By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 24, 2018
नयी दिल्ली। बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के वृक्ष प्राधिकरण को पेड़ों की कटाई के लिए अनुमति देने से रोक दिया। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि नागरिक निकाय के पेड़ प्राधिकरण पैनल में स्वतंत्र विशेषज्ञों की नियुक्ति कानूनन अनिवार्य है और यह कोई "विकल्प" नहीं है।
न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति एम एस सोनक की पीठ ने कहा कि बीएमसी का वृक्ष प्राधिकरण पेड़ों को काटने के लिए अनुमति मांगने वाले आवेदनों पर फैसला नहीं करेगा। हालांकि, अदालत ने बीएमसी आयुक्त को आपातकालीन परिस्थितियों में पेड़ों को काटने की अनुमति देने के लिए मंजूरी दे दी जहां उनसे संपत्ति या लोगों के लिए खतरा पैदा होता हो।
अदालत ने कार्यकर्ता जोरू बथेना द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में मांग की गयी है कि वृक्ष प्राधिकरण को शहर में कहीं भी पेड़ काटने के लिए अनुमति देने से रोका जाए क्योंकि इसका गठन कानून के अनुसार नहीं किया गया है। याचिका के अनुसार प्राधिकरण में कोई स्वतंत्र विशेषज्ञ नहीं हैं और जो पार्षद पैनल के सदस्य हैं, उन्हें पेड़ काटने की अनुमति देने या नहीं देने के संबंध में कोई विशेषज्ञता नहीं है।