ग्वालियर का ऐतिहासिक व्यापार मेला १५ फरवरी से, वाहन पंजीयन पर मिलेगी छूट

By दिनेश शुक्ल | Feb 08, 2021

ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्वालियर का ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेला जो 105 वर्षों से संचालित हो रहा है। यह 15 फरवरी 2021 से विधिवत प्रारंभ होगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा रविवार को ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण द्वारा आयोजित मेला प्रांगण में कला रंगमंच से की। कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित सिंधिया समर्थक शिवराज कैबिनेट के सभी मंत्री और ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, मेला प्राधिकरण के सचिव एसएम श्रीवास्तव सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

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मुख्यमंत्री ने श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला के उदघोषणा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मेले का विधिवत शुभारंभ 15 फरवरी से किया जायेगा। इस मेले में खरीदे गए वाहनों के पंजीयन पर छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर का व्यापार मेला सन् 1905 से अद्भुत पहचान लिए हुए है। इस मेले की शुरूआत कैलाशवासी माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी। मेले को आगे भी और पहचान बढ़े, इसके लिये सभी के सहयोग से विचार-विमर्श कर भव्यता प्रदान की जायेगी। 

 

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उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भर मप्र के साथ आत्मनिर्भर ग्वालियर के रूप में कार्य किया जायेगा। जिससे विकास के मामले में ग्वालियर आगे रह सके। ग्वालियर में उद्योग एवं व्यापार को लगातार बढ़ाने के लिये मेला प्रांगण का उपयोग किया जा सके, इसके लिये योजना बनाने के जिला प्रशासन को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना से निजात हेतु जो कदम उठाए और लोगों द्वारा सावधनियां बरतने के कारण कोरोना नियंत्रण में है। वैक्सीन के मामले में भारत ने दुनिया में एक नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। 

 

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मेले का लगातार आयोजन हो: केन्द्रीय मंत्री तोमर

इस दौरान कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि समाज में मेलों की कल्पना एवं विस्तार की जब बात हुई होगी। सबसे पहले ग्वालियर के प्राचीन एवं ऐतिहासिक मेले का नाम लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर का ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेला अपने नियत समय पर आयोजित होता था। लेकिन विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के कारण इस वर्ष मेले के आयोजन में विलंब हुआ है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर मेले के लगने का वर्ष भर बेसर्बी से लोग इंतजार करते थे। इस मेले के आयोजन से जहां लोगों का धंधा, व्यवसाय बढ़ता था। वहीं जरूरतमंदों को वर्ष भर के लिये रोजगार भी प्राप्त होता है। ग्वालियर व्यापार मेले के पास पर्याप्त अधोसंरचना होने के कारण इस मेले का विस्तार कर वर्ष के 8 माहों तक मेले का आयोजन किया जा सकता है।

 

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ग्वालियर के ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेले की शुरुआत सिंधिया परिवार ने की:

सिंधिया 

राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह ग्वालियर के लिये नहीं बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिये ऐतिहासिक क्षण है कि 100 वर्षों से अधिक समय से लग रहे इस ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेले की शुरूआत सिंधिया परिवार के पूर्वजों द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि शुरू में यह मेला एक पशु मेले के रूप में शुरू किया गया था। जिसका धीरे-धीरे विस्तार कर उनके पूज्य पिताजी स्व. माधवराव सिंधिया ने व्यापार मेले के रूप में पहचान दिलाई। इस मेले की पूरे देश में एक अपनी छवि एवं पहचान रही है। सिंधिया ने कहा कि मेले में वाहन पंजीयन से पहले जहां 100 करोड़ का व्यापार होता था, वहीं अब वाहनों के पंजीयन में छूट से 800 करोड़ का व्यापार होगा, जिससे राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा। 

 

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वही सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि यह खुशी की बात है कि आज ऐतिहासिक ग्वालियर व्यापार मेले की उदघोषणा हो रही है। जिससे मेले लगने का लोगों को इंतजार की घड़ी समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर का प्राचीन मेला 100 वर्षों से अधिक समय से लगातार संचालित हो रहा है, जो आगे भी चलता रहेगा।प्रदेश के प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि ग्वालियर का मेला भारत का सबसे प्राचीन मेला रहा है। जो तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने नागरिकों को मेला शुरू होने की शुभकामनायें दी। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि आज का दिन बड़े ही हर्ष का दिन है। ग्वालियर के ऐतिहासिक मेला लगातार 100 वर्षों से अधिक समय से लगता आ रहा है। इस मेले को देखने एवं खरीददारी करने मध्यप्रदेश के ही नहीं अन्य राज्यों के लोग भी मेले में आते हैं। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में ग्वालियर का मेला एक क्रांतिकारी मेला रहा है।