राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह ग्वालियर के लिये नहीं बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिये ऐतिहासिक क्षण है कि 100 वर्षों से अधिक समय से लग रहे इस ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेले की शुरूआत सिंधिया परिवार के पूर्वजों द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि शुरू में यह मेला एक पशु मेले के रूप में शुरू किया गया था। जिसका धीरे-धीरे विस्तार कर उनके पूज्य पिताजी स्व. माधवराव सिंधिया ने व्यापार मेले के रूप में पहचान दिलाई। इस मेले की पूरे देश में एक अपनी छवि एवं पहचान रही है। सिंधिया ने कहा कि मेले में वाहन पंजीयन से पहले जहां 100 करोड़ का व्यापार होता था, वहीं अब वाहनों के पंजीयन में छूट से 800 करोड़ का व्यापार होगा, जिससे राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा।
वही सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि यह खुशी की बात है कि आज ऐतिहासिक ग्वालियर व्यापार मेले की उदघोषणा हो रही है। जिससे मेले लगने का लोगों को इंतजार की घड़ी समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर का प्राचीन मेला 100 वर्षों से अधिक समय से लगातार संचालित हो रहा है, जो आगे भी चलता रहेगा।प्रदेश के प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि ग्वालियर का मेला भारत का सबसे प्राचीन मेला रहा है। जो तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने नागरिकों को मेला शुरू होने की शुभकामनायें दी। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि आज का दिन बड़े ही हर्ष का दिन है। ग्वालियर के ऐतिहासिक मेला लगातार 100 वर्षों से अधिक समय से लगता आ रहा है। इस मेले को देखने एवं खरीददारी करने मध्यप्रदेश के ही नहीं अन्य राज्यों के लोग भी मेले में आते हैं। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में ग्वालियर का मेला एक क्रांतिकारी मेला रहा है।