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की खूबसूरत तस्वीरें पोस्ट की जाने लगी। यह बहस चल पड़ी कि जब देश में इतनी खूबसूरत जगह है तो अपनी छुट्टी माने कहीं और क्यों जाएं? लोगों को मालदीव को बजाय लक्षद्वीप जाना चाहिए। इससे खफा होकर मालदीव के मंत्री ने टिप्पणी की तो भारत ने भी जवाब दिया। अब वहां की सरकार ने अपने तीनों मंत्रियों को हटा दिया।
मालदीव को क्या दिक्कत है
भारत से करीब दो लाख से ज्यादा लोग हर सल मालदीव की यात्रा करते हैं। मालदीव में मौजूद भारतीय हाई कमिशन के आंकड़ों को मानें तो साल 2022 में 2 लाख 41 हजार और 2023 में करीब 2 लाख लेगों ने मालदीव की यात्रा की है। ऐसे में यदि लक्षद्वीप जैसे भारत के द्वीपों को प्रमोट किया जाता है तो जाहिर है कि भारत से मालदीव जाने वाले लोगों की संख्या में कमी आएगी, जिसका विपरीत असर वहां के टूरिजम पर पड़ेगी। इसो आशंका से कर के मंत्री भड़के हुए हैं।
8000 होटल बुकिंग और 2300 फ्लाइट टिकट कैंसिल
सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि मालदीव के मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद हजारों की संख्या में होटल बुकिंग और फ्लाइट्स टिकट कैंसिल हुए हैं। अलग-अलग पोस्ट में कहा जा रहा है कि भारतीयों ने मालदीव में 8000 से ज्यादा होटल बुकिंग और 2500 फ्लाइट टिकट कैंसिल किए हैं। हालांकि इन आंकड़ों की हम कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करते हैं।