By अंकित सिंह | Jan 06, 2025
भारत में अब तक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के तीन मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से दो कर्नाटक में और एक गुजरात में है। हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह कोई नया रोगज़नक़ नहीं है। उन्होंने कहा कि नियमित फ्लू शॉट्स या यहां तक कि तीन कोविड वैक्सीन की खुराक व्यक्ति को इस संक्रमण से प्रतिरक्षित बनाती है। वहीं, अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का भी बयान सामने आया है।
जेपी नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहचान पहली बार 2001 में हुई थी और यह कई सालों से पूरी दुनिया में घूम रहा है। एचएमपीवी श्वसन के माध्यम से हवा में फैलता है। यह सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत महीनों के दौरान अधिक फैलता है। हालिया रिपोर्टों पर, चीन में एचएमपीवी के मामले, स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र चीन के साथ-साथ पड़ोसी देशों की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। WHO ने स्थिति का संज्ञान लिया है और शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट हमारे साथ साझा करेगा।
नड्डा ने कहा कि आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के पास उपलब्ध श्वसन वायरस के देश के आंकड़ों की भी समीक्षा की गई है और भारत में किसी भी सामान्य श्वसन वायरल रोगजनकों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। स्थिति की समीक्षा के लिए 4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह की बैठक हुई। उन्होंने कहा कि देश की स्वास्थ्य प्रणालियाँ और निगरानी नेटवर्क सतर्क रहते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है। चिंता का कोई कारण नहीं है। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।