विदेशों में अध्ययन के लिए जाने वाले हिमाचलियों को विदेशी रहन सहन समझने में मदद करेगी हिमाचली प्रवासी ग्लोबल एसोसिएशन

By विजयेन्दर शर्मा | Nov 22, 2021

शिमला। दुनिया भर में प्रवासी हिमाचलियों को जोड़ने और उनकी सहायता के उदेश्य से गठित ‘हिमाचली प्रवासी ग्लोबल एसोसिएशन’ अब विदेशों में नौकरीपेशा और अध्ययन के लिए जाने वाले हिमाचलियों को स्थापित करने में भी मदद करेगी। 

 

हिमाचल प्रवासी ग्लोबल एसोसिएशन एक गैर-लाभकारी संगठन है जो कनाडा में उन हिमाचली लोगों की मदद करने के लिए काम कर रही है जो नौकरीपेशा हैं या अध्ययन के उद्देश्य से विदेश जाते हैं। संस्था अप्रवासियों और छात्रों को यहाँ बसने में भरपूर मदद कर रही है। संस्था यहां आने वाले लोगों को स्थानीय संस्कृति से परिचय करवाती है।कनाडा के आलावा संस्था अन्य देशों में भी विस्तार कर प्रवासी हिमाचलियों को जोड़कर वहां आने वाले हिमाचलियों को अपना सहयोग करेगी।

  

इसे भी पढ़ें: उप चुनावा में में मिली हार हमारे लिये चेतावनी है, अब अगले चुनाव में कड़ी मेहनत के साथ उतरेंगे जय राम ठाकुर

 

संस्था हिमाचल के सांस्कृतिक मूल्यों और अपनेपन को बढ़ावा देने के साथ प्रवासी भारतीयों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायता करती है। संस्था हिमाचल के विकास में सामाजिक और आर्थिक रूप से योगदान देगी और स्वास्थ्य, पर्यटन के प्रति जागरूकता अभियान चलाएगी। संस्था विदेशों में हिमाचली समुदाय की आवाज बुलंद करेगी। विदेशों में आने वाले नए लोगों के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों को चलाएगी। 

 

इसे भी पढ़ें: हिमाचल के बीड़ बिलिंग में सुरक्षा नियमों की अनदेखी से पैराग्लाइडिंग के दौरान युवक की मौत

 

संस्था से जुड़े कनाडा के प्रवासी हिमाचली भाग्या चन्द्र ने कहा कि इसके लिए उन्होंने कनाडा और हिमाचल के शीर्ष संगठनों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया है ताकि नौकरीपेशा और अध्ययन के उद्देश्य से विदेश आने वाले हिमाचलियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न उठानी पड़े। उन्होंने हिमाचल के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ), परोपकारी संगठन, सरकारी अधिकारी, मीडिया ग्रुप और सभी हिमाचली प्रवासियों को नौकरी और अध्ययन के उद्देश्य से विदेश आने वालों हिमाचलियों की मदद करने और इस मुहिम में शामिल होने का निवेदन किया है ।

 

इसे भी पढ़ें: जनमंच में बुजुर्ग महिला ने हाथों में थैला लिए रजिस्ट्री कराने की लगाई फरियाद, बिक्रम बोले तुरंत करो कार्रवाई

 

भाग्या चन्द्र का कहना है कि हर साल, विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारतीय छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेशी देशो की ओर आकर्षित होने का मुख्य कारण पाठ्यक्रमों और करियर विकल्पों की उपलब्धता है । उनका कहना है कि ग्लोबलाइज़ेशन के इस दौर में कामयाबी के लिए इससे वो अलग भाषा और संस्कृति वाले लोगों से तालमेल बिठाना सीखेंगे। मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करना उनके लिए आसान होगा। इससे हमें गलोबल सिटिज़न बनने में आसानी होगी। 

प्रमुख खबरें

आईसीसी और बीसीसीआई अधिकारियों के साथ चैम्पियंस ट्रॉफी विवाद सुलझाने को कोई बैठक नहीं : PCB

भारतीयों को ब्रांड भारत बनाने के लिए पश्चिम के फरमानों पर ध्यान नहीं देना चाहिए: Sitharaman

केंद्रीय मंत्री Manohar Lal ने लेह में एनटीपीसी की हरित हाइड्रोजन बसों को हरी झंडी दिखाई

महाराष्ट्र में झूठ, छल और फरेब बुरी तरह हारा, PM Modi बोले- विकसित भारत का मजबूत हुआ संकल्प, झारखंड में करेंगे तेज विकास