खिसियानी बिल्ली का खंभा नोंचक इंटरव्यू (व्यंग्य)

By रामविलास जांगिड़ | Oct 07, 2019

नमस्कार साथियों! आज हमारे चैनल पर उपस्थित है विश्व प्रसिद्ध खिसियानी बिल्ली! महान खिसियानी बिल्ली से बातचीत शुरू करने से पहले मैं आपको बता देना चाहता हूँ कि पिछले कई वर्षों से खिसियानी बिल्ली तमाम तरह के खंभों को नोंचती आई है। खंभे चाहे हरे हों या नीले। खंभे चाहे धार्मिक हों या अधार्मिक। नोंचने में खिसियानी बिल्ली को महारत हासिल है। जब इन्होंने फौज-फट्टे की मदद से जन्म लिया तब इन्होंने अपनी मां के पेट को भी नोंचना शुरू कर दिया था। खिसियानी बड़ी हुई। अपने खंभे नोंचने की महानता को वे आगे संसद तक ले गई। इसी के फलस्वरूप आज पूरी दुनिया में खिसियानी बिल्ली ने अपना स्थान पाकिस्तान में बना लिया है।

इसे भी पढ़ें: बापू आ जाओ आपका जन्मदिन मनाना है (व्यंग्य)

स्वागत है! खिसियानी बिल्ली जी! आपसे पहला सवाल है कि आपने खंभे नोंचने की इस गधापंती में महारत कैसे हासिल की? देखिए आपका सवाल बिल्कुल जायज है। मैं यह सोचती हूं कि नोंचने का काम मैंने जन्म से ही सीखा। जब मैं कुछ नहीं कर पाती या मेरे हाथ कुछ नहीं लगता तो मैं खंभे पे चढ़कर उसे नोंचने लगती। बचपन से ही कश्मीर-कश्मीर कहकर मैं अपने बाल नोंचती। जब से पाकिस्तान में आई हूँ तब से मेरा यह काम फुल टाइम बन गया है। अब आप नोंचने का कार्यक्रम कहां-कहां करने जा रही हैं? वैसे मैं खंभे नोंचने का कार्यक्रम पूरी दुनिया में ही करती आई हूँ। मेरा काम लगातार यही है कि मैं पूरी दुनिया में जाकर तमाम तरह के खंभों को नोंचूं। अभी इस वक्त मैं सबसे पहले यूएनओ जाऊंगी। उसके बाद अमेरिका जाकर विभिन्न प्रकार के खंभों को नोंचूंगी। फिर मुझे चाइना जाना है। वहां भी मैं नोचा-नोची की खंभापंथी करूंगी। तमाम तरह के खंभे नोंचने का यह अखिल वैश्विक कार्यक्रम चलता रहेगा। जब तक कि खंभे स्वयं अपने आपको नोंचने न लग जाएं।

इसे भी पढ़ें: बंगला छूटे ना तोरी कसम (व्यंग्य)

खिसियानी जी! मुझे यह बताइए कि आपके नाम से पहले खिसियानी विशेषण क्यों लगा? देखिए मैं जन्म से ही खिसियाती रही। मुझे मेरे काम व मेरे घर में मन नहीं लगता। मैं अपनी कुर्सी बचाने के लिए इधर-उधर झपट्टा मारती रहती। पब्लिक को पागल बनाती फिरती। पास पड़ोस के लोगों को तंग करती। डांस करने के लिए नौ मन तेल मांगती। नाचना आता नहीं और आंगन टेढ़ा होने के गीत सुनाती। इस तरह की योग्यताएं मुझमें आने लगीं तो लोगों ने मुझे खिसियानी अलंकार की मानद उपाधि दी। इस तरह से मैं एक बिल्ली मौसी से खिसियानी बिल्ली बन गई।

 

खिसियानी जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद! लेकिन अब आप बताइए कि इन दिनों आप कौन-कौन से खंभे नोंचने जा रही है? आपका सवाल समकालिक है। अभी मैं इन दिनों धारा 370 का खंभा नोंचने के लिए यूएनओ जा रही हूँ। इसके साथ-साथ धारा 35ए का खंभा नोंचने का कार्यक्रम भी है। बीच-बीच में जंग की धमकी देने के खंभे नोंचने का भी कार्यक्रम करूंगी। खिसियानी जी! आप अपनी गरीबी, बेकारी व अशिक्षा के बारे में कभी बात नहीं करतीं। मामला क्या है? देखिए मुझे गरीबी, बेकारी, अशिक्षा आदि के मामलों में फँसकर कुर्सी नहीं गंवानी है। मुझे खिसियानी बिल्ली की जो मानद उपाधि मिली है; उसे मिट्टी में नहीं मिलाना है। गरीबी, बेकारी, अशिक्षा जैसी बातों पर लड़ना झगड़ना मूर्ख समझदारों का काम है। मैं ऐसे काम हरगिज नहीं करती। कहते हुए खिसियानी बिल्ली एंकर को नोंचने लग गई। उसने उछल कर कैमरामैन व कैमरे को सामूहिक बलात् नोंचना शुरू कर दिया। 

 

-रामविलास जांगिड़

प्रमुख खबरें

Prashant Kishor health | प्रशांत किशोर की तबीयत बिगड़ी, BPSC परीक्षा विवाद को लेकर घर पर जारी रखी थी भूख हड़ताल

Tibet Earthquake | चीन के तिब्बत क्षेत्र में आए कई भूकंपों से 53 लोगों की मौत, बढ़ सकता है मरने वालों का आंकड़ा, भारत के कुछ हिस्सों में महसूस हुए तेज झटके

Paush Durga Ashtami 2025:पौष दुर्गाष्टमी व्रत से होती है मनोवांछित फलों की प्राप्ति

HMPV Advisory| उत्तराखंड ने HMPV के प्रसार को रोकने के लिए जारी की एडवाइजरी, उठाए ये कदम