By अनन्या मिश्रा | Mar 06, 2023
हर साल नव संवत की शुरूआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती है। इस साल बुधवार 22 मार्च से हिंदू नववर्ष विक्रमी संवत 2080 शुरू हो रहा है। इस वर्ष ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले ग्रह बुध राजा बनेंगे और इनके मंत्री शुक्र होंगे। वहीं देवगुरू बृहस्पति सेनापति का कार्यभार संभालेंगे और संवत्सर के वाहन गीदड़ और सियार होंगे। वहीं ज्योतिषीय गणना और शास्त्रों के अनुसार, पिंगल नाम का यह हिंदू नववर्ष कई विचित्र घटनाओं और परिस्थितियों को जन्म देने वाला होगा। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं कि पंचांग की गणना इस विक्रमी संवत 2080 को लेकर क्या कहती है।
इन लोगों को मिलेगा लाभ
इस वर्ष ग्रहों के राजा बुध के होने पर व्यापारी वर्ग को फायदा होने वाला है। आपको बता दें कि बुध ग्रह के अच्छा होने से व्यापारी वर्ग को लाभ की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। व्यापारी वर्ग के लोगों को 22 मार्च 2023 से 8 अप्रैल 2024 के दौरान व्यापार में लाभ और उन्नति के योग बनेंगे। वहीं लेखक एवं चिकित्सा और शिल्पकार के क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी लाभ मिलता रहेगा। बता दें कि इन लोगों के लिए यस वर्ष सामान्य होने वाला है। लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। वहीं हेल्थ इंश्योरेंस के क्षेत्र में मार्केट का विस्तार होगा।
महिलाओं का बढ़ेगा प्रभाव
इस वर्ष संवत का मंत्री शुक्र के होने से महिला वर्ग के प्रभाव में वृद्धि होने के योग हैं। महिलाओं का प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगा। वहीं फिल्म उद्योग, मनोरंजन और फैशन के क्षेत्र में इस साल केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में आकर्षण और रुझान बढ़ेगा। इसके अलावा इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों का प्रभाव बढ़ने के साथ ही कमाई में भी अच्छी वृद्धि होगी।
सामाजिक और राजनीतिक तनाव
इस संवत का वाहन गीदड़ और सियार होने से कई तरह की दिक्कतें भी आएंगी। कहीं सूखा तो कहीं अतिवृष्टि से जनधन की हानि होगी। लोगों में बेचैनी का माहौल देखने को मिलेगा। साथ ही जनता के आपसी टकराव और संघर्ष होने के भी योग बनते दिखाई दे रहे हैं। इस टकराव से समाज और राजनीति में तनाव बढ़ने की संभावना है। वहीं देश के दक्षिणोत्तरी राज्यों की सत्ता में उथल-पुथल की स्थिति बनने के साथ ही सत्ता परिवर्तन भी होने की संभावना है। खाद्यानों और मोटे अनाज के दाम बढ़ेंगे।
मुस्लिम देशों में टकराव
इस नव संवत की कुंडली के अनुसार, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, टर्की, यमन, ईरान आदि मुस्लिम देशों में इस साल टकराव होने के साथ ही कई विस्फोटक घटनाएं भी देखने को मिल सकती हैं। सत्ता के विरोध के कारण मुस्लिम देशों में जन आंदोलन की भी स्थिति देखी जा सकती है। क्रूड ऑयल की कीमत में बढ़ोत्तरी होने के कारण पेट्रोल-डीजल की कीमत में भी उछाल देखने को मिलेगा।
वैश्विक राजनीति पर असर
एक साल से दो देशों यानि की रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। इन दोनों देशों के बीच हो रहे युद्ध से एक नए राष्ट्र के उदय होने की संभावना बनती नजर आ रही है। इसका वैश्विक राजनीति पर भी गहरा असर पड़ेगा। रूस और चीन की नजदीकियां बढ़ने के साथ ही अमेरिका एक नया राजनीतिक समीकरण बनाता नजर आएगा। आपको बता दें कि पिंगल संवत्सर को शुभ नहीं माना गया है। पिंगल संवत्सर राष्ट्रों और जन संगठनों के बीच समय-समय पर संघर्षों को होते देखा गया है। ऐसे में इस संवत्सर में एक अलग तरह के शीत युद्ध का वातावरण बन सकता है।
परमाणु युद्ध का खतरा
ज्योतिषीय गणना और शास्त्रों की मानें तो इस संवत में ग्रहों की स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है। इन ग्रहों की स्थिति से संकेत मिल रहे हैं कि इस संवत वर्ष दुनिया पर परमाणु युद्ध का खतरा बना रहेगा। इसी के साथ ही दुनिया के कई बड़े देशों का हथियारों पर बजट बढ़ेगा। राष्ट्रों में हथियारों की जमाबंदी के प्रति होड़ यानि कि प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी।