By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 09, 2022
धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश)/ नयी दिल्ली| हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में राज्य विधानसभा परिसर के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे लटकाए जाने और इसकी दीवारों पर कुछ आपत्तिजनक नारे लिखे जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ‘‘कायरतापूर्ण’’ कृत्य की निंदा की, वहीं चुनावी राज्य में पैठ बनाने का प्रयास कर रही आम आदमी पार्टी (आप) ने इस घटना को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार में ‘सुरक्षा नाकामी’ करार दिया। पुलिस ने बताया कि विधानसभा परिसर के मुख्य गेट नंबर एक की बाहरी तरफ ये झंडे लटके मिले जिन्हें प्रशासन ने हटा दिया। हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र अमूमन धर्मशाला में आयोजित होता है।
कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक कुशल शर्मा ने कहा, ‘‘यह घटना संभवत: देर रात या आज सुबह-सुबह हुई होगी। हमने विधानसभा गेट से खालिस्तानी झंडे हटा दिए हैं। हम इसकी जांच कर रहे हैं और इस संबंध में मामला दर्ज करने जा रहे हैं।’’ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
जयराम ठाकुर ने ट्वीट किया, ‘‘मैं रात के अंधेरे में धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर खालिस्तान के झंडे लगाने की कायराना घटना की निंदा करता हूं। वहां केवल विधानसभा का शीतकालीन सत्र आयोजित होता है और इसलिए केवल उसी समय के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता होती है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हिमाचल सौहार्दपूर्ण राज्य है और यहां शांति कायम रहनी चाहिए। धर्मशाला में हुई घटना के दोषी जहां भी होंगे उन्हें शीघ्र पकड़ा जाएगा। उन लोगों का यह कायरतापूर्ण दौर अब अधिक नहीं चलेगा। निश्चित तौर पर इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’
धर्मशाला की उपजिलाधिकारी शिल्पी बेक्ता ने कहा, ‘‘हमें आज सुबह करीब साढ़े सात बजे यह सूचना मिली। हमने झंडे हटा दिए हैं और दीवारों को फिर से रंगा गया है। हम मामले की जांच कर रहे हैं और हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक स्थान विरूपण (रोकथाम) कानून के तहत मामला दर्ज करने जा रहे हैं।’’ इस बीच, आप ने भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा कि जब वह राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही तो उसकी सरकार देश के लोगों को कैसे बचाएगी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘पूरी भाजपा एक गुंडे को बचाने में लगी है और उधर खालिस्तानी झंडे लगाकर चले गए। जो सरकार विधानसभा ना बचा पाए, वो जनता को कैसे बचाएगी। ये हिमाचल की आबरू का मामला है, देश की सुरक्षा का मामला है। भाजपा सरकार पूरी तरह विफल हो गयी है।’’
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सिंह ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व ऐसे कृत्यों के जरिए देश में शांति और भाईचारे के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘हिमाचल प्रदेश विधानसभा के गेट पर खालिस्तान के झंडे लगाने के कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं। यह हाशिए पर खड़े उन असामाजिक तत्वों का कृत्य है जो हमारे देश की शांति और भाईचारे को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय से इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।’’ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘धर्मशाला विधानसभा के प्रवेश द्वार पर खालिस्तान के झंडे व दीवारों पर नारे लिखे जाना जहां दुर्भाग्यपूर्ण है, वहीं उस जगह पर सीसीटीवी का काम न करना और न ही सुरक्षाकर्मियों का होना प्रशासन तथा सुरक्षा एजेंसियों पर भी सवालिया निशान लगाता है।
शर्मा ने कहा, ‘‘देश की अखंडता के लिए हम हिमाचलवासी अपनी जान तक दे देंगे पर ऐसी ताकतों को पनपने नहीं देंगे।’’
इस बीच, एंटी टेररिस्ट फ्रंट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने मांग की कि विधानसभा गेट पर खालिस्तान के झंडे लगाने वाले तथाकथित खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाए। स्थानीय विधायक विशाल नेहरिया ने इस घटना को घिनौना और रात के अंधेरे में किया गया कायरतापूर्ण कृत्य करार दिया।
विधायक ने कहा, ‘‘हम हिमाचल प्रदेश के लोग और सभी भारतीय तथाकथित खालिस्तान के समर्थकों की किसी भी धमकी से नहीं डरते।