By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 29, 2022
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा जारी उन मांग पत्रों को रद्द कर दिया है, जो प्राधिकरण ने भारत सीरम एंड वैक्सीन और बर्ड हेल्थकेयर इंडिया को दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर अधिक शुल्क लेने का दोषी ठहराते हुए जारी किए थे। उच्च न्यायालय ने भारत सीरम और बर्ड द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं को स्वीकार करते हुए एनपीपीए को दोनों कंपनियों द्वारा देय राशि, यदि कोई हो, की दोबारा गणना की एक नयी कवायद शुरू करने के लिए कहा। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने 90 पन्नों के अपने आदेश में कहा, ‘‘ तदनुसार और उपरोक्त सभी कारणों से रिट याचिकाएं स्वीकृत रहेंगी।
भारत सीरम से संबंधित पांच जुलाई, 2018 और 26 जून, 2018 तथा 22 अक्टूबर, 2020 के आदेश के अलावा बर्ड से संबंधित सात नवंबर, 2019 के मांग पत्र रद्द रहेंगे।’’ अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की अंतिम देय राशि की गणना करते समय एनपीपीए उस जमा राशि के भुगतान को भी ध्यान में रखेगा, जो याचिकाकर्ताओं द्वारा वर्तमान मुकदमे के लंबित रहने के दौरान और आदेशों के अनुसार किया गया हो।
याचिकाओं में एनपीपीए द्वारा औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के तहत जारी उन मांग पत्रों को चुनौती दी गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता कंपनियों को अधिक शुल्क लेने का दोषी ठहराया गया था और इस तरह उसे ब्याज सहित अधिक राशि जमा करने के लिए उत्तरदायी ठहराया गया था।