By अभिनय आकाश | Aug 08, 2024
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा लगातार देखने को मिल रही है। कई हिंदू के घर और मंदिर तोड़े जा रहे हैं। वहीं महिलाओं के साथ दुष्कर्म का भी आरोप लगा है। पुरुषों को जान से मारने की धमकी दी गई है। शेख हसीना के ढाका छोड़ने और देश में तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर बहुत ज्यादा हिंसा हो रही है। उनके धर्मस्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। दुकान हो या मकान सभी को आग के हवाले किया जा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल कि बांग्लादेश में हिंदुओं के मानवाधिकार को लेकर कोई आवाज कहीं से भी सुनाई नहीं पड़ रही है। न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई सुगबुगाहट है और नही हैशटैग चलाया जा रहा है। आज बांग्लादेश में सरकार का गठन होना है और रात 8 बजे शपथग्रहण भी होगा। सेना ने मोर्चा संभाला हुआ है। लेकिन इसके बावजूद भी हिंदुओं की सुनने वाला कोई नहीं है। 1 करोड़ 30 लाख हिंदू बांग्लादेश में हैं और उनके घर, संपत्ति से लेकर इज्जत तक दांव पर लगी है। बांग्लादेश के मौजूदा हालात में अल्पसंख्यों की सुरक्षा को लेकर भारत ने भी चिंता जताई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारत सरकार से वहां की स्थिति पर सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे सरकार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी ने कहा कि आरएसएस सरकार से अनुरोध करता है कि वह पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे, जहां राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य और इसके पूर्व महासचिव जोशी ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाए जाने की खबरें आई हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर जोशी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश एक अलग राष्ट्र है। यहां से स्वैच्छिक संगठन क्या कर सकते हैं, इसकी अपनी सीमाएं हैं। लेकिन हम (भारत) सरकार से वहां हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि सरकार इस दिशा में कदम उठाएगी।’’ व्यापक अशांति और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बीच बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि ऐसा हुआ है और ऐसी घटनाओं के बारे में खबरें आ रही हैं।
राजनीतिक विरोध प्रदर्शन में निशाने पर हिंदू क्यों?
बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद हुई हिंसा में कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई, महिलाओं पर हमला किया गया तथा अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद नेता काजोल देबनाथ ने कहा कि हमने देश के विभिन्न हिस्सों में हुई बर्बरता की कुछ घटनाओं को संकलित किया है, जिससे हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय चिंतित हैं। देबनाथ ने बताया कि उपलब्ध जानकारी के अनुसार, दो हिंदू नेताओं की उत्तर-पश्चिमी सिराजगंज और रंगपुर में हत्या कर दी गई, जो हसीना की अवामी लीग पार्टी के नेता थे। उन्होंने कहा कि परिषद अभी और जानकारी एकत्र कर रही है।