By अभिनय आकाश | Sep 25, 2024
अक्षय शिंदे के पिता द्वारा बदलापुर घटना में याचिका दायर करने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को सभी केस के कागजात राज्य सीआईडी को सौंपने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने सवाल किया कि फाइलें अभी तक सीआईडी को क्यों नहीं सौंपी गई हैं? कोर्ट ने कहा कि हालांकि वह इस स्तर पर कोई संदेह नहीं जता रहा है, लेकिन यह विश्वास करना बहुत कठिन है कि अक्षय शिंदे ने एक पुलिस अधिकारी से पिस्तौल छीन ली और गोली चला दी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी के पिता की याचिका पर सुनवाई की।
हाई कोर्ट ने कहा कि बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की मुठभेड़ में हुई मौत की जांच निष्पक्ष तरीके से की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि अगर पुलिस ने पहले शिंदे को काबू करने की कोशिश की होती तो गोलीबारी से बचा जा सकता था और इस बात पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि उसने एक पुलिस अधिकारी से पिस्तौल छीनकर गोलियां चलाईं। अदालत ने पूछा कि आरोपी को पहले हाथ या पैर के बजाय सीधे सिर में गोली क्यों मारी गई? न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि अगर उसे पता चला कि जांच ठीक से नहीं हो रही है, तो वह उचित आदेश पारित करने के लिए बाध्य होंगी।
24 वर्षीय शिंदे पर महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर शहर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था। पुलिस के अनुसार, अक्षय शिंदे को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज करायी गयी एफआईआर से जुड़े मामले की जांच के सिलसिले में पुलिस वाहन में नवी मुंबई की तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था। इस दौरान ठाणे में मुंब्रा बाईपास के पास उसने कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल छीन ली, जिसके बाद हुई गोलीबारी में उसकी मौत हो गई।